पाली. हर किसी व्यक्ति को अपना खुद के घर का सपना होता है. ऐसे में पाली में नगर परिषद ने भी लोगों को उनकी छत मिले इसके लिए करोड़ों रुपए लगाकर न्यू पाली योजना को तो लांच किया था, दरअसल, न्यू पाली योजना के तहत पाली की जनता को एक हजार से ज्यादा आवासीय भूखंड मिलने वाले थे. वहां पिछले 6 सालों में एक भी शहरवासी में अपना आवास नहीं बनाया है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण नगर परिषद बोर्ड की उदासीनता साफ नजर आ रही है.
न्यू पाली का सपना साकार होता नहीं आ रहा नजर
पिछले 5 सालों में भाजपा के नगर परिषद बोर्ड ने इस योजना पर किसी भी प्रकार से नजर नहीं डाली. ऐसे में करोड़ों रुपए लगाने के बाद भी आज इस योजना का वजूद उस स्थान से पूरी तरह से खत्म होने की कगार पर आ चुका है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस योजना का उद्घाटन वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार के अंतिम समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा किया गया था. 5 साल प्रदेश में भाजपा की सरकार रहने के बाद में कांग्रेस सरकार ने भी अपना 1 साल का कार्यकाल पूरा कर दिया है. लेकिन इसके बाद भी पाली में न्यू पाली का सपना भी साकार होता नजर नहीं आ रहा है.
1185 आवासीय भूखंड इस योजना में होने थे तैयार
गौरतलब है कि वर्ष 2013 में पाली में कांग्रेस का नगर परिषद बोर्ड था. इस बोर्ड के चेयरमैन केवलचंद गुलेच्छा द्वारा पाली की जनता को सौगात देने के लिए न्यू पाली योजना को लांच किया गया था. इस योजना के तहत 1185 आवासीय भूखंड इस योजना में तैयार किए गए थे. साथ ही यहां बसने वाले लोगों को सभी सुविधाएं यहीं पर मिल सके इसके लिए इस योजना में 50 फीट की सड़कें, ड्रेनेज सिस्टम, 24 घंटे पेयजल, हेरिटेज रोड लाइट और फतेहसागर की तर्ज पर उद्यान सहित कई सुविधाओं को न्यू पाली में विकसित किया गया था. इन सभी को विकसित करने के बाद में नगर परिषद की ओर से वर्ष 2013 में कांग्रेस सरकार के अंतिम कार्यकाल समय में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा आचार संहिता लगने से 1 दिन पहले इस योजना का धूमधाम से उद्घाटन किया गया था.
फर्स्ट फेस में 680 भूखंडों की हुई नीलामी
इस योजना के उद्घाटन से पहले पूरे पाली शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा इस योजना को लांच करने के बाद में नगर परिषद की ओर से इन आवासीय भूखंडों की नीलामी भी की गई थी. प्रथम चरण में यहां पर 680 भूखंडों की नीलामी हुई थी. जिन्हें पाली के शहर के लोगों ने बड़े उम्मीदों से खरीदा था. जहां वह अपनी छत का सपना पूरा करना चाहते थे. लेकिन इन 600 लोगों के सपने भी पिछले 5 सालों में चूर-चूर हो चुके हैं और न्यू पाली को फिर से तैयार होने की उम्मीद लेकर यह 600 लोग लगातार पिछले 5 सालों से नगर परिषद के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं.
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5 तक भाजपा ने नहीं दिया इस योजना पर कोई ध्यान
अगर न्यू पाली राजीव विहार आवासीय योजना की बात करें तो इस योजना से पूरे पाली शहर को काफी उम्मीदें थी. जिस समय इस योजना को लांच किया गया था. उस समय कांग्रेस का बोर्ड नगर परिषद में स्थापित था. लेकिन इस योजना के लांच करने के बाद नगर निकाय चुनाव में भाजपा का बोर्ड बना और सभापति के रूप में यहां चेयरमैन महेंद्र बोहरा बने. पिछले 5 सालों में भाजपा के बोर्ड में कांग्रेस के इस न्यू पाली सपने को किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं दिया.
योजना की सुविधाएं पूरी तरह से खंडहर में बदली
ऐसे में इस योजना को नजर अंदाज करने के कारण यहां पर विस्तार हुई सुविधाएं पूरी तरह से खंडहर हो गई. यहां सभी सड़कों पर बिजली के पोल व बिजली की लाइनें बिछाई गई थी. साथ ही रोड लाइट हेरिटेज के रूप में आकर्षित की गई थी. लेकिन नगर परिषद की ओर से ध्यान नहीं देने से यह हेरिटेज लाइटों के सभी पोल चोरी हो चुके हैं. वहीं बिजली के पोल से बिजली के तार भी अब चोरी हो चुके हैं. जहां फतेहसागर की तर्ज पर उद्यान बनाया गया था. उस उद्यान को भी शरारती तत्वों ने पूरी तरह से तोड़फोड़ कर तहस-नहस कर दिया है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस योजना से 600 लोगों की उम्मीद जुड़ी हुई. जिन्होंने अपने खून पसीने की कमाई यहां भूखंड खरीदने में लगा दी और उन्होंने उम्मीद की थी कि अगले 1 साल में वह अपनी छत बनाकर न्यू पाली में बस जाएंगे. लेकिन 5 साल में नगर परिषद द्वारा जहां किसी भी प्रकार से ध्यान नहीं देने से इन लोगों की उम्मीदें भी पूरी तरह से टूट चुकी है.
अब भी गहलोत सरकार से पाली को उम्मीदें
हालांकि अब 5 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार सत्ता में आई तो पाली के इन लोगों ने भी उम्मीद लगाई कि अशोक गहलोत द्वारा लांच की गई राजीव आवास विहार आवासीय योजना न्यू पाली का अब फिर से उद्धार होगा और कांग्रेस सरकार इस पर ध्यान देकर उनकी उम्मीदों को पूरा करेगी. लेकिन कांग्रेस सरकार का भी 1 साल बीत आया है और सरकार की ओर से भी यहां पर ध्यान नहीं दिया गया.