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पालीः सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को बेसहारा गोवंश को भी रखना होगा

पाली के सुमेरपुर में मंगलवार को उपखंड कार्यालय में गोशाला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें समिति के सदस्यों को निर्देश दिए गए कि क्षेत्र में संचालित सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को, उनकी कुल क्षमता का कम से कम 10 प्रतिशत बेसहारा और लावारिस गोवंशों को रखना स्वीकार करना होगा.

सुमेरपुर गोशाला खबर, sumerpur Gaushala news
सरकारी अनुदान प्राप्त गोशाला
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Published : Jan 7, 2020, 10:16 PM IST

सुमेरपुर (पाली). मंगलवार को उपखंड कार्यालय में एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया के सान्निध्य में गोशाला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें बताया गया कि क्षेत्र में संचालित सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को, उनकी कुल क्षमता का कम से कम 10 प्रतिशत बेसहारा और लावारिस गोवंशों को रखना स्वीकार करना होगा.

वहीं ऐसा न करने पर प्रथम बार मना करने पर एक माह का अनुदान, दूसरी बार मना करने पर तीन माह और तीसरी बार मना करने पर उस गोशाला को आगामी एक वर्ष तक सरकारी अनुदान राशि से वंचित करने की कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा. साथ ही पकड़े गए बेसहारा पशुओं को उनके मालिकों की ओर से वापस लेने पर, पालिका और पंचायत अपने-अपने स्तर पर तय राशि वसूलेंगी.

एसडीएम सिसोदिया ने बताया कि शहरी क्षेत्र स्थित गोशालाओं में दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश को नगर पालिका अपने स्तर पर पकड़कर गोशालाओं को उपलब्ध करवाए. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत समितियों की ओर से गोशालाओं में लावारिस और बेसहारा गोवंश उपलब्ध करवाई जाएंगी.

सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को रखना होगा गोवंश

पढ़ें: जयपुर के चाकसू में हवाला के करीब 57 लाख रुपए जब्त, जांच शुरू

गोशाला समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गोशालाओ में सरकारी अनुदान एक वर्ष में सिर्फ 6 माह के लिए ही दिया जाता है. वो भी बछ़ड़ो के लिए 20 और गाय-बैल के लिए 40 रुपए दिया जाता है. यह राशि पर्याप्त नहीं है. एक गोवंश पर एक माह में इससे अधिक खर्चा आता है. उन्होंने प्रति गोवंश अनुदान राशि बढ़ाने के साथ-साथ वर्षभर में 9 माह अनुदान राशि दिलवाने की मांग रखी.

इन गोशालाओं को लेने होंगे इतने बेसहारा गोवंश

गोशाला पशु
श्रीराम गोशाला सेवा समिति, कोलीवाड़ा 105
श्री जैन श्वेतांबर पांजरापोल गोशाला, तखतगढ़ 55
कबीर गोशाला, बांकली 36
श्री बांकली महावीर गोशाला समिति, बांकली 36
नंदीश्वर गोशाला, नोवी 39
हेल्पलेस एनीमल लाइफ प्रोजेक्ट, जवाई बांध 35
गोपाल गोवंश कल्याणकारी गोशाला, नेतरा 78
आाशापुरा गौ संवर्धन समिति, नेतरा 42
बामनेरा गोरक्ष चेरिटेबल ट्रस्ट, बामनेरा 36
गौरीशंकर गोशाला सेवा समिति, दुजाना 27
निंबोरानाथ महादेव गोशाला समिति, सांडेराव 30
श्री गोकुल गोसेवा संस्थान, पावा 27
श्री ठाकरनाथ गोसेवा समिति, बाबा गांव 21

वहीं सुमेरपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गोशालाओं को उनकी क्षमता का दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश लेना होगा. इस हिसाब से कुल 567 गोवंश इन गोशालाओं को दिया जाएगा. शहरी क्षेत्र में सुमेरपुर और तखतगढ़ में संचालित गोशालाओं में 160 बेसहारा गोवंश लेना होगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित गोशालाओं को 407 बेसहारा गोवंश को लेना अनिवार्य है.

दूसरी ओर कामधेनु पुत्र 36 कौम गोशाला सेवा समिति ने गोशाला संचालन में आ रही समस्याओं को लेकर एसडीएम के समक्ष मांग रखी. समिति ने बताया कि कामधेनु गोशाला में करीब 900 गोवंश मौजूद हैं. नगर पालिका की ओर से बेसहारा गोवंश को पकड़वाकर गोशाला को सुपुर्द किया जा रहा है. लेकिन पशुओं के पालन के लिए चारे-पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है. उन्होंने एसडीम से गोशाला में चारे की पर्याप्त व्यवस्था करवाने, पीने के पानी के पर्याप्त व्यवस्था करवाने, गोशाला में चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने और नंदी गोशाला के लिए अतिशीघ्र भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की. जिससे कामधेनू गोशाला के नंदियों को उसमें शिफट किया जा सके.

सुमेरपुर (पाली). मंगलवार को उपखंड कार्यालय में एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया के सान्निध्य में गोशाला समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसमें बताया गया कि क्षेत्र में संचालित सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को, उनकी कुल क्षमता का कम से कम 10 प्रतिशत बेसहारा और लावारिस गोवंशों को रखना स्वीकार करना होगा.

वहीं ऐसा न करने पर प्रथम बार मना करने पर एक माह का अनुदान, दूसरी बार मना करने पर तीन माह और तीसरी बार मना करने पर उस गोशाला को आगामी एक वर्ष तक सरकारी अनुदान राशि से वंचित करने की कार्रवाई को अमल में लाया जाएगा. साथ ही पकड़े गए बेसहारा पशुओं को उनके मालिकों की ओर से वापस लेने पर, पालिका और पंचायत अपने-अपने स्तर पर तय राशि वसूलेंगी.

एसडीएम सिसोदिया ने बताया कि शहरी क्षेत्र स्थित गोशालाओं में दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश को नगर पालिका अपने स्तर पर पकड़कर गोशालाओं को उपलब्ध करवाए. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत समितियों की ओर से गोशालाओं में लावारिस और बेसहारा गोवंश उपलब्ध करवाई जाएंगी.

सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को रखना होगा गोवंश

पढ़ें: जयपुर के चाकसू में हवाला के करीब 57 लाख रुपए जब्त, जांच शुरू

गोशाला समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गोशालाओ में सरकारी अनुदान एक वर्ष में सिर्फ 6 माह के लिए ही दिया जाता है. वो भी बछ़ड़ो के लिए 20 और गाय-बैल के लिए 40 रुपए दिया जाता है. यह राशि पर्याप्त नहीं है. एक गोवंश पर एक माह में इससे अधिक खर्चा आता है. उन्होंने प्रति गोवंश अनुदान राशि बढ़ाने के साथ-साथ वर्षभर में 9 माह अनुदान राशि दिलवाने की मांग रखी.

इन गोशालाओं को लेने होंगे इतने बेसहारा गोवंश

गोशाला पशु
श्रीराम गोशाला सेवा समिति, कोलीवाड़ा 105
श्री जैन श्वेतांबर पांजरापोल गोशाला, तखतगढ़ 55
कबीर गोशाला, बांकली 36
श्री बांकली महावीर गोशाला समिति, बांकली 36
नंदीश्वर गोशाला, नोवी 39
हेल्पलेस एनीमल लाइफ प्रोजेक्ट, जवाई बांध 35
गोपाल गोवंश कल्याणकारी गोशाला, नेतरा 78
आाशापुरा गौ संवर्धन समिति, नेतरा 42
बामनेरा गोरक्ष चेरिटेबल ट्रस्ट, बामनेरा 36
गौरीशंकर गोशाला सेवा समिति, दुजाना 27
निंबोरानाथ महादेव गोशाला समिति, सांडेराव 30
श्री गोकुल गोसेवा संस्थान, पावा 27
श्री ठाकरनाथ गोसेवा समिति, बाबा गांव 21

वहीं सुमेरपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित गोशालाओं को उनकी क्षमता का दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश लेना होगा. इस हिसाब से कुल 567 गोवंश इन गोशालाओं को दिया जाएगा. शहरी क्षेत्र में सुमेरपुर और तखतगढ़ में संचालित गोशालाओं में 160 बेसहारा गोवंश लेना होगा. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित गोशालाओं को 407 बेसहारा गोवंश को लेना अनिवार्य है.

दूसरी ओर कामधेनु पुत्र 36 कौम गोशाला सेवा समिति ने गोशाला संचालन में आ रही समस्याओं को लेकर एसडीएम के समक्ष मांग रखी. समिति ने बताया कि कामधेनु गोशाला में करीब 900 गोवंश मौजूद हैं. नगर पालिका की ओर से बेसहारा गोवंश को पकड़वाकर गोशाला को सुपुर्द किया जा रहा है. लेकिन पशुओं के पालन के लिए चारे-पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है. उन्होंने एसडीम से गोशाला में चारे की पर्याप्त व्यवस्था करवाने, पीने के पानी के पर्याप्त व्यवस्था करवाने, गोशाला में चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने और नंदी गोशाला के लिए अतिशीघ्र भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की. जिससे कामधेनू गोशाला के नंदियों को उसमें शिफट किया जा सके.

Intro:सुमेरपुर सहित ग्रामीण इलाको में निराश्रित व लावारिश गौवंश की सार्वजनिक स्थलों व सड़को पर बढ़ती हुई संख्या से उत्पन्न हो रही समस्याओं के निराकरण के लिए पशुपालन विभाग के निर्देश पर उपखंड कार्यालय में एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया के सान्निध्य में गोशाला समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक को संबोधित करते हुए एसडीएम सिसोदिया ने बताया कि पशुपालन विभाग के निर्देशानुसार उपखंड क्षेत्र में संचालित सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को उनकी कुल क्षमता का कम से कम दस प्रतिशत बेसहारा व लावारिस गोवंशों को रखना स्वीकार करना होगा।Body:SPECIAL STORY

सुमेरपुर सहित ग्रामीण इलाको में निराश्रित व लावारिश गौवंश की सार्वजनिक स्थलों व सड़को पर बढ़ती हुई संख्या से उत्पन्न हो रही समस्याओं के निराकरण के लिए पशुपालन विभाग के निर्देश पर उपखंड कार्यालय में एसडीएम राजेन्द्रसिंह सिसोदिया के सान्निध्य में गोशाला समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक को संबोधित करते हुए एसडीएम सिसोदिया ने बताया कि पशुपालन विभाग के निर्देशानुसार उपखंड क्षेत्र में संचालित सरकारी अनुदान प्राप्त गोशालाओं को उनकी कुल क्षमता का कम से कम दस प्रतिशत बेसहारा व लावारिस गोवंशों को रखना स्वीकार करना होगा। यदि किसी गोशाला द्वारा लावारिश गोवंश को लेने से मना किया जाता है तो प्रथम बार मना करने पर एक माह का अनुदान, दूसरी बार मना करने पर तीन माह एवं तीसरी बार मना करने पर उस गोशाला को आगामी एक वर्ष तक सरकारी अनुदान राशि से वंचित करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं पकड़े गए बेसहारा पशुओ को उनके मालिको द्वारा वापस लेने पर पालिका व पंचायत अपने-अपने स्तर पर तय राशि वसूलेगी।

शहर में नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत बेसहारा गोवंश को पकड़कर गोशालाओं को देगी
एसडीएम सिसोदिया ने बताया कि शहरी क्षेत्र स्थित गोशालाओ में दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश को नगर पालिका अपने स्तर पर पकड़कर गोशालाओ को उपलब्ध करवाए, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत समितियों द्वारा गोशालाओ में लावारिस व बेसहारा गोवंश उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने बताया कि उपखंड क्षेत्र में संचालित गोशालाओ को उनकी क्षमता का 10 प्रतिशत बेसहारा व लावारिश गोवंश उन्हें लेना होगा। ऐसा नहीं करने पर सरकारी अनुदान राशि नहीं देने के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

प्रति गोवंश अनुदान राशि बढ़ाने व वर्ष में अनुदान के माह बढ़ाने की मांग
गोशाला समिति पदाधिकारियों ने बताया कि गोशालाओ में सरकारी अनुदान एक वर्ष में सिर्फ 6 माह के लिए ही दिया जाता है, वो भी बछ़ड़ो के लिए 20 व गाय-बैल के लिए 40 रुपए दिया जाता है। यह राशि पर्याप्त नहीं है। एक गोवंश पर एक माह में इससे अधिक खर्चा आता है। उन्होंने प्रति गोवंश अनुदान राशि बढ़ाने के साथ-साथ वर्षभर में 9 माह अनुदान राशि दिलवाने की मांग रखी।

इन गोशालाओं को लेना होगा बेसहारा गोवंश
          गोशाला           पशु
श्रीराम गोशाला सेवा समिति कोलीवाडा                            105
श्री जैन श्वेतांबर पांजरापोल गोशाला तखतगढ़                   55
कबीर गोशाला बांकली                                               36
श्री बांकली महावीर गोशाला समिति बांकली                   36
नंदीश्वर गोशाला नोवी                                              39
हेल्पलैस एनीमल लाइफ प्रोजेक्ट जवाई बांध                   35
गोपाल गोवंश कल्याणकारी गोशाला नेतरा                   78
आाशापुरा गौ संवर्धन समिति नेतरा                            42
बामनेरा गोरक्ष चेरिटेबल ट्रस्ट बामनेरा                            36
गौरीशंकर गोशाला सेवा समिति दुजाना                            27
निंबोरानाथ महादेव गोशाला समिति सांडेराव                   30
श्री गोकुल गोसेवा संस्थान पावा                               27
श्री ठाकरनाथ गोसेवा समिति बाबा गांव                            21

क्षमता का 10 प्रतिशत के हिसाब से 567 बेसहारा गोवंश गोशालाओ को लेना अनिवार्य
सुमेरपुर सहित ग्रामीण क्षेत्रो में संचालित गोशालाओ को उनकी क्षमता का दस प्रतिशत बेसहारा गोवंश लेना होगा। इस हिसाब से कुल 567 गोवंश इन गोशालाओ को दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में सुमेरपुर व तखतगढ़ में संचालित गोशालाओ में 160 बेसहारा गोवंश लेना होगा। वही ग्रामीण क्षेत्र में संचालित गोशालाओ को 407 बेसहारा गोवंश को लेना अनिवार्य है।

विभिन्न मांगों को लेकर कामधेनु पुत्र 36 कौम गोशाला सेवा समिति ने दिया ज्ञापन
कामधेनु पुत्र 36 कौम गोशाला सेवा समिति ने गोशाला संचालन में आ रही समस्याओं को लेकर एसडीएम के समक्ष मांग रखी। समिति ने बताया कि कामधेनु गोशाला में करीब 900 गोवंश मौजूद है। नगर पालिका द्वारा बेसहारा गोवंश को पकड़वाकर गोशाला को सुपुर्द किया जा रहा है, लेकिन पशुओं के पालन के लिए चारे-पानी की व्यवस्था नहीं हो रही है। उन्होंने एसडीम से गोशाला में चारे की पर्याप्त व्यवस्था करवाने, पीने के पानी के पर्याप्त व्यवस्था करवाने, गोशाला में चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाने एवं नंदी गोशाला के लिए अतिशीघ्र भूमि उपलब्ध करवाने की मांग की। जिससे कामधेनू गोशाला के नंदियों को उसमें शिफट किया जा सके।

बाईट 1- राजेन्द्रासिंह सिसोदीया, उपखण्ड अधिकारी, सुमेरपुर
बाईट 2- पुखराज शर्मा, संचालक, गोपाल गोवंश कल्याणकारी गोशाला, नेतरा
Conclusion:
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