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बेटी की मौत के बाद कलेजे पर पत्थर रखकर मां ने लगाई दुकान, पहले बेचे खिलौने फिर दी मासूम को अंतिम विदाई

पाली में एक ह्रदय विदारक मामला सामने आया है. जहां एक लाचार मां को अपनी मासूम बेटी के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होने की स्थिति में खिलौने बेचने पड़े. खिलौने बेचने के बाद मां ने पैसे जुटाए तब कहीं जाकर सात साल की मासूम बेटी को अंतिम विदाई दी गई.

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शीतला माता मेले में खिलौने बचने आई बच्ची की मौत
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Published : Mar 17, 2020, 1:23 PM IST

पाली. पाली में एक ह्रदय विदारक मामला सामने आया है. जहां एक लाचार मां को अपनी मासूम बेटी के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होने की स्थिति में खिलौने बेचने पड़े. खिलौने बेचने के बाद मां ने पैसे जुटाए तब कहीं जाकर सात साल की मासूम बेटी को अंतिम विदाई दी गई.

शीतला माता मेले में खिलौने बचने आई बच्ची की मौत

मामला पाली के कोतवाली थाना क्षेत्र का है जहां साइंस पार्क में झूला झूलने के दौरान पैर फिसलने से सात वर्षीय बच्ची पिंकी की गिरने से मौत हो गई थी. पिंकी के परिजन 4 दिन पूर्व जयपुर से पाली आए थे. यहां वे शीतला माता के मेले में खिलौने की दुकान लगाने के उद्देश्य से आए थे.

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद शहरवासियों की आंखों में आंसू ला दिए. बता दें कि मौत के बाद परिजनों ने बच्ची के शव को मोर्चरी में ही रहने दिया. उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उनके पास बच्ची के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं थे. इस मजबूरी में बच्ची की मां ने पहले तो खिलौने बेचे उसके बाद मासूम को अंतिम विदाई दी गई.

बच्ची की लाश लिए दर-दर भटकती रही मां....

सोमवार को 7 वर्षीय पिंकी साइंस पार्क में झूला झूल रही थी. इस दौरान पैर फिसलने से वह नीचे गिर गई. बच्ची के सिर में गंभीर चोट आने से वह घायल हो गई. उसकी मां उसे लेकर दर-दर भटकती रही. अंत में बच्ची को बांगड़ अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मदद को उठे हाथ....

मामले के सामने आने के बाद पीड़ित परिवार की मदद के लिए हिंदू सेवा मंडल आगे आया. हिंदू सेवा मंडल की मदद से बच्ची का अंतिम संस्कार करवाया गया. पुलिस ने बताया कि पिंकी का पूरा परिवार जयपुर में निवास करता है. ये परिवार खिलौने बेचकर और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता है. पिंकी के पिता लकवाग्रस्त हैं. परिवार को चलाने की जिम्मेदारी पिंकी की मां के कंधों पर है. पिंकी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी.

पढ़ेंः राजधानी जयपुर में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई 3.1 की तीव्रता

बताया जा रहा है कि पिंकी के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. दिहाड़ी मजदूरी कर उसकी मां पूरे परिवार का पेट पाल रही है. वह कुछ पैसा कमाने के लिए शीतला माता मेले में अपनी खिलौने की दुकान लगाने आई थी, लेकिन पिंकी की मौत के चलते उसके पास वापस जयपुर जाने के लिए किराए के पैसे भी नहीं बचे.

पाली. पाली में एक ह्रदय विदारक मामला सामने आया है. जहां एक लाचार मां को अपनी मासूम बेटी के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं होने की स्थिति में खिलौने बेचने पड़े. खिलौने बेचने के बाद मां ने पैसे जुटाए तब कहीं जाकर सात साल की मासूम बेटी को अंतिम विदाई दी गई.

शीतला माता मेले में खिलौने बचने आई बच्ची की मौत

मामला पाली के कोतवाली थाना क्षेत्र का है जहां साइंस पार्क में झूला झूलने के दौरान पैर फिसलने से सात वर्षीय बच्ची पिंकी की गिरने से मौत हो गई थी. पिंकी के परिजन 4 दिन पूर्व जयपुर से पाली आए थे. यहां वे शीतला माता के मेले में खिलौने की दुकान लगाने के उद्देश्य से आए थे.

इस मामले के प्रकाश में आने के बाद शहरवासियों की आंखों में आंसू ला दिए. बता दें कि मौत के बाद परिजनों ने बच्ची के शव को मोर्चरी में ही रहने दिया. उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि उनके पास बच्ची के दाह संस्कार के लिए पैसे नहीं थे. इस मजबूरी में बच्ची की मां ने पहले तो खिलौने बेचे उसके बाद मासूम को अंतिम विदाई दी गई.

बच्ची की लाश लिए दर-दर भटकती रही मां....

सोमवार को 7 वर्षीय पिंकी साइंस पार्क में झूला झूल रही थी. इस दौरान पैर फिसलने से वह नीचे गिर गई. बच्ची के सिर में गंभीर चोट आने से वह घायल हो गई. उसकी मां उसे लेकर दर-दर भटकती रही. अंत में बच्ची को बांगड़ अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

मदद को उठे हाथ....

मामले के सामने आने के बाद पीड़ित परिवार की मदद के लिए हिंदू सेवा मंडल आगे आया. हिंदू सेवा मंडल की मदद से बच्ची का अंतिम संस्कार करवाया गया. पुलिस ने बताया कि पिंकी का पूरा परिवार जयपुर में निवास करता है. ये परिवार खिलौने बेचकर और मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता है. पिंकी के पिता लकवाग्रस्त हैं. परिवार को चलाने की जिम्मेदारी पिंकी की मां के कंधों पर है. पिंकी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी.

पढ़ेंः राजधानी जयपुर में भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल पर दर्ज की गई 3.1 की तीव्रता

बताया जा रहा है कि पिंकी के परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब है. दिहाड़ी मजदूरी कर उसकी मां पूरे परिवार का पेट पाल रही है. वह कुछ पैसा कमाने के लिए शीतला माता मेले में अपनी खिलौने की दुकान लगाने आई थी, लेकिन पिंकी की मौत के चलते उसके पास वापस जयपुर जाने के लिए किराए के पैसे भी नहीं बचे.

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