ETV Bharat / state

स्पेशल रिपोर्ट: पाली में बाढ़ से मची तबाही ने छीनी 16 जिंदगियां...धीरे-धीरे आम जिंदगी पटरी पर लाने में जुटा प्रशासन

राजस्थान के पाली जिले को बीते दिनों बाढ़ के हालातों का सामना करना पड़ा. सैंकड़ों लोग इससे प्रभावित हुए, शहर की कई बस्तियां जलमग्न रही और अंधेरे में डूबी रहीं. लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सुधरने लगे हैं.

पाली में 16 की मौत, flood in Pali district
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 9:08 PM IST

पाली. जिले में भले ही मानसून ने 45 दिन बाद अपनी दस्तक दी. लेकिन जब मेघा बरसे तो जिले को बाढ़ के हालातों से गुजरना पड़ा. पाली शहर की 26 से ज्यादा बस्तियां कई दिनों तक पूरी तरह से जलमग्न रही. कई जीएसएस पानी में डूब जाने के कारण कई दिनों तक क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा. यहां तक कि 16 इंसानी जिंदगियां भी इन हालातों में छिन गई. लेकिन अब धीरे-धीरे हालात में सुधार हो रहा है.

बाढ़ का पानी बस्तियों से भले ही उतर चुका है. लेकिन अब रुका हुआ पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस रुके हुए पानी से कई बस्तियों में कीचड़ व लोगों के घरों को नुकसान पहुंचने के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर हालातों का जायजा ले रहे हैं.

बाढ़ के हालातों से पटरी पर लौट रही जिंदगी

पढे़ंः स्पेशल रिपोर्ट: कहीं घी घणा, कहीं थोथा चणा, बाजरा मांग रहा अपनी अंतिम प्यास

10 दिनों तक कई बस्तियों के सम्पर्क टूटा
पाली में हुई बाढ़ की स्थिति के दौरान कई बस्तियों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया था. लोग घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए थे. पाली के नयागांव, पठान कॉलोनी, हैदर कॉलोनी, रामदेव रोड, रजत नगर, सूर्या कॉलोनी, मारुति नंदन नगर, नाकोडा नगर, बजरंग नगर, जवाहर नगर सहित 26 के करीब बस्तियां 3 से 4 फीट पानी में डूब गई थी. वहीं कई दिनों तक बिजली सुचारू नहीं होने से लोग अंधेरे के साए में रहे. इस दौरान जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने बस्तियों में राहत सामग्री भी पहुंचाई थी.

29 बांध पर चल रही चादर
जिले में जल संसाधन विभाग के अधीन 52 बांध हैं. इन सभी बांध में से 29 बांध पूरी तरह से भर चुके हैं. और कई दिनों से उस पर चादर चल रही है. वहीं पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा जवाई बांध अभी 49 फीट के गेज पर पहुंच चुका है.

पढे़ंः भीष्म पितामाह ने ऐसे किया पिंडदान की तृप्त हो गए कुल 1000, इन 16 खंभों का है विशेष महत्व


डेढ़ माह में 16 मौत
इस दौरान जिले में होने वाली मौत का आंकड़ा भी दर्दनाक दिखाई दिया. 15 अगस्त से शुरू हुई बारिश के बाद कई नदी नाले उफान मारने लगे. कई बरसाती गड्ढे भी पूरी तरह से लबालब हो गए. आधिकारिक तौर पर इस बीच पाली जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 16 लोगों की मौत दर्ज की गई.

लोग जता रहे आक्रोश
शहर की कई बस्तियां हैं. जहां बरसात का पानी उतरने के बाद समस्याएं बढ़ गई हैं, इसको लेकर लोग हर दिन अपना आक्रोश भी जताते रहे हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई हों यां रोजमर्रा की जिंदगी, इन बस्ती के लोगों को हर साल इन हालातों से दो-चार होना पड़ता है. लेकिन कोई ठोस एक्शन प्लान अभी तक नहीं बनाया गया है. ऐसे में लोगों के बीच प्रशासन के प्रति गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.

पढे़ंः क्या सैलानियों का जैसलमेर से हो रहा है मोह भंग ?... देखिए खास रिपोर्ट

प्रशासन बना रहा एक्शन प्लान
वहीं जिले के अधिकारियों की माने तो ज्यादातर जलमग्न बस्तियां बहाव क्षेत्र में बसी हैं. इस वजह से हर बार यहां बरसात के दिनों में बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं. जिला कलेक्टर ने हमें बताया कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. उनका दावा है कि जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.

