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पाली में रानी प्रधान चुनाव मामला, हाई कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई रोक

रानी पंचायत समिति में प्रधान के चुनाव में हथियारों के बल पर मतदान से वंचित रखने के आरोप में भाजपा से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य दुदाराम उर्फ दिनेश सीरवी की ओर से दर्ज कराए गए मामले में नारायण सिंह आकड़ा वास, गोविंद सिंह रोड वाडिया और अजय पाल सिंह हेमावास की ओर से हाईकोर्ट में दर्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. इस सुनवाई में रानी प्रधान चुनाव मामले में आरोपियों के खिलाफ 23 फरवरी तक कार्रवाई टालने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को मुकर्रर की है.

रानी पंचायत समिति, High court banned the action
पाली में रानी प्रधान चुनाव मामला
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Published : Feb 3, 2021, 11:16 AM IST

पाली. रानी पंचायत समिति में प्रधान के चुनाव में हथियारों के बल पर मतदान से वंचित रखने के आरोप में भाजपा से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य दुदाराम उर्फ दिनेश सीरवी की ओर से दर्ज कराए गए मामले में नारायण सिंह आकड़ा वास, गोविंद सिंह रोड वाडिया और अजय पाल सिंह हेमावास की ओर से हाईकोर्ट में दर्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. इस सुनवाई में रानी प्रधान चुनाव मामले में आरोपियों के खिलाफ 23 फरवरी तक कार्रवाई टालने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को मुकर्रर की है. इसके बाद ही पुलिस की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पाली में रानी प्रधान चुनाव मामला

बता दें, शेपटावास निवासी पंचायत समिति सदस्य दुदाराम उर्फ दिनेश सीरवी की ओर से रानी थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया कि रानी पंचायत समिति प्रधान के चुनाव से पहले उसे और उसके साथ पंचायत समिति सदस्य इंद्र सिंह राजपूत, लीला देवी और रतनाराम मेघवाल को भाजपा नेताओं के करीब 25 से 30 आरोपियों ने नारायण सिंह आंकड़ा वास के फार्म हाउस और कुंभलगढ़ रिसोर्ट में बंधक बनाकर रखा और बंदूक दिखा धमकाते हुए मतदान से वंचित रखा.

यह भी पढ़ेंः गहलोत, माकन और डोटासरा के बीच राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चला महामंथन, सीएम आवास पर आज होगी बैठक

इस मामले में भाजपा प्रभारी बाबू सिंह राठौड़, भाजपा जिलाध्यक्ष मनसा राम परमार, पार्षद सुरेश चौधरी, खेमाराम धारिया, नारायण प्रजापत के साथ भंवर सिंह मंडली, नारायण सिंह आकड़ा वास, प्रधान पति गिरधारी सिंह गुड़ा, किशन सिंह गोल्लागुड़ा, अजय पाल सिंह हेमावास, गोविंद सिंह ओल्ड बाडिया, नरपत सिंह और अमरजीत सिंह समेत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था.

वहीं, रानी प्रधान चुनाव के दौरान जिन प्रत्याशियों का अपहरण किया गया था, उनकी तरफ से मामला दर्ज करवाने के बाद से ही इन सभी को लगातार धमकियां मिल रही हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर इन पंचायत समिति सदस्यों की ओर से कई बार पुलिस अधीक्षक और जिला कलक्टर से मांग भी की जा चुकी है.

पाली. रानी पंचायत समिति में प्रधान के चुनाव में हथियारों के बल पर मतदान से वंचित रखने के आरोप में भाजपा से निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य दुदाराम उर्फ दिनेश सीरवी की ओर से दर्ज कराए गए मामले में नारायण सिंह आकड़ा वास, गोविंद सिंह रोड वाडिया और अजय पाल सिंह हेमावास की ओर से हाईकोर्ट में दर्ज याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की गई. इस सुनवाई में रानी प्रधान चुनाव मामले में आरोपियों के खिलाफ 23 फरवरी तक कार्रवाई टालने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट के न्यायाधीश विजय विश्नोई ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 फरवरी को मुकर्रर की है. इसके बाद ही पुलिस की ओर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.

पाली में रानी प्रधान चुनाव मामला

बता दें, शेपटावास निवासी पंचायत समिति सदस्य दुदाराम उर्फ दिनेश सीरवी की ओर से रानी थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे में आरोप लगाया गया कि रानी पंचायत समिति प्रधान के चुनाव से पहले उसे और उसके साथ पंचायत समिति सदस्य इंद्र सिंह राजपूत, लीला देवी और रतनाराम मेघवाल को भाजपा नेताओं के करीब 25 से 30 आरोपियों ने नारायण सिंह आंकड़ा वास के फार्म हाउस और कुंभलगढ़ रिसोर्ट में बंधक बनाकर रखा और बंदूक दिखा धमकाते हुए मतदान से वंचित रखा.

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इस मामले में भाजपा प्रभारी बाबू सिंह राठौड़, भाजपा जिलाध्यक्ष मनसा राम परमार, पार्षद सुरेश चौधरी, खेमाराम धारिया, नारायण प्रजापत के साथ भंवर सिंह मंडली, नारायण सिंह आकड़ा वास, प्रधान पति गिरधारी सिंह गुड़ा, किशन सिंह गोल्लागुड़ा, अजय पाल सिंह हेमावास, गोविंद सिंह ओल्ड बाडिया, नरपत सिंह और अमरजीत सिंह समेत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया था.

वहीं, रानी प्रधान चुनाव के दौरान जिन प्रत्याशियों का अपहरण किया गया था, उनकी तरफ से मामला दर्ज करवाने के बाद से ही इन सभी को लगातार धमकियां मिल रही हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर इन पंचायत समिति सदस्यों की ओर से कई बार पुलिस अधीक्षक और जिला कलक्टर से मांग भी की जा चुकी है.

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