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Special : पाली में किसानों को बारिश से आस...5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा खेतों में खरीफ फसल की बुवाई का लक्ष्य

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Published : Jul 14, 2020, 12:23 PM IST

कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने लॉकडाउन लगाया था, जिसके कारण किसानों की भी आर्थिक स्थिति खराब हो गई है. वहीं, अब किसानों को खरीफ की फसल से काफी उम्मीदें हैं. पाली के किसानों की बात करें तो अब उन्हें अच्छी बारिश का इंतजार है, जिससे उन्हें लाभ मिल सके. देखिए ये रिपोर्ट...

राजस्थान न्यूज, pali news
किसानों को है बारिश का इंतजार

पाली. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से लोगों की जिंदगी पटरी पर आने लगी है. इसके चलते अब पाली के खेतों में किसानों ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. मानसून की पहली बारिश के बाद किसानों की उम्मीदें जागी हैं और खेतों में खरीफ की बुवाई करने के लिए किसान तैयार हो गया है. सभी खेतों में बुवाई का कार्य शुरू कर दिया गया है.

किसानों को है बारिश का इंतजार

पाली में आधे से ज्यादा खेतों में खरीफ की फसल बुवाई कर दी गई है. वहीं, कई लोग अभी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने खरीफ की बुवाई को लेकर पूरी तैयारियां कर ली है. किसानों की संगोष्ठी और इस बार अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को हर तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. इस बार पाली में खरीफ के लिए 5 लाख 48 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

राजस्थान न्यूज, pali news
किसानों ने खेतों में किया काम शुरू

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी जिले भर में किसानों को जागरूक कर रहे हैं और खरीफ में होने वाली अलग-अलग फसलों की बुवाई करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जिससे किसानों के खेतों में अच्छा उत्पादन हो और उन्हें अच्छा लाभ मिले.

राजस्थान न्यूज, pali news
बारिश का इंतजार

पाली में कुल 5 लाख 48 हजार 500 हेक्टेयर में होगी खरीफ की बुवाई...

  • 80 हजार हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई
  • 80 हजार हेक्टेयर तिल की बुवाई
  • 35 हजार हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई
  • 11 हजार हेक्टेयर में मक्के की बुवाई
  • 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में मूंग की बुवाई
  • 1 हजार हेक्टेयर में मोठ की बुवाई, 900 हेक्टेयर में उड़द की बुवाई
  • 500 हेक्टेयर में चौला की बुवाई, 7 हजार हेक्टेयर में अरण्डी की बुवाई
  • 15 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई
  • 25 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बुवाई
  • 42 हजार हेक्टेयर में अन्य फसलों की होगी बुवाई

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार खेतों में रबी की फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ था, लेकिन कई जगह टिड्डियों के हमले ने किसानों को काफी नुकसान में डाल दिया है. इस बार मौसम विभाग ने पाली में अच्छे मानसून के संदेश दिए हैं. अच्छा पानी और बेहतर मौसम की उम्मीद लेकर किसान और कृषि विभाग दोनों ही बेहतर उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं.

राजस्थान न्यूज, pali news
किसानों ने की खरीफ फसल की बुवाई

वहीं, पाली में सबसे ज्यादा मूंग की फसल की बुवाई की जा रही है. पाली के अलग-अलग गांव में इस बार करीब 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर भूमि में मूंग की बुवाई होने वाली है. सबसे ज्यादा फायदे को मानते हुए किसानों ने इस बार मूंग पर दाव लगाया है. इसके बाद करीब 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरे का उत्पादन होगा. इसके साथ ही खरीफ की फसलों में मोठ, मक्का, बाजरा, उड़द, चोला, अरहर, मूंगफली, तिल, अरंडी, कापास, ज्वार, ग्वार सहित कई फसलों की बुवाई होगी.

पढ़ें- पाली: सियाट मार्ग पर अनियंत्रित होकर नीम के पेड़ से टकराई कार, 4 घायल

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि पाली में अब तक आधे से ज्यादा खरीफ की फसलों की बुवाई हो चुकी है. कुछ किसान अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों की मानें तो इस बार किसान अपने खेतों से खासी उम्मीदें लगा रहा है. टिड्डी हमले और कोरोना संक्रमण लॉकडाउन के चलते पाली के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. आर्थिक संकट में फंसे इन किसानों को उभारने के लिए इस बार खरीफ की फसल के लिए एकमात्र सहारा है. मानसून ने भी अच्छे संकेत दिए हैं, लेकिन अभी भी किसान को अच्छी बारिश का इंतजार है. अगर सब कुछ किसान के पक्ष में होता है तो किसान इस बार अपने सभी आर्थिक संकटों को दूर कर देगा.

