पाली. शहर में प्रदूषण की समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल पाया है, लेकिन गत दिनों किसान आंदोलन और विधानसभा की पर्यावरण कमेटी के दौरे के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त हो गया है. शुक्रवार को बोर्ड की ओर से पाली के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष सीईटीपी के पूर्व अध्यक्ष अनिल मेहता और सुरेश गुप्ता के खिलाफ आपराधिक कृत्य के आरोप में एक इस्तगासा पेश किया गया है.
आरोप है कि मेहता व गुप्ता के अध्यक्ष रहने के कार्यकाल के दौरान पाली शहर के औद्योगिक क्षेत्र में सीईटीपी द्वारा संचालित ट्रीटमेंट प्लांट से निकले स्लज का निस्तारण नहीं किया. पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड का आरोप है कि नियमानुसार प्लांट से निकले स्लज के निस्तारण की जिम्मेदारी ट्रस्ट की है. वर्ष 2015 से 2019 के बीच ऐसा नहीं किया गया. 4 साल में ट्रीटमेंट प्लांट 6 से निकल 14 हजार टन स्लज प्लांट के पास ही छोड़ दिया. जिससे कि मलबे के ढेर लग गए.
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ऐसे में आरोप है कि 4 साल में प्लांट के पास स्लज का ढेर लग रहा है, जो बारिश के समय पानी के साथ मिलकर बांडी नदी में मिल गया. जिससे बांडी नेहड़ा बांध का पानी भी दूषित हो रहा है. पीसीबी के आरओ अमित शर्मा ने कोर्ट में बताया कि ट्रीटमेंट प्लांट के पास अभी स्लज के ढेर लगे हुए. इस संबंध में बोर्ड की ओर से जांच कराई गई तो पाया कि वर्ष 2015 से 2019 तक छह नंबर प्लांट से निकलने वाले स्लज का निस्तारण करने के बजाय पास ही खुले में छोड़ दिया गया, अब यह स्लज 14 हजार टन हो गया है.
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पाली के प्रदूषण की जांच रिपोर्ट जयपुर मुख्यालय को भेजी गई मुख्यालय के आदेश पर सीटीपी ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष अनिल मेहता और सुरेश गुप्ता के खिलाफ कोर्ट में आपराधिक कृत्य का इस्तगासा शुक्रवार को पेश किया गया है.