पाली. जिले में संचालित होने वाली 600 से ज्यादा कपड़ा इकाइयों पर एनजीटी की सख्ती है. इसके बावजूद भी पाली में कपड़ा उद्यमी और अधिकारी इस बात को लेकर किसी भी प्रकार से सचेत नजर नहीं आ रहे हैं. शनिवार देर रात को बांडी नदी में प्रदूषित पानी को रोकने के लिए बनाए गए धोरों में दरार आ गई और धोरे टूट गए. जिससे प्रदूषित रंगीन पानी नदी में फिर से बहने लगा.
बता दें कि नदी में प्रदूषित पानी बहने की जानकारी के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी व पाली एसडीएम रोहिताश्व सिंह तोमर रात को बांडी नदी में पहुंचे. जिसके बाद बांडी नदी में टूटे धोरे को फिर से दुरुस्त किया गया, लेकिन इस बात की जानकारी मिलने तक नदी में खासा रंगीन और प्रदूषित पानी बह गया. ऐसे में एक बार फिर से अधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर वहां नजर आई. बांडी नदी में शनिवार रात को धोरे टूटने के पीछे कारण फैक्ट्रियों से क्षमता से अधिक पानी निकालना बताया जा रहा है. इसके कारण ट्रीटमेंट प्लांट 6 नंबर ओवरफ्लो होकर बहने लगा. यह पानी धोरो को एक किनारे से तोड़कर बांडी नदी में बहने लगा.
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जिले में इस बार अच्छी बारिश के चलते नेहड़ा बांध पूरी तरह से साफ पानी से लबालब था. ऐसे में किसानों की मांग पर प्रशासन ने कपड़ा इकाइयों से निकलने वाली रंगीन पानी को बांडी नदी में पाली शहर की सीमा में ही रोकने के लिए तीन अलग-अलग स्थानों पर धोरे लगाए थे.
जिसे नेहड़ा बांध खाली होने तक यह रंगीन पानी पाली शहर की सीमा में ही इकट्ठा रहें लेकिन शनिवार रात को क्षमता से अधिक फैक्ट्री संचालकों द्वारा पानी नालों में बहाने से अधूरे टूट गए और पानी पानी नदी में बहने लगा. हालांकि, रविवार तड़के तक इन सभी दोनों को दुरुस्त कर दिया गया.