पाली. पुरानी कहावत है 'सरकारी कामकाज कराने में लोगों की चप्पलें घिस जाती हैं' ऐसा ही उदाहरण अजमेर में सामने आया है. 17 मार्च को बेंगलुरू से राजस्थान आते समय अजमेर की एक महिला ललिता ने इंडिगो एयरलाइंस में बच्चे को जन्म दिया था. बच्चे के जन्म के दौरान हवाई जहाज में उपस्थित लोगों ने और स्टाफ ने भी दंपती को बधाई दी थी. लेकिन बच्चे के माता-पिता को अब जन्म प्रमाण पत्र के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं.
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अब तक बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बना है. बच्चे का पिता ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. वह जयपुर और अजमेर के सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहा है. लेकिन उसके बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. बच्चे के पिता ने कहा कि जन्म प्रमाण पत्र के लिए लोग जहां-जहां बोल रहे हैं, मैं वहां-वहां जा रहा हूं. मैंने कई बार इस बारे में जानकारी लेने के लिए जयपुर एयरपोर्ट पर फोन किया. शुरू में एक-दो बार तो फोन पर बात हुई लेकिन बाद में उन्होंने फोन उठाने ही बंद कर दिए. इस बारे में पूछने पर जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कुछ भी कहने से मना कर दिया.
पिता की तबीयत खराब होने पर बैंगलोर से गांव आ रहा था दंपती
भैरू सिंह अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड की जालिया ग्राम पंचायत के रूपवास गांव का रहने वाला है. वह बेंगलुरू में ऑटो ड्राइवर हैं. उसके पिता की अचानक से तबीयत खराब हो गयी थी. इसलिए वह अपनी गर्भवती पत्नी ललिता के साथ इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट से राजस्थान आ रहा था. तभी बीच फ्लाइट में ही उसकी पत्नी ललिता ने बच्चे को जन्म दे दिया. भैरू ने बताया कि गांव आने से पहले उसने अपनी पत्नी की जांच भी करवाई थी. डॉक्टर ने कहा था कि अभी सब ठीक है, आठवां महीना है तो इमरजेंसी में सफर कर सकते हैं. लेकिन अब बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं.