पाली. जिले में मानसून की बेरुखी का असर अब साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. जहां नदी तालाब पूरी तरह से सूख चुके हैं. वहीं, किसानों को भी बारिश से खासी उम्मीद है, लेकिन सावन के तीन सोमवार बीत जाने के बाद भी पाली पूरी तरह से सूखा है. पाली में अब तक सिर्फ 36 एमएम बारिश दर्ज की जा चुकी है.
पेयजल में होगी 10% की कटौती
ऐसे में पाली का सबसे बड़ा जल पेयजल स्त्रोत जवाई बांध में भी पानी की छीजत होने लगी है. जवाई में अब 18 फीट का ही गेज रहा है. ऐसे में सीधे तौर पर कहें तो पाली की जनता के लिए अब सिर्फ 2 माह का पानी जवाई बांध में बचा है. आने वाली स्थिति को भांपते हुए जलदाय विभाग की ओर से पाली की जनता को प्रतिदिन दिए जाने वाले पानी में 10% कटौती की जा रही है. अगर स्थिति आने वाले दिनों में नहीं सुधरी तो पाली की जनता को एक बार फिर से 72 घंटे के अंतराल से पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा. इसको लेकर पाली में जलदाय विभाग की ओर से तैयारियां पूरी कर ली गई है. आने वाले कुछ ही दिनों में पाली की जनता के पेयजल में 10% कटौती होगी.
जवाई बांध की खासियत
- 1957 में हुआ था जवाई बांध का निर्माण
- 61.25 फिट है जवाई बांध की भराव क्षमता
- 7327.50 एमसीएफटी है पानी भराव की क्षमता
वर्तमान स्थिति
- अभी 17.9 फिट के गेज पर है जवाई बांध का पानी
- 1157.50 एमसीएफटी पानी अभी उपलब्ध
- 598 एमसीएफटी पानी डेड स्टोरेज में
- 789.20 एमसीएफटी पानी है अभी लाइव स्टोरेज
जिले में बारिश
- 473.68 एमएम है जिले की औसत बारिश
- इस सीजन में 36.02 एमएम हो चुकी है बारिश
ब्लॉकवार पाली में बारिश की स्थिति
- पाली में औसत 387.6 एमएम बारिश होती है. अभी 23.20 एमएम हो चुकी
- रोहट में औसत 357.18 एमएम बारिश होती है. अभी 25 एमएम हो चुकी
- बाली में औसत 555.22 एमएम बारिश होती है. अभी 59 एमएम हो चुकी
- देसूरी में औसत 611.08एमएम बारिश होती है. अभी 60 एमएम हो चुकी
- सोजत सिटी में औसत 415.99 एमएम बारिश होती है. अभी 18 एमएम हो चुकी
- मारवाड़ जंक्शन में औसत 479.92 एमएम बारिश होती है. अभी 54 एमएम हो चुकी
- जैतारण में औसत 405.45 एमएम बारिश होती है. अभी 58 एमएम हो चुकी
- रायपुर में औसत 480.92 एमएम बारिश होती है. अभी 24 एमएम हो चुकी
- सुमेरपुर में औसत 495.92 एमएम बारिश होती है. अभी 16 एमएम हो चुकी
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जवाई बांध है सबसे बड़ा पेयजल स्त्रोत
बता दें कि पाली में सबसे बड़े पेयजल स्त्रोत के रूप में जवाई बांध अपनी पहचान बनाए हुए हैं. प्रतिवर्ष इसके भरने के बाद पाली की जनता को साल भर पीने का पानी मिलता है. साथ ही कई किसानों को इसी बांध से सिंचाई के लिए भी पानी मिलता है. पिछली बार अच्छी बारिश होने के कारण जवाई बांध में अच्छा खासा पानी आ गया था. जिससे पाली में साल भर पेयजल को लेकर कोई संकट नहीं आया, लेकिन इस बार विभाग की ओर से मानसून को लेकर जो उम्मीदें लगाई थी उन पर पानी फिर चुका है.
अभी तक पाली और इसके आस-पास के पहाड़ी क्षेत्र में नाम मात्र की बारिश होने के कारण जवाई बांध में पानी की आवक अभी तक शुरू नहीं हो पाई है. ऐसे में वर्तमान स्थिति में पाली के जवाई बांध में 1157.50 एमसीएफटी पानी पाली की जनता के पीने के लिए उपलब्ध है. वहीं, बुरी परिस्थितियों में बांध में जमा 598 एमसीएफटी पानी को भी जलदाय विभाग आम जनता के लिए काम में ले सकता है.
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जलदाय विभाग के अधिकारियों की माने तो 2 माह के अंदर पाली में अच्छी बारिश होगी और जवाई बांध में पानी की आवक होने के बाद आम जनता को पेयजल संकट जैसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा, लेकिन अगर मानसून इस बार दगा देता है तो पाली की जनता के लिए यह सबसे कठिन परिस्थिति होने वाली है.