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प्रदूषण पर सख्त: पाली में NGT ने CETP पर लगाया 10 करोड़ का जुर्माना

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Published : Dec 19, 2019, 10:26 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 2:35 PM IST

पाली में प्रदूषण दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में CETP फाउंडेशन पर NGT ने 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. वहीं 50 करोड़ की कार्य दक्षता बैंक गारंटी जमा कराने का भी आदेश दिया है.

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सीईटीपी पर 10 करोड़ का जुर्माना

पाली. जिले में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए NGT यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमिश्नर प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है. NGT ने बुधवार को सरकार, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और सीईटीपी फाउंडेशन को कटघरे में खड़ा कर दिया. वहीं पाली में प्रदूषण की स्थिति को चिंताजनक माना गया है.

सीईटीपी पर 10 करोड़ का जुर्माना

इसको लेकर सीईटीपी फाउंडेशन पर एनजीटी ने 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. यही नहीं 50 करोड़ की बैंक गारंटी जमा कराने का भी आदेश दिया है. इस सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन कुमार गोयल, सदस्य सचिव शैलजा देवल, पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन और पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के समक्ष जज राघवेंद्र सिंह राठौड़ और सदस्य सत्यवान सिंह ने कहा, कि अगर हमने कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट नहीं मंगवाई होती तो सच्चाई सामने नहीं आती.

एनजीटी ने सीईटीपी को 31 जनवरी तक सुधार का एक्शन प्लान देने के निर्देश दिए हैं. पाली में संचालित हो रहे सीईटीपी के ट्रीटमेंट प्लांट की जब कमिश्नर ने रिपोर्ट एनजीटी में बना कर दी तो कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बताया, कि जावड़िया और गिरादड़ा में जमा स्लज साफ गवाही दे रहा है, कि प्रदूषण कितने किलोमीटर तक पाली में बढ़ चुका है.

पढ़ेंः झुंझुनू: पूर्व मंत्री सुंदरलाल के पैतृक गांव पहुंचीं वसुंधरा राजे, शोकाकुल परिवार को बंधाया ढांढस

प्लांट में हैं ये खामियां

प्लांट मानक पर नहीं चल रहा. मशीनें काम नहीं कर रही हैं. प्लांटों में ही मशीनों का अभाव है और ज्यादातर मशीनों में ग्रीस ऑयल तक नहीं है और सूखी पड़ी हैं. ट्रीटमेंट प्लांटों में वैज्ञानिक जैविक उपचार प्रणाली काफी कमजोर है. इसलिए ट्रिटेड पानी मानक पूरा नहीं करता है. स्वीकृत प्लांट 6 अस्वीकृत मानक के ही अपशिष्ट को नदी में छोड़ रहा है.

पाली. जिले में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए NGT यानि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमिश्नर प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह की रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है. NGT ने बुधवार को सरकार, प्रदूषण नियंत्रण मंडल और सीईटीपी फाउंडेशन को कटघरे में खड़ा कर दिया. वहीं पाली में प्रदूषण की स्थिति को चिंताजनक माना गया है.

सीईटीपी पर 10 करोड़ का जुर्माना

इसको लेकर सीईटीपी फाउंडेशन पर एनजीटी ने 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है. यही नहीं 50 करोड़ की बैंक गारंटी जमा कराने का भी आदेश दिया है. इस सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन कुमार गोयल, सदस्य सचिव शैलजा देवल, पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन और पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के समक्ष जज राघवेंद्र सिंह राठौड़ और सदस्य सत्यवान सिंह ने कहा, कि अगर हमने कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट नहीं मंगवाई होती तो सच्चाई सामने नहीं आती.

एनजीटी ने सीईटीपी को 31 जनवरी तक सुधार का एक्शन प्लान देने के निर्देश दिए हैं. पाली में संचालित हो रहे सीईटीपी के ट्रीटमेंट प्लांट की जब कमिश्नर ने रिपोर्ट एनजीटी में बना कर दी तो कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बताया, कि जावड़िया और गिरादड़ा में जमा स्लज साफ गवाही दे रहा है, कि प्रदूषण कितने किलोमीटर तक पाली में बढ़ चुका है.

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प्लांट में हैं ये खामियां

प्लांट मानक पर नहीं चल रहा. मशीनें काम नहीं कर रही हैं. प्लांटों में ही मशीनों का अभाव है और ज्यादातर मशीनों में ग्रीस ऑयल तक नहीं है और सूखी पड़ी हैं. ट्रीटमेंट प्लांटों में वैज्ञानिक जैविक उपचार प्रणाली काफी कमजोर है. इसलिए ट्रिटेड पानी मानक पूरा नहीं करता है. स्वीकृत प्लांट 6 अस्वीकृत मानक के ही अपशिष्ट को नदी में छोड़ रहा है.

Intro:पाली. जिले में बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कमिश्नर प्रोफेसर अजीत प्रताप सिंह की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को सरकार प्रदूषण नियंत्रण मंडल तथा सीटी पर फाउंडेशन को कटघरे में खड़ा कर दिया। पाली में प्रदूषण की स्थिति को चिंताजनक माना गया है। इसको लेकर सीईटीपी फाउंडेशन पर एनजीटी ने 10 करोड़ का जुर्माना लगाया है। वही 50 करोड़ की कार्य दक्षता बैंक गारंटी जमा कराने के लिए भी कहा है। इस सुनवाई के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल के चेयरमैन पवन कुमार गोयल, सदस्य सचिव शैलजा देवल, पाली जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन व पुलिस अधीक्षक आनंद शर्मा के समक्ष जज राघवेंद्र सिंह राठौड़ तथा सदस्य सत्यवान सिंह ने कहा कि अगर हमने कमिश्नर को भेजकर रिपोर्ट नहीं मंगवाई होती तो सच्चाई सामने नहीं आती। एनजीटी ने सीईटीपी को 31 जनवरी तक सुधार का एक्शन प्लान देने के निर्देश दिए हैं


Body:पाली में संचालित हो रहा सीईटीपी का ट्रीटमेंट प्लांट की जब कमिश्नर ने रिपोर्ट एनजीटी में बना कर दी तो कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जावड़िया और गिरादड़ा में जमा स्लज साफ गवाही दे रहा है कि प्रदूषण कितने किलोमीटर तक पाली में बढ़ चुका है। प्लांट मानक पर नहीं चल रहा, मशीनें काम नहीं कर रही है, प्लांटों में ही मशीनों का अभाव है ओर अधिकांश में तो ग्रीस ऑयल तक नहीं है और सूखे पड़े हैं। ट्रीटमेंट प्लांटों में वैज्ञानिक जैविक उपचार प्रणाली काफी कमजोर है। इसलिए टिटेड पानी मानक पर नहीं है। स्वीकृति प्लांट 6 अस्वीकृत मानक के ही अपशिष्ट को पानी नदी में छोड़ रहा है।


Conclusion:
Last Updated : Dec 19, 2019, 2:35 PM IST
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