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Special: खंडहर में तब्दील हो रहा 82 लाख खर्च कर बनाया गया हॉस्टल, 7 साल में एक भी एडमिशन नहीं

पाली में देवनारायण योजना के तहत सरकार ने पाली के जोधपुर रोड स्थित घूमती के पास में सात साल पहले एक हॉस्टल का निर्माण करवाया था. हैरानी की बात ये है कि आज तक इस हॉस्टल में एक भी छात्र ने प्रवेश नहीं लिया.

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Published : Feb 1, 2020, 12:22 PM IST

समाज कल्याण विभाग, Rajasthan news, Pali news, राजस्थान न्यूज, पाली न्यूज
सरकारी खजाने के दुरुपयोग का मामला

पाली. सरकार की ओर से आम जनता को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाओं के लिए लाखों-करोड़ों का बजट किया जाता है. सरकार द्वारा जारी बजट लोगों की राहत के लिए पूरी तरह से उपयोग में लाया जा रहा है या नहीं, इस पर कई बार संशय बना रहता है.

पाली में एक ऐसा ही मामला ईटीवी भारत की टीम ने उजागर किया है. पाली में देवनारायण योजना के तहत सरकार ने पाली के जोधपुर रोड स्थित घूमती के पास में इस हॉस्टल का निर्माण देवनारायण योजना के तहत किया गया था.

सरकारी खजाने के दुरुपयोग का मामला

इस हॉस्टल को बनाने के लिए ₹82,00,000 रुपये का बजट जारी किया था. हॉस्टल तय समय पर बनकर तैयार भी हो गया. लेकिन, यहां हैरानी की बात ये है कि इस हॉस्टल को बने 7 साल हो चुके हैं, लेकिन, इसमें एक भी छात्र ने आज तक प्रवेश नहीं लिया.

सभी सुविधाओं से युक्त ये हॉस्टल....

वैसे तो इस हॉस्टल का निर्माण 21 जनवरी, 2013 को पूरा हो गया था. लेकिन लापरवाही का आलम ये है कि आज तक इस हॉस्टल का उद्घाटन भी नहीं हो पाया. हॉस्टल में छात्रों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. हॉस्टल में 10 कमरे हैं, इसके अलावा शौचालय, रसोईघर और लाइब्रेरी भी है.

हॉस्टल के सूने रहने की बड़ी वजह....

इस हॉस्टल के सूने रहने की सबसे बड़ी वजह यही है कि इसे बाहरी क्षेत्र में बना दिया गया. यहां तक पहुंच पाना हर छात्र के लिए संभव नहीं है. इस हॉस्टल के आसपास कोई स्कूल या कॉलेज भी नहीं है. ताजा स्थिति ये है कि उपयोग में नहीं आने के कारण यह हॉस्टल अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Special: जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहते हैं PM मोदी, उसे ही बजट के बारे में कुछ नहीं पता

इस मामले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक, ज्योति प्रकाश अरोड़ा से बात की गई, तो उन्होंने इस लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, कि इस हॉस्टल के आसपास कोई भी स्कूल नहीं होने से यहां पर किसी भी विद्यार्थी का रुझान नहीं हो पा रहा है.

अरोड़ा ने यह भी कहा, कि यह हॉस्टल जिला मुख्यालय से करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर बनाया गया है. यहां पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार के यातायात साधन भी उपलब्ध नहीं हैं.

पाली. सरकार की ओर से आम जनता को राहत देने के लिए विभिन्न योजनाओं के लिए लाखों-करोड़ों का बजट किया जाता है. सरकार द्वारा जारी बजट लोगों की राहत के लिए पूरी तरह से उपयोग में लाया जा रहा है या नहीं, इस पर कई बार संशय बना रहता है.

पाली में एक ऐसा ही मामला ईटीवी भारत की टीम ने उजागर किया है. पाली में देवनारायण योजना के तहत सरकार ने पाली के जोधपुर रोड स्थित घूमती के पास में इस हॉस्टल का निर्माण देवनारायण योजना के तहत किया गया था.

सरकारी खजाने के दुरुपयोग का मामला

इस हॉस्टल को बनाने के लिए ₹82,00,000 रुपये का बजट जारी किया था. हॉस्टल तय समय पर बनकर तैयार भी हो गया. लेकिन, यहां हैरानी की बात ये है कि इस हॉस्टल को बने 7 साल हो चुके हैं, लेकिन, इसमें एक भी छात्र ने आज तक प्रवेश नहीं लिया.

सभी सुविधाओं से युक्त ये हॉस्टल....

वैसे तो इस हॉस्टल का निर्माण 21 जनवरी, 2013 को पूरा हो गया था. लेकिन लापरवाही का आलम ये है कि आज तक इस हॉस्टल का उद्घाटन भी नहीं हो पाया. हॉस्टल में छात्रों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं. हॉस्टल में 10 कमरे हैं, इसके अलावा शौचालय, रसोईघर और लाइब्रेरी भी है.

हॉस्टल के सूने रहने की बड़ी वजह....

इस हॉस्टल के सूने रहने की सबसे बड़ी वजह यही है कि इसे बाहरी क्षेत्र में बना दिया गया. यहां तक पहुंच पाना हर छात्र के लिए संभव नहीं है. इस हॉस्टल के आसपास कोई स्कूल या कॉलेज भी नहीं है. ताजा स्थिति ये है कि उपयोग में नहीं आने के कारण यह हॉस्टल अब खंडहर में तब्दील होता जा रहा है.

यह भी पढ़ेंः Special: जिस वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाना चाहते हैं PM मोदी, उसे ही बजट के बारे में कुछ नहीं पता

इस मामले में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक, ज्योति प्रकाश अरोड़ा से बात की गई, तो उन्होंने इस लापरवाही पर पर्दा डालने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, कि इस हॉस्टल के आसपास कोई भी स्कूल नहीं होने से यहां पर किसी भी विद्यार्थी का रुझान नहीं हो पा रहा है.

अरोड़ा ने यह भी कहा, कि यह हॉस्टल जिला मुख्यालय से करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर बनाया गया है. यहां पहुंचने के लिए किसी भी प्रकार के यातायात साधन भी उपलब्ध नहीं हैं.

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