पाली. जोशी मठ की तरह ही पाली शहर के भीतरी इलाकों में इन दिनों दशहत का माहौल है और यहां के निवासी घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं. शहर के अंदरूनी इलाकों के करीब 40 मकानों में दरार आ गई है जिससे लोग दहशत में हैं. सरकार और प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया जा रहा है. फिलहाल प्रशासन की ओर से अधिक क्षतिग्रस्त 6 मकानों को चिह्नित कर उसे अविलंब खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है, लेकिन इन परिवारों की शिफ्टिंग के बारे में फिलहाल तक जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यहां के लोग भी जोशीमठ जैसी पीड़ा झेलने को मजबूर होंगे. मकानों में दरार आने की सूचना के बाद जिला प्रशासन व अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और सभी क्षतिग्रस्त मकानों की जांच करने के बाद 6 मकानों को अविलंब खाली करने का निर्देश जारी किया. साथ ही बताया गया कि यहां जमीन धसने के कारण मकानों में दरार आ रही है. वहीं, स्थानीय लोग बता रहे हैं कि जिस दिन से इस क्षेत्र में सीवरेज लाइन बिछाई गई, तभी से यहां मकानों में दरार पड़नी शुरू हुई है.
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हालांकि, स्थानीयों ने कई बार जिम्मेदारों से मामले की शिकायत भी की, लेकिन किसी ने भी उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसे में आज स्थिति बद से बदतर हो गई है और धीरे-धीरे यहां 40 मकानों में दरार पड़ने से उन मकान में रहने वालों के साथ ही इलाके के अन्य लोग भी खासा घबराए हुए है. वहीं, नगर परिषद आयुक्त अभिलाषा सिंह ने बताया कि पीएचईडी, पीडब्ल्यूडी, नगर परिषद और एमबीएम के एचओडी से सर्वे करवाकर जांच करवाई जा रही है. जांच में प्राथमिक तौर पर सामने आया है कि जमीन धसने के कारण कुछ पुरानी मकानों में दरार पड़ी हैं.
साथ ही 6 मकान अधिक क्षतिग्रस्त हुए. ऐसे में इन मकानों में रहने वाले लोगों को दूसरे मकानों में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. हालांकि, स्थानीय लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन इस पूरे मामले में लीपापोती कर रहा है. सीवरेज के घटिया निर्माण की वजह से ही सीवरेज का पानी मकानों के नीव में जा रहा है, जिससे दरारें पड़ रही हैं.