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देसूरी नाल में हुए हादसों में दिवंगतों के लिए आयोजित किया गया सामूहिक तर्पण कार्यक्रम

पाली-राजसमंद जिले की सरहद पर देसूरी नाल में सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर अब तक सड़क हादसों में काल कवलित हो चुके दिवंगतों के प्रति सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके और राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ठ किया जा सके.

पाली न्यूज, pali news
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Published : Sep 29, 2019, 2:42 AM IST

बाली (पाली). पाली-राजसमंद जिले की सरहद पर देसूरी नाल में सड़क हादसों में काल कवलित हो चुके दिवंगतों के प्रति सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया. गत 23 अगस्त को एसिड टैंकर के नीचे दबने से कार से गुजर रहे सभी नौ लोगों की मौत के बाद गठित हुई देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति ने शनिवार को नाग देवता मंदिर के पास सड़क पर यह आयोजन किया.

सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम के तहत विधि-विधान से हवन अनुष्ठान के साथ आत्माओं की शांति के लिए मौन रखा गया और गायों-श्वानों को लापसी के साथ भोजन कराया गया. इस दौरान एकत्र मारवाड़ और मेवाड़वासियों एवं हादसों के शिकार लोगों के परिजनों ने पुष्पांजलि एवं नम आंखों से श्रद्वांजलि अर्पित की.

सरकार से ठोस कदम की आस बेमानी
तर्पण के दौरान पदाधिकारियों ने सरकार के रवैये को लेकर रोष जताते हुए कहा कि जब भी देसूरी नाल में कोई बडा हादसा होता है तो लोगों को लगता हैं कि इस बार सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी, लेकिन ऐसा होता कुछ नही हैं. हादसों को हमेशा की तरह सरकार भूल जाती और याद रखते हैं तो वे लोग जिनके परिजन उनसे हमेशा-हमेशा के लिए बिछुड़ जाते हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत
देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के सरंक्षक शक्तिसिंह सोलंकी और अध्यक्ष भंवरसिंह चौहान ने उपस्थित लोगों एवं मृतकों के परिजनों से इस अभियान में जुडने का आह्वान किया. पिछले एक माह से यह समिति देसूरी नाल निर्माण की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है और अब तक जन जागरण के लिए कई बैठकें कर चुकी हैं.

देश के बड़े सड़क हादसे के लिए बदनाम हैं देसूरी नाल
देसूरी नाल में वर्ष 2007 में बडा सड़क हादसा होने के बावजूद राज्य सरकार ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए लोगों को भरोसा तो खूब दिलाया. लेकिन, लोगों के भरोसे पर खरी नहीं उतरी. जिससे बरस गुजर गए और हादसे दर हादसे होते रहे. बता दें कि 2007 में रामदेवरा जा रहे टर्बो ट्रक के खाई में गिरने से 85 लोग काल के मुंह में समा गए थे. वहीं देसूरी नाल में 23 अगस्त 2019 तक कुल 40 दुर्घटना हुई हैं, जिसमें 131 लोगो की मौत हुई. जबकि 274 लोगों घायल हो गए. अगर सरकार देसूरी नाल को चौड़ा करवा देती तो हादसे टाले जा सकते थे.

मारवाड़ व मेवाड़ से पहुंचे लोग

सामुहिक तर्पण में भाग लेने पाली के उप जिला प्रमुख नवलकिशोर रावल, भाजयुमो नेता नरेश ओझा, देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष महेन्द्रसिंह दातानिवास, उपाध्यक्ष,किशनलाल पंचोली, कोषाध्यक्ष रमेशचंद देवपुरा, सचिव जगन्नाथसिंह सोलंकी, प्रवक्ता गोविन्द्रसिंह झीलवाड़ा, प्रचारमंत्री किशनलाल भंडारी सहित सदस्य कासम खां पठान, धनसिंह राजपुरोहित, फुआराम चौधरी, चन्द्रशेखर मेवाड़ा, घीसूलाल सैन, नारायसिंह मेवाड़िया, नरेन्द्रसिंह सोलंकी सहित ग्रामीण मौजूद रहे.

