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नागौर के युवा ने माउंट गौरी चेन चोटी फतह कर रचा कीर्तिमान...19 हजार फीट पर लहराया तिरंगा

नागौर जिले के डीडवाना क्षेत्र के पर्वतारोही राजवीर सिंह ने अरुणाचल प्रदेश में स्थित माउंट गौरी चेन चोटी पर तिरंगा लहराकर प्रदेश का नाम रोशन किया है. राजवीर ने बताया कि विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ाई करना उनका सपना है.

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Published : Jun 13, 2019, 10:27 PM IST

नागौर के युवा ने माउंट गौरी चेन चोटी फतह कर रचा कीर्तिमान, 19 हजार फीट पर लहराया तिरंगा

नागौर. जिले के डीडवाना क्षेत्र के एक युवा ने अरुणाचल प्रदेश में स्थित माउंट गौरी चेन चोटी पर तिरंगा लहराकर प्रदेश का नाम रोशन किया है. युवा के जोश और जज्बे को सब सलाम कर रहे है. युवक का माउंट गौरी चैन के बाद अब माउंट एवरेस्ट फतह करना उनका लक्ष्य है. पर्वतारोही राजवीर सिंह नरुका गुरुवार को अपने गांव पहुंचे. राजवीर ने बताया कि उनका सपना है कि जल्द से जल्द उसे भी कोई सरकारी या गैर सरकारी संस्था स्पॉन्सर करें. ताकि वह विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ाई करके पूरे भारतवर्ष व अपने प्रदेश का नाम रोशन कर पाए.

नागौर के युवा ने माउंट गौरी चेन चोटी फतह कर रचा कीर्तिमान, 19 हजार फीट पर लहराया तिरंगा

डीडवाना के नजदीकी सिंगरावट गांव में जन्मे राजवीरसिंह नरुका ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली में जर्मन भाषा के गाइड बन गए. लेकिन एक दिन एक दिव्यांग विदेशी पर्यटक ने उनसे माउंट आबू के गुरु शिखर पर चढ़ने की इच्छा जाहिर की और पर्वतारोहण किया. पर्यटक के हौसले को देखकर राजवीर को प्रेरणा मिली और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी पर्वतारोहण करना है और हर ऊंची चोटी को नापना है. उसके बाद पर्वतारोही इंस्टिट्यूट निमास से पर्वतारोहण का कोर्स किया. 32 दिवसीय कोर्स के दौरान उन्हें हर तरह की आपदाओं से निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया और हर वो तकनीक सिखाई, जो किसी भी एक्स्पिडिशन में काम आती हैं. इस कोर्स के बाद उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से सम्मान व सर्टिफिकेट भी मिला.

राजवीर ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले हिमाचल में 17हजार 500 फ़ीट की ऊंचाई वाली पीर पंजाल पहाड़ी को फतह किया और अब अरुणाचल प्रदेश की 19 हजार फीट ऊंचाई वाली पहाड़ी माउंट गौरी चेन को फतह कर तिरंगा लहराने में कामयाबी हासिल की है. माउंट गौरी चेन पर्वतारोहण के दौरान उन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक दिन करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मीरांथांग बेस कैंप में भारी बर्फबारी और खराब मौसम से उनकी तबियत खराब हो गई थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में सफलता हासिल की.

नागौर. जिले के डीडवाना क्षेत्र के एक युवा ने अरुणाचल प्रदेश में स्थित माउंट गौरी चेन चोटी पर तिरंगा लहराकर प्रदेश का नाम रोशन किया है. युवा के जोश और जज्बे को सब सलाम कर रहे है. युवक का माउंट गौरी चैन के बाद अब माउंट एवरेस्ट फतह करना उनका लक्ष्य है. पर्वतारोही राजवीर सिंह नरुका गुरुवार को अपने गांव पहुंचे. राजवीर ने बताया कि उनका सपना है कि जल्द से जल्द उसे भी कोई सरकारी या गैर सरकारी संस्था स्पॉन्सर करें. ताकि वह विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवेरेस्ट पर चढ़ाई करके पूरे भारतवर्ष व अपने प्रदेश का नाम रोशन कर पाए.

