पाली. जिले में कपड़ा उद्योगों को 'जीरो लिक्विड डिसचार्ज प्रोजेक्ट' को लगाने की मंजूरी मिल गई है. मंगलवार को दिल्ली में हुई पीएसी की बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलने के बाद कपड़ा उद्योग और उद्यमियों में एक बार फिर नई उम्मीद की लहर छा गई है. अब जल्दी ही प्लांट लगाने को लेकर सीईटीपी फाउंडेशन और उद्यमियों को अपने हिस्से के 25 करोड़ रुपए जमा कराने होंगे.
कपड़ा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा आईपीडीएस योजना के तहत 100 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल चुकी थी, लेकिन इसमें 50 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार का और 25 प्रतिशत राज्य सरकार को देना था. साथ ही 25 प्रतिशत हिस्सा उद्यमियों को देना था. सरकार की ओर से मंजूरी देने के बाद केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की राशि को लेकर मना कर दिया था.
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गौरतलब है कि पहले ट्रीटमेंट प्लांट 6 में जेडएलडी प्लांट लगाने की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन दो साल पहले एनजीटी ने सभी संयंत्रों को टरसरी पर संचालित करने की अनुमति दे दी थी. इस पर सीईटीपी ने प्लांट अपग्रेडेशन का कार्य रोक दिया था. इसके चलते कपड़ा मंत्रालय ने भी इस प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी थी. अब फिर से एनजीटी के निर्देश पर संयंत्रों को जल्दी में अपग्रेड करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. इसी के तहत केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय ने इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है.