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पालीः नवनिर्वाचित पार्षद के अपहरण का मामला दर्ज, प्रत्याशी ने वीडियो जारी कर कहा- मैं अपनी मर्जी से गया था

निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को शहरी मुखिया का चेहरा बनाने के लिए दोनों ही पार्टियों द्वारा राजनीति के सभी दांव पर खेलने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है. जहां मतगणना के दूसरे दिन ही भाजपा ने अपना पूर्ण समर्थन बनाने के लिए अपने प्रत्याशियों के साथ कई निर्दलीय को अपने खेमे में जोड़ दिया था और उनकी बाड़ाबंदी कर दी थी, लेकिन इस बाड़ाबंदी में अब सेंधमारी हो चुकी है.

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Published : Nov 25, 2019, 8:50 PM IST

पाली. भाजपा की ओर से निर्दलीय नवनिर्वाचित पार्षद के रूप में शामिल किए गए रमेश बंजारा के परिजनों ने रविवार को कोतवाली थाने में उसके अपहरण का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले के दर्ज होने के बाद में पाली की राजनीति में एक बार फिर से चर्चा में काफी तेज हो चुकी थी.

निर्दलीय नवनिर्वाचित पार्षद के अपहरण का मामला

पुलिस ने भी इसे गंभीर मामला मानते हुए रमेश बंजारा को खोजने का कार्य शुरू कर दिया था और सोमवार सुबह उन्हें भाजपा की बाड़ाबंदी से लेकर पुलिस पाली लौट आई और उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया. हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हुई. रमेश बंजारा ने परिजनों के पास आने के बाद कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस के बाड़ाबंदी में चले गए.

यह भी पढे़ं- भाजपा की कथनी और करनी में फर्क है, निकाय चुनाव में हाइब्रिड मॉडल अपनाने से वह आया सामनेः ज्योति खंडेलवाल

दो दिनों तक चली इस राजनीति की सुर्खियों में शहरी सरकार को लेकर भी चर्चाएं काफी तेज हो गई. जहां लगातार पाली शहर में कांग्रेस द्वारा जोड़-तोड़ कर इस बार अपना बोर्ड बनाने का दावा किया जा रहा है. वहीं भाजपा भी अपना पूर्ण समर्थन जताते हुए इस बार अपना और अपना चेयरमैन बनाने के दावे लगातार कर रही है. गौरतलब है कि इस बार निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने टिकट वितरण प्रणाली से नाराज होकर कई बागी निर्दलीय चुनाव लड़े थे.

यह भी पढे़ं- चूरू को कल मिलेगी पहली महिला सभापति, चुनाव की तैयारी पूरी

इस बार पाली की 65 सीटों में से 14 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर सामने आए थे. वहीं भाजपा को 29 पर कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को अपना बोर्ड और अपना चेयरमैन बनाने के लिए इस बार निर्दलियों का सहारा लेना था. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने मतगणना के दूसरे दिन ही निर्दलिय पार्षदों की बाड़ाबंदी करना शुरू कर दिया था. रमेश बंजारा का सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें रमेश बंजारा ने अपनी मर्जी से भाजपा के बाड़ाबंदी में जाने की बात कही, लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि उनका परिवार लगातार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है और वह बाड़ाबंदी में अपनी मर्जी से गए थे. अब अपनी मर्जी से कांग्रेस के साथ आए हैं और उनकी बाड़ाबंदी में शामिल है.

पाली. भाजपा की ओर से निर्दलीय नवनिर्वाचित पार्षद के रूप में शामिल किए गए रमेश बंजारा के परिजनों ने रविवार को कोतवाली थाने में उसके अपहरण का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले के दर्ज होने के बाद में पाली की राजनीति में एक बार फिर से चर्चा में काफी तेज हो चुकी थी.

निर्दलीय नवनिर्वाचित पार्षद के अपहरण का मामला

पुलिस ने भी इसे गंभीर मामला मानते हुए रमेश बंजारा को खोजने का कार्य शुरू कर दिया था और सोमवार सुबह उन्हें भाजपा की बाड़ाबंदी से लेकर पुलिस पाली लौट आई और उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया. हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हुई. रमेश बंजारा ने परिजनों के पास आने के बाद कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस के बाड़ाबंदी में चले गए.

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दो दिनों तक चली इस राजनीति की सुर्खियों में शहरी सरकार को लेकर भी चर्चाएं काफी तेज हो गई. जहां लगातार पाली शहर में कांग्रेस द्वारा जोड़-तोड़ कर इस बार अपना बोर्ड बनाने का दावा किया जा रहा है. वहीं भाजपा भी अपना पूर्ण समर्थन जताते हुए इस बार अपना और अपना चेयरमैन बनाने के दावे लगातार कर रही है. गौरतलब है कि इस बार निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों ने टिकट वितरण प्रणाली से नाराज होकर कई बागी निर्दलीय चुनाव लड़े थे.