बाली (पाली). पाली-राजसमंद जिले की सरहद पर देसूरी नाल में सड़क हादसों में काल कवलित हो चुके दिवंगतों के प्रति सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया. गत 23 अगस्त को एसिड टैंकर के नीचे दबने से कार से गुजर रहे सभी नौ लोगों की मौत के बाद गठित हुई देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति ने शनिवार को नाग देवता मंदिर के पास सड़क पर यह आयोजन किया.

सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित

कार्यक्रम के तहत विधि-विधान से हवन अनुष्ठान के साथ आत्माओं की शांति के लिए मौन रखा गया और गायों-श्वानों को लापसी के साथ भोजन कराया गया. इस दौरान एकत्र मारवाड़ और मेवाड़वासियों एवं हादसों के शिकार लोगों के परिजनों ने पुष्पांजलि एवं नम आंखों से श्रद्वांजलि अर्पित की.

सरकार से ठोस कदम की आस बेमानी
तर्पण के दौरान पदाधिकारियों ने सरकार के रवैये को लेकर रोष जताते हुए कहा कि जब भी देसूरी नाल में कोई बडा हादसा होता है तो लोगों को लगता हैं कि इस बार सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी, लेकिन ऐसा होता कुछ नही हैं. हादसों को हमेशा की तरह सरकार भूल जाती और याद रखते हैं तो वे लोग जिनके परिजन उनसे हमेशा-हमेशा के लिए बिछुड़ जाते हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत
देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के सरंक्षक शक्तिसिंह सोलंकी और अध्यक्ष भंवरसिंह चौहान ने उपस्थित लोगों एवं मृतकों के परिजनों से इस अभियान में जुडने का आह्वान किया. पिछले एक माह से यह समिति देसूरी नाल निर्माण की मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है और अब तक जन जागरण के लिए कई बैठकें कर चुकी हैं.

देश के बड़े सड़क हादसे के लिए बदनाम हैं देसूरी नाल
देसूरी नाल में वर्ष 2007 में बडा सड़क हादसा होने के बावजूद राज्य सरकार ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए लोगों को भरोसा तो खूब दिलाया. लेकिन, लोगों के भरोसे पर खरी नहीं उतरी. जिससे बरस गुजर गए और हादसे दर हादसे होते रहे. बता दें कि 2007 में रामदेवरा जा रहे टर्बो ट्रक के खाई में गिरने से 85 लोग काल के मुंह में समा गए थे. वहीं देसूरी नाल में 23 अगस्त 2019 तक कुल 40 दुर्घटना हुई हैं, जिसमें 131 लोगो की मौत हुई. जबकि 274 लोगों घायल हो गए. अगर सरकार देसूरी नाल को चौड़ा करवा देती तो हादसे टाले जा सकते थे.

मारवाड़ व मेवाड़ से पहुंचे लोग

सामुहिक तर्पण में भाग लेने पाली के उप जिला प्रमुख नवलकिशोर रावल, भाजयुमो नेता नरेश ओझा, देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष महेन्द्रसिंह दातानिवास, उपाध्यक्ष,किशनलाल पंचोली, कोषाध्यक्ष रमेशचंद देवपुरा, सचिव जगन्नाथसिंह सोलंकी, प्रवक्ता गोविन्द्रसिंह झीलवाड़ा, प्रचारमंत्री किशनलाल भंडारी सहित सदस्य कासम खां पठान, धनसिंह राजपुरोहित, फुआराम चौधरी, चन्द्रशेखर मेवाड़ा, घीसूलाल सैन, नारायसिंह मेवाड़िया, नरेन्द्रसिंह सोलंकी सहित ग्रामीण मौजूद रहे.

