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पाली में शीतला सप्तमी मेले पर पड़ा कोरोना का साया

पाली में कोरोना वायरस का असर नजर आने लगा है. जहां सोमवार को आयोजित होने वाले शीतला सप्तमी मेले पर रोक लग गई है.पाली में होने वाले शीतला सप्तमी मेले में भी अब सरकारी बेड़े की कोई भूमिका नहीं रहेगी.

पाली न्यूज , pali news
कोरोना की इमरजेंसी
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Published : Mar 14, 2020, 11:33 PM IST

पाली. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल इमरजेंसी घोषित करने के बाद सबसे पहला असर पाली के सबसे बड़े मेले शीतला सप्तमी पर पड़ चुका है. इस बार शीतला सप्तमी का मेला पूरी तरह से कोरोना वायरस इमरजेंसी के खटाई में पड़ चुका है.

प्रशासन की ओर से सीधे तौर पर पाली में जनसंख्या को इकट्ठा करने वाली सभी गतिविधियों पर लगाम लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत सोमवार को पाली में होने वाले शीतला सप्तमी मेले में भी अब सरकारी बेड़े की कोई भूमिका नहीं रहेगी.

कोरोना की इमरजेंसी

ऐसे में पिछले 10 दिनों से पाली में चल रही शीतला सप्तमी मेले की तैयारियां अब पाली शहर में ठंडी पड़ चुकी हैं. जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने शनिवार देर शाम को निर्देश जारी करते हुए शीतला सप्तमी किसी भी प्रकार से सरकारी बेड़े की कोई भूमिका नहीं करने और आम जनता से इस मेले में भीड़ नहीं करने की अपील की गई है. ऐसे में पिछले लंबे समय से शीतला सप्तमी मेले की तैयारियों पर पूरी तरह से लगाम लग चुकी है.

पढ़ें- गोशाला लोकार्पण करने राजसमंद पहुंचे गहलोत...कहा- कोरोना से डरने की जरूरत नहीं, लेकिन ऐसे समारोह से बचें

बता दें कि पाली में पिछले 50 सालों से शीतला सप्तमी के दिन आदर्श नगर स्थित शीतला माता मंदिर पर भव्य मेले का आयोजन होता है. जिसमें पाली शहर सहित आसपास के गांव से करीबन 5 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं.

इस मेले की विशेषता यह है कि इस मेले में पाली जिले के सभी समाजों द्वारा अलग-अलग परंपराओं में गैर नृत्य का आयोजन होता है, जिसमें 200 से ज्यादा गैर दल अपनी प्रस्तुति देते हैं. करीब 3 किलोमीटर के रास्ते पर यह गैर नृत्य का आयोजन होता है और इसके लिए पाली नगर परिषद की ओर से संपूर्ण व्यवस्था की जाती है.

पढ़ें- भरतपुर: दहेज हत्या मामले में आरोपी पति गिरफ्तार

लेकिन, इस बार शनिवार को राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इमरजेंसी घोषित होने के बाद पिछले 10 दिनों से पाली शहर में चल रही शीतला सप्तमी की तैयारियां अब बंद हो चुकी है. जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र द्वारा निर्देश जारी करने के बाद में नगर परिषद के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सभी सामाजिक संस्थाओं को इस मेले के आयोजन से पूरी तरह से इंकार कर दिया गया है.

हालांकि, अधिकारियों ने परंपरा को जिंदा रखने के लिए सामाजिक संस्थाओं द्वारा कम से कम भीड़ में इस मेले का आयोजन करने को कहा है. लेकिन, जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन द्वारा सीधे तौर पर किसी भी प्रकार की भीड़ को नहीं होने की अपील की गई है.

पाली. कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद प्रदेश सरकार द्वारा मेडिकल इमरजेंसी घोषित करने के बाद सबसे पहला असर पाली के सबसे बड़े मेले शीतला सप्तमी पर पड़ चुका है. इस बार शीतला सप्तमी का मेला पूरी तरह से कोरोना वायरस इमरजेंसी के खटाई में पड़ चुका है.

प्रशासन की ओर से सीधे तौर पर पाली में जनसंख्या को इकट्ठा करने वाली सभी गतिविधियों पर लगाम लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. इसके तहत सोमवार को पाली में होने वाले शीतला सप्तमी मेले में भी अब सरकारी बेड़े की कोई भूमिका नहीं रहेगी.

कोरोना की इमरजेंसी

ऐसे में पिछले 10 दिनों से पाली में चल रही शीतला सप्तमी मेले की तैयारियां अब पाली शहर में ठंडी पड़ चुकी हैं. जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन ने शनिवार देर शाम को निर्देश जारी करते हुए शीतला सप्तमी किसी भी प्रकार से सरकारी बेड़े की कोई भूमिका नहीं करने और आम जनता से इस मेले में भीड़ नहीं करने की अपील की गई है. ऐसे में पिछले लंबे समय से शीतला सप्तमी मेले की तैयारियों पर पूरी तरह से लगाम लग चुकी है.

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बता दें कि पाली में पिछले 50 सालों से शीतला सप्तमी के दिन आदर्श नगर स्थित शीतला माता मंदिर पर भव्य मेले का आयोजन होता है. जिसमें पाली शहर सहित आसपास के गांव से करीबन 5 लाख से ज्यादा लोग इकट्ठा होते हैं.

इस मेले की विशेषता यह है कि इस मेले में पाली जिले के सभी समाजों द्वारा अलग-अलग परंपराओं में गैर नृत्य का आयोजन होता है, जिसमें 200 से ज्यादा गैर दल अपनी प्रस्तुति देते हैं. करीब 3 किलोमीटर के रास्ते पर यह गैर नृत्य का आयोजन होता है और इसके लिए पाली नगर परिषद की ओर से संपूर्ण व्यवस्था की जाती है.

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लेकिन, इस बार शनिवार को राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए इमरजेंसी घोषित होने के बाद पिछले 10 दिनों से पाली शहर में चल रही शीतला सप्तमी की तैयारियां अब बंद हो चुकी है. जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र द्वारा निर्देश जारी करने के बाद में नगर परिषद के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सभी सामाजिक संस्थाओं को इस मेले के आयोजन से पूरी तरह से इंकार कर दिया गया है.

हालांकि, अधिकारियों ने परंपरा को जिंदा रखने के लिए सामाजिक संस्थाओं द्वारा कम से कम भीड़ में इस मेले का आयोजन करने को कहा है. लेकिन, जिला कलेक्टर दिनेश चंद्र जैन द्वारा सीधे तौर पर किसी भी प्रकार की भीड़ को नहीं होने की अपील की गई है.

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