पाली. नगरपरिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार के चलते एक ठेकेदार ने फंदे पर लटककर (contractor commit suicide) अपनी जान दे दी. जिले के रोहट थाना क्षेत्र के ढाबर गांव निवासी हनुमानसिंह राजपुरोहित नगरपरिषद में ठेकेदारी करता था और पिछले दो वर्षों से परिषद में करीब दो करोड़ रुपये बकाया चल रहे थे. इसको लेकर पूर्व में भी ठेकेदार ने नगर परिषद के बाहर धरना दिया था लेकिन समाधान नहीं होने के चलते शुक्रवार शाम को ठेकेदार ने अपने घर पर फंदा लगा आत्महत्या कर ली.
ठेकेदार को अचेत अवस्था में परिजन आनन फानन में बांगड़ अस्पताल लेकर पहुंचे जहां चिकितस्कों ने उसे मृत घोषित कर दिया. ठेकेदार के जेब से दो (two pages note found into the pocket) पेज का सुसाइड नोट मिला जिसमें उसने नगर परिषद सभापति के पति राकेश भाटी, आयुक्त तथा नगरपरिषद की लेखा शाखा पर बिल पास करने के एवज में दस-दस प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप (allegation on City council officers of pal) लगाया था. इसके साथ ही सुसाइड नोट में लिखा है कि नगर परिषद में लंबे समय से अटके भुगतान के चलते वह बैंक का डिफॉल्टर हो गया और ठेकेदारी के लिए खरीदे गए वाहनों की ईएमआई भी नहीं दे पा रहा जिसके चलते मार्केट में भी इज्जत खराब हो गई. ऐसे में मजबूरन उसे आत्महत्या करनी पड़ रही है.
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ठेकेदार की मौत के बाद शनिवार को बड़ी संख्या मे राजपुरोहित समाज के लोग एकत्रित हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर मृतक के परिजनों को बकाया भुगतान करने के साथ सरकारी नौकरी देने की मांग करते हुए शव उठाने से मना कर दिया. भाजपा के पार्षद भी सभापति के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर बांगड़ अस्पताल पहुंचे और सभापति और आयुक्त को भ्रष्टाचारी बताते हुए कार्रवाई की मांग की.