पाली. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के बाद एक बार फिर से लोगों की जिंदगी पटरी पर आने लगी है. इसके चलते अब पाली के खेतों में किसानों ने फिर से काम करना शुरू कर दिया है. मानसून की पहली बारिश के बाद किसानों की उम्मीदें जागी हैं और खेतों में खरीफ की बुवाई करने के लिए किसान तैयार हो गया है. सभी खेतों में बुवाई का कार्य शुरू कर दिया गया है.

किसानों को है बारिश का इंतजार

पाली में आधे से ज्यादा खेतों में खरीफ की फसल बुवाई कर दी गई है. वहीं, कई लोग अभी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. कृषि विभाग के अधिकारियों ने खरीफ की बुवाई को लेकर पूरी तैयारियां कर ली है. किसानों की संगोष्ठी और इस बार अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को हर तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. इस बार पाली में खरीफ के लिए 5 लाख 48 हजार 500 हेक्टेयर भूमि में बुवाई का लक्ष्य रखा गया है.

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किसानों ने खेतों में किया काम शुरू

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग के अधिकारी जिले भर में किसानों को जागरूक कर रहे हैं और खरीफ में होने वाली अलग-अलग फसलों की बुवाई करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जिससे किसानों के खेतों में अच्छा उत्पादन हो और उन्हें अच्छा लाभ मिले.

राजस्थान न्यूज, pali news
बारिश का इंतजार

पाली में कुल 5 लाख 48 हजार 500 हेक्टेयर में होगी खरीफ की बुवाई...

  • 80 हजार हेक्टेयर में ज्वार की बुवाई
  • 80 हजार हेक्टेयर तिल की बुवाई
  • 35 हजार हेक्टेयर में बाजरे की बुवाई
  • 11 हजार हेक्टेयर में मक्के की बुवाई
  • 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर में मूंग की बुवाई
  • 1 हजार हेक्टेयर में मोठ की बुवाई, 900 हेक्टेयर में उड़द की बुवाई
  • 500 हेक्टेयर में चौला की बुवाई, 7 हजार हेक्टेयर में अरण्डी की बुवाई
  • 15 हजार हेक्टेयर में कपास की बुवाई
  • 25 हजार हेक्टेयर में ग्वार की बुवाई
  • 42 हजार हेक्टेयर में अन्य फसलों की होगी बुवाई

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार खेतों में रबी की फसलों का अच्छा उत्पादन हुआ था, लेकिन कई जगह टिड्डियों के हमले ने किसानों को काफी नुकसान में डाल दिया है. इस बार मौसम विभाग ने पाली में अच्छे मानसून के संदेश दिए हैं. अच्छा पानी और बेहतर मौसम की उम्मीद लेकर किसान और कृषि विभाग दोनों ही बेहतर उत्पादन का प्रयास कर रहे हैं.

राजस्थान न्यूज, pali news
किसानों ने की खरीफ फसल की बुवाई

वहीं, पाली में सबसे ज्यादा मूंग की फसल की बुवाई की जा रही है. पाली के अलग-अलग गांव में इस बार करीब 2 लाख 50 हजार हेक्टेयर भूमि में मूंग की बुवाई होने वाली है. सबसे ज्यादा फायदे को मानते हुए किसानों ने इस बार मूंग पर दाव लगाया है. इसके बाद करीब 35 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरे का उत्पादन होगा. इसके साथ ही खरीफ की फसलों में मोठ, मक्का, बाजरा, उड़द, चोला, अरहर, मूंगफली, तिल, अरंडी, कापास, ज्वार, ग्वार सहित कई फसलों की बुवाई होगी.

पढ़ें- पाली: सियाट मार्ग पर अनियंत्रित होकर नीम के पेड़ से टकराई कार, 4 घायल

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि पाली में अब तक आधे से ज्यादा खरीफ की फसलों की बुवाई हो चुकी है. कुछ किसान अभी भी अच्छी बारिश का इंतजार कर रहे हैं. अधिकारियों की मानें तो इस बार किसान अपने खेतों से खासी उम्मीदें लगा रहा है. टिड्डी हमले और कोरोना संक्रमण लॉकडाउन के चलते पाली के किसानों को काफी नुकसान हुआ है. आर्थिक संकट में फंसे इन किसानों को उभारने के लिए इस बार खरीफ की फसल के लिए एकमात्र सहारा है. मानसून ने भी अच्छे संकेत दिए हैं, लेकिन अभी भी किसान को अच्छी बारिश का इंतजार है. अगर सब कुछ किसान के पक्ष में होता है तो किसान इस बार अपने सभी आर्थिक संकटों को दूर कर देगा.

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