पाली. शहर में लापरवाह उद्यमियों के कारण प्रदूषण की समस्या का हल नहीं निकल पा रहा है. गुरुवार को एक बार फिर से औद्योगिक क्षेत्र में बहने वाले नाले आवरफ्लो होकर बाहर बहने लगे. जिससे उन नालों में प्रदूषित पानी नदी के सरहद तक पहुंच गया है. इस मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी एवं सीईटीपी के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे. जिला कलेक्टर द्वारा बनाई गई टीम के सदस्य भी मौके पर पहुंचे और नालों से रंगीन पानी के सैंपल लिए हैं. जिनकी जांच करवाई जाएगी.
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जानकारी के अनुसार गुरुवार दोपहर को प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि कपड़ा इकाइयों के औद्योगिक क्षेत्र में बहने वाले नाले जिन्हें रीको की ओर से रोका लगाकर बंद किया है. वह रंगीन पानी से आवरफ्लो हो गए हैं. इधर, जिला कलेक्टर द्वारा गठित की गई टीमों ने फैक्ट्रियों का क्लोजर ले रखा है. जिसके बाद भी नालों में आए रंगीन पानी की अब जांच तेज हो गई है. टीम की ओर से इन सभी बहने वाले रंगीन पानी के अलग-अलग सैंपल लिए गए हैं. जिनकी तुरंत जांच करवा कर रिपोर्ट मांगी गई है.
इधर, नगर परिषद के अधिकारियों को भी मौके पर बुला कर सीवरेज नालों के माध्यम से यहां तक पहुंचे इस पानी की जांच करने की और तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसमें जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और एनजीटी के नियमों के तहत उन पर जुर्माना लगाया जाए. बता दें कि एनजीटी की सख्ती और प्रदूषण नियंत्रण मंडल की चेयरमैन वीनू गुप्ता के पाली दौरे के बाद से प्रशासन की ओर से प्रदूषण के मामले में काफी सख्ती बढ़ती जा रही है. पिछले 1 सप्ताह में पाली में कई कार्रवाइयां भी हुई हैं और उन्हें 4 दिन के लिए बंद करने के निर्देश भी दिए हैं.