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छात्रसंघ चुनाव 2019: कॉलेज में लागू हुआ लिंगदोह नियम, हर प्रत्याशी पर कमेटी की नजर - पाली खबर

पाली में छात्रसंघ चुनाव के प्रत्याशियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की पालना के लिए सरकारी महाविद्यालयों में अधिकारियों को एक कमेटी गठित की गई है.

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Published : Aug 23, 2019, 1:14 PM IST

पाली. बांगड़ महाविद्यालय और अन्य सभी सरकारी महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब नामांकन वापस लेने का दौर जारी है. वहीं सभी सरकारी कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी के नियमों की पालना सुनिश्चत कराने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं.

पाली में प्रत्याशियों पर कड़ी नजर

छात्रसंघ चुनाव में नामांकन भरने वाले प्रत्याशियों पर टीम ने नजर रखनी शुरू कर दी है. वहीं कॉलेज कैंपस के अंदर चुनाव प्रचार प्रसार को लेकर कॉलेज प्रशासन की ओर से सभी प्रत्याशियों को जगह उपलब्ध करा दी गई है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अगर प्रत्याशी लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कमेटी के बनाए नियमों के तहत कार्रवाई करना की जाएगी.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में अब शनिवार की बजाय शुक्रवार को होगा जन्माष्टमी का अवकाश

कॉलेज अधिकारियों के अनुसार छात्र नेता किसी भी धार्मिक स्थल पर भी अपनी सभा का आयोजन नहीं कर सकेंगे. भले ही हुआ धार्मिक स्थल कॉलेज परिसर के अंदर ही क्यों ना हो, अगर छात्र नेता धार्मिक स्थल पर अपनी सभा करता है. कॉलेज प्रशासन की ओर से नियम के विरुद्ध मानते हुए कैंडिडेट को चुनाव गतिविधि से बाहर किया जा सकता है. प्रत्याशियों के आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने बताया है कि इस बार छात्रों को अपनी राजनीति की सीमा भी कॉलेज परिसर के अंदर ही सीमित रखनी होगी. निर्देशों के अनुसार छात्र नेता कॉलेज परिसर के बाहर किस तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते. उन्हें कॉलेज परिसर में रैली का आयोजन करने से पहले अनुमति लेनी होगी.

यह भी पढ़ें: धोखाधड़ी मामले में BJP पार्षद गिरफ्तार

लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करने पर 2009 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई व एबीवीपी के अध्यक्ष प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जा चुके हैं. यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2009 में दोनों प्रमुख संगठनों के अध्यक्ष प्रत्याशियों ने कॉलेज कैंपस के बाहर अपने पोस्टर शहर की दीवारों पर लगवा दिए थे. जिसके चलते कॉलेज प्रशासन ने लिंगदोह समिति के नियमों का उल्लंघन मानते हुए एनएसयूआई के अर्शदीप कुमार व एबीवीपी के अशोक कीर्तिवर्धन का नामांकन रद्द कर दिया था. इसके बाद से दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रत्याशियों की ओर से लिंग दो कमेटी की सख्ती से पालना की जाती है.

पाली. बांगड़ महाविद्यालय और अन्य सभी सरकारी महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. अब नामांकन वापस लेने का दौर जारी है. वहीं सभी सरकारी कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी के नियमों की पालना सुनिश्चत कराने के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं.

पाली में प्रत्याशियों पर कड़ी नजर

छात्रसंघ चुनाव में नामांकन भरने वाले प्रत्याशियों पर टीम ने नजर रखनी शुरू कर दी है. वहीं कॉलेज कैंपस के अंदर चुनाव प्रचार प्रसार को लेकर कॉलेज प्रशासन की ओर से सभी प्रत्याशियों को जगह उपलब्ध करा दी गई है. कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अगर प्रत्याशी लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कमेटी के बनाए नियमों के तहत कार्रवाई करना की जाएगी.