पाली. जिले में भले ही मानसून ने 45 दिन बाद अपनी दस्तक दी. लेकिन जब मेघा बरसे तो जिले को बाढ़ के हालातों से गुजरना पड़ा. पाली शहर की 26 से ज्यादा बस्तियां कई दिनों तक पूरी तरह से जलमग्न रही. कई जीएसएस पानी में डूब जाने के कारण कई दिनों तक क्षेत्र अंधेरे में डूबा रहा. यहां तक कि 16 इंसानी जिंदगियां भी इन हालातों में छिन गई. लेकिन अब धीरे-धीरे हालात में सुधार हो रहा है.

बाढ़ का पानी बस्तियों से भले ही उतर चुका है. लेकिन अब रुका हुआ पानी लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस रुके हुए पानी से कई बस्तियों में कीचड़ व लोगों के घरों को नुकसान पहुंचने के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि अधिकारी विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर हालातों का जायजा ले रहे हैं.

बाढ़ के हालातों से पटरी पर लौट रही जिंदगी

पढे़ंः स्पेशल रिपोर्ट: कहीं घी घणा, कहीं थोथा चणा, बाजरा मांग रहा अपनी अंतिम प्यास

10 दिनों तक कई बस्तियों के सम्पर्क टूटा
पाली में हुई बाढ़ की स्थिति के दौरान कई बस्तियों का संपर्क मुख्यालय से टूट गया था. लोग घरों में कैद होने पर मजबूर हो गए थे. पाली के नयागांव, पठान कॉलोनी, हैदर कॉलोनी, रामदेव रोड, रजत नगर, सूर्या कॉलोनी, मारुति नंदन नगर, नाकोडा नगर, बजरंग नगर, जवाहर नगर सहित 26 के करीब बस्तियां 3 से 4 फीट पानी में डूब गई थी. वहीं कई दिनों तक बिजली सुचारू नहीं होने से लोग अंधेरे के साए में रहे. इस दौरान जनप्रतिनिधियों व समाजसेवियों ने बस्तियों में राहत सामग्री भी पहुंचाई थी.

29 बांध पर चल रही चादर
जिले में जल संसाधन विभाग के अधीन 52 बांध हैं. इन सभी बांध में से 29 बांध पूरी तरह से भर चुके हैं. और कई दिनों से उस पर चादर चल रही है. वहीं पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा जवाई बांध अभी 49 फीट के गेज पर पहुंच चुका है.

पढे़ंः भीष्म पितामाह ने ऐसे किया पिंडदान की तृप्त हो गए कुल 1000, इन 16 खंभों का है विशेष महत्व


डेढ़ माह में 16 मौत
इस दौरान जिले में होने वाली मौत का आंकड़ा भी दर्दनाक दिखाई दिया. 15 अगस्त से शुरू हुई बारिश के बाद कई नदी नाले उफान मारने लगे. कई बरसाती गड्ढे भी पूरी तरह से लबालब हो गए. आधिकारिक तौर पर इस बीच पाली जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में 16 लोगों की मौत दर्ज की गई.

लोग जता रहे आक्रोश
शहर की कई बस्तियां हैं. जहां बरसात का पानी उतरने के बाद समस्याएं बढ़ गई हैं, इसको लेकर लोग हर दिन अपना आक्रोश भी जताते रहे हैं. स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई हों यां रोजमर्रा की जिंदगी, इन बस्ती के लोगों को हर साल इन हालातों से दो-चार होना पड़ता है. लेकिन कोई ठोस एक्शन प्लान अभी तक नहीं बनाया गया है. ऐसे में लोगों के बीच प्रशासन के प्रति गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है.

पढे़ंः क्या सैलानियों का जैसलमेर से हो रहा है मोह भंग ?... देखिए खास रिपोर्ट

प्रशासन बना रहा एक्शन प्लान
वहीं जिले के अधिकारियों की माने तो ज्यादातर जलमग्न बस्तियां बहाव क्षेत्र में बसी हैं. इस वजह से हर बार यहां बरसात के दिनों में बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं. जिला कलेक्टर ने हमें बताया कि इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है. उनका दावा है कि जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.