Intro:बाली(पाली). पाली-राजसमंद जिले की सरहद पर देसूरी नाल में सर्वपितृ अमावस्या के अवसर पर अब तक सड़क हादसों में काल कवलित हो चुके दिवंगतों के प्रति सामूहिक तर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिससे उनकी आत्मा को शांति मिल सके और राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ठ किया जा सके।

Body:गत 23 अगस्त को एसिड टैंकर के नीचे दबने से कार से गुजर रहे सभी नौ लोगों की मौत के बाद गठित हुई देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति ने शनिवार को नाग देवता मंदिर के पास सड़क पर यह आयोजन किया।
कार्यक्रम के तहत विधि-विधान से हवन अनुष्ठान के साथ आत्माओं की शांति के लिए मौन रखा गया और गायों-श्वानों को लापसी के साथ भोजन कराया गया। इस दौरान एकत्र मारवाड़ और मेवाड़वासियों एवं हादसों के शिकार लोगों के परिजनों ने पुष्पांजलि एवं नम आँखों से श्रद्वांजलि अर्पित की।

तर्पण के दौरान पदाधिकारियों ने सरकार के रवैये को लेकर रोष जताते हुए कहा कि जब भी देसूरी नाल में कोई बडा हादसा होता है तो लोगों को लगता हैं कि इस बार सरकार कोई ठोस कदम उठाएगी। लेकिन ऐसा होता कुछ नही हैं। हादसों को हमेशा की तरह सरकार भूल जाती और याद रखते है तो वे लोग जिनके परिजन उनसे हमेशा-हमेशा के लिए बिछुड़ जाते हैं।
देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के सरंक्षक शक्तिसिंह सोलंकी व अध्यक्ष भंवरसिंह चौहान ने उपस्थित लोगों एवं मृतकों के परिजनों से इस अभियान में जुडने का आह्वान किया। पिछले एक माह से यह समिति देसूरी नाल
निर्माण की मांग को लेकर लगातार आंदोलित हैं और अब तक जन जागरण के लिए कई बैठकें कर चुकी हैं।

'देश के बड़े सड़क हादसे के लिए बदनाम हैं देसूरी नाल'

देसूरी नाल में वर्ष 2007 में देश का सबसे बडा सड़क हादसा होने के बावजूद राज्य सरकार ने ऐसे हादसों को रोकने के लिए लोगों को भरोसा तो खूब दिलाया। लेकिन लोगों के भरोसे पर खरी नही उतरी। जिससे बरस गुजर गए और हादसे दर हादसे होते रहे। 2007 में रामदेवरा जा रहे टर्बो ट्रक के खाई में गिरने से 85 लोग काल के मुंह में समा गए थे

देसूरी नाल में 23 अगस्त 2019 तक कुल 40 दुर्घटना हुई। जिसमें 131 लोगो की मौत हुई। जबकि 274 लोगो घायल हो गए। अगर सरकार देसूरी नाल को चौड़ा करवा देती तो हादसे टाले जा सकते थे।

Conclusion:'मारवाड़ व मेवाड़ से पहुंचे लोग'

सामुहिक तर्पण में भाग लेने पाली के उप जिला प्रमुख नवलकिशोर रावल, भाजयुमो नेता नरेश
ओझा,देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष महेन्द्रसिंह दातानिवास, उपाध्यक्ष,किशनलाल
पंचोली,कोषाध्यक्ष रमेशचंद देवपुरा,सचिव जगन्नाथसिंह सोलंकी,प्रवक्ता गोविन्द्रसिंह झीलवाडा,प्रचारमंत्री किशनलाल भंडारी सहित सदस्य कासम खां पठान,धनसिंह राजपुरोहित,फुआराम चौधरी,चन्द्रशेखर मेवाड़ा,घीसूलाल सैन,नारायसिंह मेवाड़िया,नरेन्द्रसिंह सोलंकी सहित
ग्रामीण मौजूद रहे।

(बाली से ईटीवी भारत के लिए प्रमोदपाल सिंह)

बाइट:
1. शक्तिसिंह सोलंकी,सरंक्षक,देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति(टोपी वाले)
2. भंवरसिंह चौहान,अध्यक्ष,देसूरी नाल नवनिर्माण संघर्ष समिति (जेब मे लाल पेन)
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