पाली. जिला कलेक्टर अंशदीप ने शनिवार को देसूरी तहसील की नाडोल गौशाला का निरीक्षण कर वहां संधारित किए जा रहे गोवंश का भौतिक सत्यापन किया. जिला कलेक्टर ने गौशाला में उपलब्ध सुविधाओं और संसाधनों का जायजा लेते हुए गोवंश के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का अवलोकन किया.
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जिला स्तरीय गौपालन समिति के निर्देशों की पालना में शनिवार को जिले भर की 211 गौशालाओं में जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से गौशालाओं की ओर से लगाए गए 12 डिजीट टेगशुदा गोवंश का भौतिक सत्यापन किया गया. जिला कलेक्टर अंशदीप इसके लिए शनिवार को देसूरी तहसील क्षेत्र की नाडोल गौशाला पहुंचे. यहां उन्होंने टेगशुदा गोवंश का सत्यापन कर उनके लिए गौशाला प्रबंधन की ओर से उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं और संसाधनों का जायजा लिया.
गौशाला प्रबंधकों ने जिला कलेक्टर को गौशाला में गोवंश के संधारण संबंधी सुविधाओं की जानकारी दी. जिला कलेक्टर अंशदीप ने बताया कि जिले की सभी गौशालाओं में संधारित गोवंश की टेगिंग को 12 डिजीट टेग में बदलने के बाद गोवंश का भौतिक सत्यापन शनिवार को विभिन्न अधिकारियों की ओर से किया गया.
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गौ संरक्षण एवं संवर्धन निधि नियम 2016 की ओर से वित्तीय वर्ष 2020-21 के द्वितीय चरण जनवरी से मार्च 2021 की सहायता राशि के वितरण के लिए जिले की सभी गौशालाओं में संधारित गोवंश के लिए भारत सरकार के इनाफ कार्यक्रम के अंतर्गत जारी निर्देशों के अनुरूप गोवंश के टेगिंग को 12 डिजीट का दूसरा टेग लगाया गया. सभी उपखण्ड अधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र की गौशाला का भौतिक सत्यापन कर वहां उपलब्ध करवाई जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया.
उपखण्ड क्षेत्रों की जिन गौशालाओं में गत सर्वे से अधिक 500 या अधिक गोवंश हैं, उन गौशालाओं में उपखण्ड अधिकारी और विकास अधिकारी ने संयुक्त रूप से भौतिक सत्यापन कर उपस्थित गोवंश की गणना सुनिश्चित की. भौतिक सत्यापन के इस कार्यक्रम में पशुपालन विभाग के संबंधित अधिकारियों ने भी सहयोग किया.
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. चक्रधारी गौतम ने बताया कि जिले की सभी 211 गौशालाओं के अलावा अन्य अस्तित्व वाली गौशालाओं में शनिवार को भौतिक सत्यापन का कार्य किया गया. इस दौरान प्रशासनिक व पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने गौशालाओं में उपलब्ध सुविधाओं व संसाधनों की जानकारी ली.