Intro:beginning from flash Beck


- मानसून सीजन 15 जून से शुरू, लेकिन पाली में 15 अगस्त को शुरू हुई बरसात

- पाली में 25 से ज्यादा बस्तियां हो गई थी जलमग्न

- पिछले डेढ़ माह में 16 से ज्यादा मौत बरसाती पानी से

- पाली की औसत बारिश 400 एमएम, लेकिन इस बार 20 दिनों में ही हुई 516 एमएम बारिश


पाली. पाली में भले ही मानसूनी सीजन के 45 दिन बाद अपनी दस्तक दी। लेकिन इस दस्तक के बाद पाली में बाढ़ के हालात पैदा हो गए। पाली की 26 से ज्यादा बस्तियां कई दिनों तक पूरी तरह से जल में डूब गई थी। वहीं कई जीएसएस पानी में डूब जाने के कारण कई दिनों तक पाली के कई क्षेत्र अंधेरे में रहे। लेकिन अब हालात में सुधार हो रहा है। बाढ़ का पानी पाली की उन बस्तियों से उतर चुका है। अब लोगों के लिए क्षेत्र में रुका हुआ पानी परेशानी का सबब बन रहा है। इस रुके हुए पानी से कई बस्तियों में कीचड़ व लोगों के घरों को नुकसान पहुंचाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि अभी प्रशासन की ओर से क्षेत्रों में भरे हुए पानी को निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।


Body:10 दिनों तक कई बस्तियों के सम्पर्क टूटा

पाली में हुई बाढ़ की स्थिति के दौरान कई बस्तियों का संपर्क पाली मुख्यालय से टूट गया था। पाली के नयागांव, पठान कॉलोनी, हैदर कॉलोनी, रामदेव रोड, रजत नगर, सूर्या कॉलोनी, मारुति नंदन नगर, नाकोडा नगर, बजरंग नगर, जवाहर नगर सहित 26 के करीब बस्तियां 3 से 4 फीट पानी में डूब गई थी। वहीं कई दिनों तक वहां बिजली सुचारू नहीं होने से लोग अंधेरे बॉर्डर के साए में रहे। इस दौरान जनप्रतिनिधियों व समाजसेवी द्वारा इन बस्तियों में राहत सामग्री भी पहुंचाई गई थी।

29 बांध पर चल रही चादर

जिले में जल संसाधन विभाग के अधीन 52 बांध है। इन सभी बांध में से 29 बांध पूरी तरह से भर चुके हैं। और कई दिनों से उस पर चादर चल रही है। वहीं पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा जवाई बांध अभी 49 फीट के गेज पर पहुंच चुका है।


डेढ़ माह में 16 मौत

जिले में 15 अगस्त से शुरू हुई बारिश के बाद कई नदी नाले उफान पर हैं। वहीं कई क्षेत्रों में बरसाती गड्ढे भी पूरी तरह से लबालब हो चुके हैं। ऐसे ही नदी और नालों में उतरने से पाली जिले में अलग-अलग हिस्सों में अब तक 16 मौत हो चुकी है।

प्रशासन बना रहा प्लान

जिले के अधिकारियों की माने तो ज्यादातर जलमग्न बस्तियां बहाव क्षेत्र में बसी है। ओर हर बरसात में बाढ़ के हालात पैदा हो जाते हैं। प्रशासन की ओर से इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्लान तैयार किया जा रहा है।

लोग जता रहे आक्रोश

शहर की कई बस्तियां हैं। जहां बरसात का पानी उतरने के बाद समस्याएं बढ़ गई है इसको लेकर लोग हर दिन अपना आक्रोश भी जता रहे हैं और शहर के अलग-अलग हिस्सों में प्रतिदिन लोगों द्वारा रास्ता जाम किए जा रहे हैं।


Conclusion:- भेजे गए विजुअल में पहली बाइट समस्या ग्रस्त मोहल्ले वासी की है

- दूसरी बाइट पाली एसडीएम रोहिताशवर सिंह तोमर की है

- तीसरी बाइट पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन की है

- चौथी बाइट मोहल्ले वासी की है

-पांचवी बाइट जल संसाधन विभाग के एक्सईएन रघुवीर सिंह सुमन की है
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.