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कॉलेज अधिकारियों के अनुसार छात्र नेता किसी भी धार्मिक स्थल पर भी अपनी सभा का आयोजन नहीं कर सकेंगे. भले ही हुआ धार्मिक स्थल कॉलेज परिसर के अंदर ही क्यों ना हो, अगर छात्र नेता धार्मिक स्थल पर अपनी सभा करता है. कॉलेज प्रशासन की ओर से नियम के विरुद्ध मानते हुए कैंडिडेट को चुनाव गतिविधि से बाहर किया जा सकता है. प्रत्याशियों के आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर कार्रवाई की जाएगी. अधिकारियों ने बताया है कि इस बार छात्रों को अपनी राजनीति की सीमा भी कॉलेज परिसर के अंदर ही सीमित रखनी होगी. निर्देशों के अनुसार छात्र नेता कॉलेज परिसर के बाहर किस तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते. उन्हें कॉलेज परिसर में रैली का आयोजन करने से पहले अनुमति लेनी होगी.

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लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करने पर 2009 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई व एबीवीपी के अध्यक्ष प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जा चुके हैं. यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2009 में दोनों प्रमुख संगठनों के अध्यक्ष प्रत्याशियों ने कॉलेज कैंपस के बाहर अपने पोस्टर शहर की दीवारों पर लगवा दिए थे. जिसके चलते कॉलेज प्रशासन ने लिंगदोह समिति के नियमों का उल्लंघन मानते हुए एनएसयूआई के अर्शदीप कुमार व एबीवीपी के अशोक कीर्तिवर्धन का नामांकन रद्द कर दिया था. इसके बाद से दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रत्याशियों की ओर से लिंग दो कमेटी की सख्ती से पालना की जाती है.

Intro:पाली. छात्र संघ चुनाव को लेकर पाली के सबसे बड़े बांगड़ महाविद्यालय और अन्य सभी सरकारी महाविद्यालयों में नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। वहीं शुक्रवार को नामांकन वापस लेने का अभी दौर जारी है इधर नामांकन प्रक्रिया होते ही सभी सरकारी कॉलेजों में लिंगदोह कमेटी के नियमों को लेकर टीमें बना दी गई है। और अब नामांकन भरने वाले हर प्रत्याशी पर टीम ने नजर रखनी शुरू कर दी है। वहीं कॉलेज कैंपस के अंदर चुनाव प्रचार प्रसार को लेकर कॉलेज प्रशासन की ओर से सभी प्रत्याशियों को जगह उपलब्ध करा दी गई है। कॉलेज प्रशासन का कहना है कि अगर प्रत्याशी लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर कमेटी के बनाए नियमों के तहत कार्रवाई करना की जाएगी।


Body:इसके साथ ही कॉलेज अधिकारियों के अनुसार छात्र नेता किसी भी धार्मिक स्थल पर भी अपनी सभा का आयोजन नहीं कर सकेंगे भले ही हुआ धार्मिक स्थल कॉलेज परिसर के अंदर ही क्यों ना हो, अगर छात्र नेता धार्मिक स्थल पर अपनी सभा करता है। कॉलेज प्रशासन की ओर से नियम के विरुद्ध मानते हुए कैंडिडेट को चुनाव गतिविधि से बाहर किया जा सकता है। इसी प्रकार चुनाव में खड़ा होने वाला कैंडिडेट अपने प्रतिद्वंदी के खिलाफ किसी तरह का कमेंट नहीं कर सकता। अधिकारियों ने बताया है कि इस बार छात्रों को अपनी राजनीति की सीमा भी कॉलेज परिसर के अंदर ही सीमित रखनी होगी। निर्देशों के अनुसार छात्र नेता कॉलेज परिसर के बाहर किस तरह का प्रचार-प्रसार नहीं कर सकते। उन्हें कॉलेज परिसर में रैली का आयोजन करने से पहले अनुमति लेनी होगी।


Conclusion:गौरतलब है कि लिंगदोह कमेटी के नियमों का उल्लंघन करने पर 2009 में दिल्ली यूनिवर्सिटी में एनएसयूआई व एबीवीपी के अध्यक्ष प्रत्याशियों के नामांकन रद्द किए जा चुके हैं। यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2009 में दोनों प्रमुख संगठनों के अध्यक्ष प्रत्याशियों ने कॉलेज कैंपस के बाहर अपने पोस्टर शहर की दीवारों पर लगवा दिए थे। इसके चलते कॉलेज प्रशासन ने लिंगदोह समिति के नियमों का उल्लंघन मानते हुए एनएसयूआई के अर्शदीप कुमार व एबीवीपी के अशोक कीर्तिवर्धन का नामांकन रद्द कर दिया था। इसके बाद से दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रत्याशियों की ओर से लिंग दो कमेटी की सख्ती से पालना की जाती है।
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