पाली. बारिश के सीजन की दस्तक से पहले से शहर समस्याओं से जूझ रहा है. यहां की जनता अभी भी आधारभूत सुविधाओं के लिए प्रतिदिन जिला मुख्यालय पर अपना विरोध दर्ज करा रही है. बारिश की सीजन को गए डेढ़ माह बीतने को है लेकिन अभी भी पाली की कई सड़कें तालाब बनी हुई हैं.
नगर परिषद की ओर से पाली शहर के विभिन्न गली मोहल्लों में सुविधा विस्तार को लेकर किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. सड़कों की हालत खस्ताहाल है, ऊपर से इन सड़कों में पानी भरा हुआ है. जिससे लोगों को अपने घरों से निकलने में भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. क्षेत्रवासी अपनी समस्याओं को लेकर आम जनता चुने गए पार्षद और जनप्रतिनिधियों के सामने समस्या निदान की गुहार लगा चुके हैं लेकिन उसके बावजूद किसी के कानों में अभी तक जू तक नहीं रेंग पाई है. ऐसे में अपने घरों के आगे सड़कों पर गड्ढे और जलभराव की समस्या को देख लो परेशान से नजर आ रहे हैं.
बता दें कि इस बार परिसीमन के बाद पाली शहर को 65 भागों में बांट दिया गया है. इन 65 वार्डों में पाली की कई कच्ची बस्तियां और रिहायशी इलाके शामिल हैं. नगर परिषद की ओर से अभी तक पाली शहर के किसी भी मोहल्ले में पूरी तरीके से इस सुविधा का विस्तार नहीं किया जा सका है. पाली शहर में सबसे ज्यादा सड़कों पर गड्ढों की समस्या सामने आ रहे हैं. प्रतिदिन कोई न कोई व्यक्ति इन गड्ढों के कारण हादसे का शिकार हो रहा है.
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वहीं पाली शहर के ऐसे भी मोहल्ले हैं, जहां बारिश के बाद से लोगों के घरों के आगे सड़कों पर पानी भरा हुआ है. इस पानी से उन मोहल्लों में मच्छरों की तो समस्या हुई है, जहरीले सांप और अन्य जीवों के घरों में आने का खतरा भी बढ़ गया है. कई बार लोगों को अपने स्तर पर ही इस पानी को खाली करवाना पड़ा है लेकिन क्षेत्रों में नालियों की सफाई नहीं होने से वह निकासी भी नहीं हो पा रही है.
इन समस्याओं को लेकर स्थानीय पार्षद कई बार अधिकारियों के आगे गुहार भी लगा चुके हैं लेकिन ना ही अधिकारियों ने अभी तक लोगों की इन समस्याओं पर ध्यान दिया है. अब पाली शहर के आम जनता को आशंका है कि त्योहारी सीजन में भी अगर नगर परिषद इन के मोहल्लों पर ध्यान नहीं देता है तो इस बार घर के सामने पसरी गंदगी से उनका त्योहार भी खराब हो जाएगा.
सबसे ज्यादा निचली बस्तियों में है समस्या
पाली शहर के 65 वार्डों में से करीब 28 वार्ड निचली बस्तियों में शामिल है. इन बस्तियों में बारिश के समय पानी इकट्ठा होना आम बात है लेकिन इसकी निकासी के लिए प्रति वर्ष नगर परिषद की ओर से सभी प्रयास कर जल्द से जल्द पानी निकाल दिया जाता है लेकिन इस बार नगर परिषद की ओर से इन बस्तियों पर ध्यान ही नहीं दिया गया. ऐसे में पाली शहर की इन बस्तियों में कई गलियों में आज भी बारिश का पानी ज्यों का त्यों भरा हुआ है.
पाइप लाइन डालने के नाम पर खुद रखा है पूरा शहर
पाली शहर सबसे ज्यादा सड़कों की खुदाई की समस्या से जूझ रहा है. शहर में 24 घंटे पेयजल योजना को लेकर पाइप लाइन डालने का कार्य चल रहा है. एलएनटी की ओर से चलाई जा रही है. इस कार्य में अधिकारियों द्वारा खासी लापरवाही बरती जा रही है. जिस गली-मोहल्ले में पाइपलाइन डालने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा है. वहां अगले 20 दिनों तक और गड्ढें ज्यों का त्यों पड़ा रहता है. ऐसे में लोगों को अपने घरों से बाहर निकलने में भी खासी समस्या आती है. साथ ही रास्ते भी कई दिनों तक बंद रहते हैं. लोगों को सबसे ज्यादा डर छोटे बच्चों के इन गड्ढों में गिरने या रात के समय वाहन चालकों के हादसे का शिकार का है.
नहीं सुधार पा रहे मंडिया रोड के हालात
पाली में अगर क्षतिग्रस्त सड़कों की बात करें तो सबसे ज्यादा मंडिया रोड का नाम सामने आता है. नगर परिषद की ओर से प्रति वर्ष लाखों रुपए का बजट मंडिया रोड के सुधार के लिए जारी किया जाता है लेकिन एक माह बाद ही मंडिया रोड के हालात ज्यों के त्यों हो जाते हैं.
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यहां रहने वाले लोगों ने पिछले 10 सालों में कभी भी मंडिया रोड को पूरी तरह से ठीक नहीं देखा है. आज भी मंडिया रोड में गड्ढों की समस्या ज्यों की त्यों है और वहां से निकलने वाले वाहन चालकों को प्रतिदिन इस समस्या का सामना करना पड़ता है.
भूखंडों पर इकट्ठा हो रखे पानी को अभी तक नहीं की निकासी की व्यवस्था
पाली में जलभराव की समस्या खाली भूखंडों में आ रही है. नगर परिषद की ओर से जारी किए गए पाली शहर की निचली बस्तियों में कई भूखंड ऐसे हैं, जो पिछले कई सालों से खाली पड़े हैं. यहां पर बारिश के बाद पानी तो इकट्ठा होता ही है और बड़ी झाड़ियां भी उग जाती हैं. ऐसे में इन मोहल्लों के आसपास के घरों में मच्छरों और जहरीले जीवों के घरों में आने की समस्या बढ़ जाती है.
स्थानीय पार्षदों ने कई बार नगर परिषद में यह भी मांग की कि अगर 2 साल के बाद भूखंड में भूखंड मालिक ध्यान नहीं देता है तो नगर परिषद उस पर जुर्माना लगाया जाए लेकिन नगर परिषद की ओर से आम जनता की इस समस्या पर कभी भी ध्यान नहीं दिया गया है.