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इस बार पाली की 65 सीटों में से 14 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर सामने आए थे. वहीं भाजपा को 29 पर कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली थी. ऐसे में दोनों ही पार्टियों को अपना बोर्ड और अपना चेयरमैन बनाने के लिए इस बार निर्दलियों का सहारा लेना था. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने मतगणना के दूसरे दिन ही निर्दलिय पार्षदों की बाड़ाबंदी करना शुरू कर दिया था. रमेश बंजारा का सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें रमेश बंजारा ने अपनी मर्जी से भाजपा के बाड़ाबंदी में जाने की बात कही, लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि उनका परिवार लगातार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है और वह बाड़ाबंदी में अपनी मर्जी से गए थे. अब अपनी मर्जी से कांग्रेस के साथ आए हैं और उनकी बाड़ाबंदी में शामिल है.

Intro:पाली. निकाय चुनाव को लेकर मंगलवार को शहरी मुखिया का चेहरा बनाने के लिए दोनों ही पार्टियों द्वारा राजनीति के सभी दांव पर खेलने में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है। जहां मतगणना के दूसरे दिन ही भाजपा ने अपना पूर्ण समर्थन बनाने के लिए अपने प्रत्याशियों के साथ कई निर्दलीय को अपने खेमे में जोड़ दिया था और उनकी बाराबंदी कर दी थी। लेकिन इस बाड़ाबंदी में अब सेंधमारी हो चुकी है। भाजपा की ओर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में शामिल किए गए रमेश बंजारा के परिजनों ने रविवार को कोतवाली थाने में उसके अपहरण का मामला दर्ज करवाया था। इस मामले के दर्ज होने के बाद में पाली की राजनीति में एक बार फिर से चर्चा में काफी तेज हो चुकी थी। पुलिस ने भी इसे गंभीर मामला मानते हुए निर्दलीय प्रत्याशी रमेश बंजारा को खोजने का कार्य शुरू कर दिया था। और सोमवार सुबह उन्हें भाजपा की बाड़ाबंदी से लेकर पुलिस पाली लौट आई और उनके परिजनों को सुपुर्द कर दिया। हालांकि बात यहीं खत्म नहीं हुई, रमेश बंजारा ने पाली परिजनों के पास आने के बाद में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस के बाड़ाबंदी में चले गए। दो दिनों में चली इस राजनीति सुर्खियों में पाली के शहरी सरकार को लेकर भी चर्चाएं काफी तेज हो गई। जहां लगातार पाली शहर में कांग्रेस द्वारा जोड़-तोड़ कर इस बार अपना बोर्ड बनाने का दावा किया जा रहा है। वहीं भाजपा भी अपना पूर्ण समर्थन जताते हुए इस बार अपना और अपना चेयरमैन बनाने के दावे लगातार कर रही है।


Body: गौरतलब है कि इस बार निकाय चुनाव में दोनों ही पार्टियों द्वारा टिकट वितरण प्रणाली से नाराज होकर कहीं बागियों ने निर्दलीय चुनाव लड़े थे। और इस बार पाली की 65 सीटों में से 14 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीत कर सामने आए थे ।वहीं भाजपा को 29 पर कांग्रेस को 22 सीटों पर जीत मिली थी। ऐसे में दोनों ही पार्टियों को अपना बोर्ड और अपना चेयरमैन बनाने के लिए इस बार निर्दलीयों का सहारा लेना था। ऐसे में दोनों ही पार्टियों द्वारा मतगणना के दूसरे दिन ही निर्दलीयों की बाड़ाबंदी करना शुरू कर दिया था। भाजपा ने अपने पास 5 निर्दलीय को बताया था। जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी रमेश बंजारा का भी नाम शामिल था। रमेश बंजारा भाजपा द्वारा चेयरमैन का नामांकन भरने के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ निर्वाचन अधिकारी के सामने नजर भी आए थे। और उसके बाद भाजपा द्वारा की गई बाड़बंदी में चले गए थे। लेकिन रविवार को रमेश बंजारा के पिता पन्नालाल ने पाली के कोतवाली थाने में उसके अपहरण का मामला दर्ज करवाया। ओर उसे उसकी मर्जी के बिना बाड़ाबंदी में रखने की बात कही। ऐसे में पुलिस ने इसे गंभीर मामला मानते हुए तुरंत प्रभाव से कार्रवाई की और जैसलमेर के एक रिसोर्ट से रमेश बंजारा को पुलिस पाली लेकर लौट आई। और सोमवार को उसके परिजनों को सुपुर्द कर दिया। लेकिन इसके बाद में रमेश बंजारा का सोमवार को एक वीडियो वायरल हुआ। जिसमें रमेश बंजारा ने अपनी मर्जी से भाजपा के बाड़ाबंदी में जाने की बात कही। लेकिन उसके बाद उन्होंने कहा कि उनका परिवार लगातार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है। और वह बाड़ाबंदी में अपनी मर्जी से गए थे। ओर अब अपनी मर्जी से कांग्रेस के साथ आए हैं और उनकी बाराबंदी में शामिल है।

समाचार में कोतवाली थाना प्रभारी गौतम जैन ओर

सोशल मीडिया पर वायरल हुए निर्दलीय प्रत्याशी रमेश बंजारा की बाइट न्यूज़ रेप से भेजी गई है


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