पाली. प्रदेश में लॉकडाउन का 17वां दिन है. लॉकडाउन ने दिहाड़ी मजदूरों के सामने आर्थिक संकट पैदा कर दिया है. जिले में कपड़ा उद्योग में काम करने वाले मजदूर अब अपने परिवार का पेट पालने के लिए ठेले पर सब्जी बेच रहे हैं. ऐसे में एकाएक शहर में सब्जी के ठेलों की संख्या बढ़ गई है.
पूरे देश में लॉकडाउन के चलते जिले में भी दिहाड़ी मजदूरों की माली हालत खराब होने लगी है. पिछले 17 दिनों से दिहाड़ी मजदूर अपने घरों में ही बैठे हैं. इन मजदूरों को कोई भी रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे में परिवार को पालने के लिए अब वह अपने घर से कोई भी रोजगार करने के लिए बाहर निकलने लगे हैं. इसके तहत प्रशासन ने आवश्यक सामग्रियों की दी गई छूट के चलते अब मजदूरी करने वाले और अन्य लोग सब्जी और फल बेचने लगे हैं. ऐसे में पिछले 10 दिनों में पाली में सब्जी फलों को बेचने वाले लोगों की तादाद अचानक से बढ़ चुकी है. हर गली मोहल्ले में अब लोग सब्जी व फलों के ठेले लगाने लगे हैं. शहर में औसतन 400 ठेले लगने शुरू हो गए हैं.
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आपको बता दें कि पाली में 600 से ज्यादा कपड़ा इकाई संचालित होती है. जिसमें करीब 40 हजार से ज्यादा श्रमिक कार्य करते हैं. लॉकडाउन के चलते यह सभी कपड़ा इकाइयां बंद पड़ी हैं. वहीं जिले में अन्य भवन निर्माण कार्य और दुकानें सभी बंद पड़ी हैं. इसके चलते सभी श्रमिक बेरोजगार हो चुके हैं. अब इन लोगों को किसी भी प्रकार का रोजगार नहीं मिल पा रहा है.
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ऐसे में इन लोगों का सीधे तौर पर कहना है कि परिवार के पेट पालने के लिए अब वह सब्जी फलों का ठेला लगाना उनकी मजबूरी बन चुका है. यह लोग सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक गली-गली घूम सब्जी और फल बेच रहे हैं. जिससे उस से आने वाली कमाई से वे अपने परिवार का पेट पाल सके.