पाली. जिले के कपड़ा उद्योग को जिंदा रखने की कवायद तेज हो गई है. स्थानीय लोगों से लेकर सरकार भी अब पाली की इस समस्या को लेकर काफी चिंतित नजर आ रही है. NGT ने राजस्थान के 60 वरिष्ठ अधिकारियों को पाली में संचालित हो रही कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन का निर्देश दिया है.
यह सभी अधिकारी 5 जनवरी की शाम तक पाली पहुंच जाएंगे. इन अधिकारियों के निरीक्षण से पहले पाली के कपड़ा उद्यमी इस संकट से निकलने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. उद्योग विभाग सचिव सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को जिले की प्रदूषण की समस्या का हल निकालने के लिए अधिकारियों और उद्यमियों की बैठक ली.
पाली की प्रदूषण की समस्या को देखते हुए एनजीटी ने अपना सख्त रवैया अपना लिया है. पहले एनजीटी ने अपने एक कमिश्नर को पाली में रंगीन और प्रदूषित पाली को ट्रीट करने के लिए बने सीईपीटी द्वारा संचालित ट्रीटमेंट प्लान का निरीक्षण करने के लिए भेजा था, साथ ही उसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया था.
कमिश्नर की रिपोर्ट में पाली के इस ट्रीटमेंट प्लान को सिर्फ एक पम्पिंग हाउस बताया गया. ऐसे में एनजीटी की पाली के कपड़ा उद्योग पर नाराजगी और ज्यादा बढ़ गई. अब एनजीटी ने राजस्थान के 60 वरिष्ठ अधिकारियों को पाली में संचालित हो रही 600 से ज्यादा कपड़ा इकाइयों के भौतिक सत्यापन करने के लिए निर्देशित किया है.
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अधिकारियों की टीम के पहुंचने के मद्देनजर पाली में बैठकों का दौर लगातार जारी है. गुरुवार को भी पाली की इस समस्या को देखते हुए उद्योग कमिश्नर सुबोध अग्रवाल ने सभी उद्यमियों और अधिकारियों से मुलाकात की है. उन्होंने सीधे तौर पर कहा है, कि अगर अब भी उद्यमी अपनी लापरवाही को नहीं सुधारेंगे तो आने वाले समय में पाली के कपड़ा उद्योग का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा.