पाली. देश में पिछले 2 महीने से लगे लॉकडाउन में सबसे ज्यादा प्रभावित सैलून संचालक हुए हैं. सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में इन संचालकों को किसी भी प्रकार से राहत नहीं दी गई. वहीं अब लॉकडाउन 5.0 के तहत सरकार ने सभी क्षेत्रों में सैलून की दुकानें खोलने की इजाजत दे दी है. साथ ही इनमें कई नियम एवं शर्तें रखी गई हैं, ताकि इनसे किसी भी प्रकार से संक्रमण का खतरा नहीं बढ़े.
बता दें कि इस गाइडलाइन को पूरा करने में पाली के सैलून संचालकों की ओर से हर संभव प्रयास किया जा रहा है. ऐसे में अब पाली के आधे से ज्यादा सैलूनों में सभी कर्मचारी पीपीई किट पहने और अपने उपकरणों को हर समय सेनेटाइज करते नजर आ रहे हैं. यहां तक कि सैलूनों में इस्तेमाल होने वाले कपड़े व नैपकिन भी डिस्पोजल रूप में उपयोग किए जा रहे हैं. इन सभी के इस प्रयास के पीछे संक्रमण से बचने का उद्देश्य है.
500 से ज्यादा सैलून संचालित...
जिले में करीब 500 से ज्यादा सैलून संचालित होते हैं. बता दें कि जब देश में लॉकडाउन लागू किया गया तो सबसे पहले सैलून को बंद किया गया, क्योंकि यहां इकट्ठा होने वाली भीड़ से संक्रमण के फैलने का खतरा ज्यादा था. ऐसे में पिछले दो माह में सरकार की ओर से सभी उद्योग व दुकानों को राहत दी गई, लेकिन सैलून संचालकों को किसी भी प्रकार से राहत नहीं दी गई. जिससे इन लोगों पर आर्थिक संकट भी मंडराने लगा. उसके बाद सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन में नियम एवं शर्तों पर सैलून खोलने की अनुमति दे दी गई.
थर्मल स्क्रीनिंग कर ग्राहकों को प्रवेश...
बता दें कि सैलून में प्रवेश करने पर ग्राहक का तापमान मापा जा रहा है. उसके बाद उसके हाथ सैनिटाइज करवाए जा रहे हैं. साथ ही सैलून कर्मचारी द्वारा ग्राहक का नाम, पता, मोबाइल नंबर और ट्रैवल हिस्ट्री पूछी जा रही है और उसके स्वास्थ्य के बारे में भी जानकारी ली जाती है. यही नहीं, ग्राहक को जो नैपकिन दिया जा रहा है उसका उपयोग भी दूसरी बार नहीं किया जा रहा है.
उपकरणों को किया जा रहा सेनेटाइज...
सैलून संचालकों द्वारा जिन उपकरण का उपयोग बाल काटने एवं शेविंग करने के लिए किया जा रहा है, उन्हें भी हर बार सेनेटाइज किया जा रहा है. साथ ही जिस कुर्सी पर ग्राहक बैठता है, उसे भी नए ग्राहक के साथ ही सेनेटाइज किया जा रहा है, ताकि यहां आने वाले लोगों में किसी भी प्रकार का संक्रमण नहीं फैले.
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ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का उपयोग...
पाली में सैलून संचालकों द्वारा अब कैश पेमेंट की जगह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन ही करवाया जा रहा है. इसके साथ ही सैलून में सोशल डिस्टेंसिंग का सबसे ज्यादा ख्याल रखा जा रहा है. सैलून संचालकों द्वारा फोन पर ग्राहकों की बुकिंग की जा रही है. इसके साथ ही उन्हें समय भी दिया जा रहा है, ताकि उस समय पर ही ग्राहक सैलून पहुंचें और किसी भी प्रकार की भीड़ ना रहे. जिससे कोरोना वायरस संक्रमण फैलने का खतरा नहीं रहे.