नागौर के युवा ने माउंट गौरी चेन चोटी फतह कर रचा कीर्तिमान, 19 हजार फीट पर लहराया तिरंगा

डीडवाना के नजदीकी सिंगरावट गांव में जन्मे राजवीरसिंह नरुका ने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद दिल्ली में जर्मन भाषा के गाइड बन गए. लेकिन एक दिन एक दिव्यांग विदेशी पर्यटक ने उनसे माउंट आबू के गुरु शिखर पर चढ़ने की इच्छा जाहिर की और पर्वतारोहण किया. पर्यटक के हौसले को देखकर राजवीर को प्रेरणा मिली और उन्होंने ठान लिया कि उन्हें भी पर्वतारोहण करना है और हर ऊंची चोटी को नापना है. उसके बाद पर्वतारोही इंस्टिट्यूट निमास से पर्वतारोहण का कोर्स किया. 32 दिवसीय कोर्स के दौरान उन्हें हर तरह की आपदाओं से निपटने के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया और हर वो तकनीक सिखाई, जो किसी भी एक्स्पिडिशन में काम आती हैं. इस कोर्स के बाद उन्हें मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से सम्मान व सर्टिफिकेट भी मिला.

राजवीर ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले हिमाचल में 17हजार 500 फ़ीट की ऊंचाई वाली पीर पंजाल पहाड़ी को फतह किया और अब अरुणाचल प्रदेश की 19 हजार फीट ऊंचाई वाली पहाड़ी माउंट गौरी चेन को फतह कर तिरंगा लहराने में कामयाबी हासिल की है. माउंट गौरी चेन पर्वतारोहण के दौरान उन्हें कई तरह के परेशानियों का सामना करना पड़ा. एक दिन करीब 14 हजार फीट की ऊंचाई पर मीरांथांग बेस कैंप में भारी बर्फबारी और खराब मौसम से उनकी तबियत खराब हो गई थी. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में सफलता हासिल की.

Intro:Mail पर विजवल.है...ले लेवे

nagaur ke youvak ne bnaya kritimaan..नागौर के युवक ने बनाया कीर्तिमान..
नागौर के युवा ने अरुणाचल प्रदेश की माउंट चोटी चैन चोटी को किया फतह राजवीर सिंह नरूका ने 19000 फीट पर लहराया तिरंगा....

एकर.... नागौर जिले के युवा ने अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची पहाड़ी माउंट गौरी चैन को फतह कर तिरंगा पहनाकर डीडवाना का नाम रोशन किया है ....युवा के जोश और जज्बे को सब सलाम कर रहे है युवक का सपना है पहाड़ी माउंट गौरी चैन को फतह के बाद अब माउंट एवरेस्ट फतह करना है पहाड़ी माउंट गौरी चैन को फतह करने के बाद डीडवाना पहुंचे पर्वतरोही राजवीर सिंह नरूका आज अपने गांव डीडवाना पहुंचे


Body:डीडवाना के नजदीक सिगरावट गांव में जन्मे युवा पर्वतारोही राजवीर सिंह नरूका ने अपनी शिक्षा पूरी करके दिल्ली में जर्मनी भाषा में गाइड बन की मगर एक दिन देखा कि वे एक उनके साथ दिव्यांग विदेशी पर्यटक ने माउंट आबू के गुरु शिखर चढने की इच्छा जाहिर की और चढ भी गया राजवीर सिंह ने उन्हें टालना चाहा मगर विदेशी पर्यटक के हौसले को देखकर राजर्वार को प्रेरणा मिली और ठान लिया कि मुझे भी पर्वत रोहिणी करना है और हर ऊंची चोटी को नापना है इसके बाद पर्वत रोहिणी का कोर्स किया और पहले हिमाचल में 17500 फीट की ऊंचाई वाली पीर पंजाल पहाड़ी को फतह किया और अब अरुणाचल प्रदेश की माउंट गोरीचेन जो 19000 फीट ऊंचाई वाली पहाड़ी को फतह कर तिरंगा फहराने में कामयाबी हासिल की है राजवीर सिंह ने पर्वतरोहण के दौरान वे लगभग 400 किलोमीटर का सफर करके पहाड़ी माउंट गौरी चैन तक पहुंचे पहाड़ी माउंट गौरी चैन भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर स्थित है राजवीर सिंह ने बताया कि उन्हें इस पर्वत रोही कोर्स के दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा एक दिन मीराबाग बेस कैंप लगभग 14000 फीट पर भारी बर्फबारी और खराब मौसम से उनकी तबीयत बहुत खराब हो गई परंतु उन्होंने हार नहीं मानी और अंत में सफलता हासिल की...


Conclusion: राजवीर सिंह का सपना माउंट एवरेस्ट है इससे पहले वे डीडवाना में सेना के अधिकारी दीपिका राठौड़ भी दो बार एवरेस्ट फतह कर चुकी है डीडवाना में अब धीरे-धीरे पर्वतरोही युवाओं में आकर्षण बनता जा रहा है जरूरत हौसला अफजाई का है
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