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मकराना में बारिश के बाद जलभराव, लोगों की बढ़ी परेशानी - मकराना क्षेत्र में जलभराव

नागौर जिले के मकराना में बारिश के चलते पूरे क्षेत्र में जलभराव हो गया है. इसके चलते जिले के हॉस्पिटल, न्यायालय परिसर, स्कूल परिसर समेत अन्य स्थानों पर आवाजाही भी पूर्ण रूप से बंद हो जाती है. जिससे लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा रहा है.

Nagaur news, नागौर समाचार
बारिश के पानी से हुआ जलभराव
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Published : Jul 25, 2020, 4:44 PM IST

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में बारिश के दिनों में हर बार काफी मात्रा में पानी एकत्रित हो जाता है. जिससे पूरे क्षेत्र में बारिश का पानी लबालब भर जाता है. इसके चलते जिले के हॉस्पिटल, न्यायालय परिसर, स्कूल परिसर समेत अन्य स्थानों पर आवाजाही भी पूर्ण रूप से बंद हो जाती है.

इतना ही नहीं नगर परिषद कार्यालय के सामने एकत्रित होने वाले पानी की वजह से यहां पर भी लोगों की आवाजाही नहीं हो पाती. जिससे ये सभी कार्यालय बंद हो जाते है और लोगों के सामने काफी विकट समस्या बनी रहती है. इस समस्या के समाधान को लेकर नगर परिषद की ओर से एक कार्य योजना भी बनाई गई थी. लेकिन इस 5 करोड़ रुपए की कार्य योजना पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

पढ़ें- अजमेर में बारिश के बीच जर्जर मकान धराशायी, बाल-बाल बचे पड़ोसी

इस पर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री गिरधर पलोड ने स्थानीय प्रशासन से अस्पताल मार्ग पर एकत्रित होने वाले बारिश के पानी की निकासी करवाए जाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि यहां पर एकत्रित होने वाले पानी को झालरा तालाब तक पहुंचाए जाने की प्रक्रिया शामिल है. झालरा तालाब के लबालब होने की स्थिति में यहां से पानी को गुणावती तक पहुंचाया जाना प्रस्तावित है.

साथ ही कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण मकराना की इस विकट समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं हो सका है. उल्लेखनीय है कि पानी के भराव से गत वर्ष काफी तादाद में मकानों को भारी नुकसान हुआ था. गनीमत यह रही कि उस स्थिति में कोई जनहानि नहीं हुई. जबकि मकानों में आई दरारों के कारण लोगों को करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी. जिसके कारण आज भी उनकी दयनीय स्थिति बनी हुई है.

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में बारिश के दिनों में हर बार काफी मात्रा में पानी एकत्रित हो जाता है. जिससे पूरे क्षेत्र में बारिश का पानी लबालब भर जाता है. इसके चलते जिले के हॉस्पिटल, न्यायालय परिसर, स्कूल परिसर समेत अन्य स्थानों पर आवाजाही भी पूर्ण रूप से बंद हो जाती है.

इतना ही नहीं नगर परिषद कार्यालय के सामने एकत्रित होने वाले पानी की वजह से यहां पर भी लोगों की आवाजाही नहीं हो पाती. जिससे ये सभी कार्यालय बंद हो जाते है और लोगों के सामने काफी विकट समस्या बनी रहती है. इस समस्या के समाधान को लेकर नगर परिषद की ओर से एक कार्य योजना भी बनाई गई थी. लेकिन इस 5 करोड़ रुपए की कार्य योजना पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.

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इस पर भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री गिरधर पलोड ने स्थानीय प्रशासन से अस्पताल मार्ग पर एकत्रित होने वाले बारिश के पानी की निकासी करवाए जाने की मांग की है. उन्होंने बताया कि यहां पर एकत्रित होने वाले पानी को झालरा तालाब तक पहुंचाए जाने की प्रक्रिया शामिल है. झालरा तालाब के लबालब होने की स्थिति में यहां से पानी को गुणावती तक पहुंचाया जाना प्रस्तावित है.

साथ ही कहा कि प्रशासनिक उदासीनता के कारण मकराना की इस विकट समस्या का आज तक कोई समाधान नहीं हो सका है. उल्लेखनीय है कि पानी के भराव से गत वर्ष काफी तादाद में मकानों को भारी नुकसान हुआ था. गनीमत यह रही कि उस स्थिति में कोई जनहानि नहीं हुई. जबकि मकानों में आई दरारों के कारण लोगों को करोड़ों रुपए की क्षति हुई थी. जिसके कारण आज भी उनकी दयनीय स्थिति बनी हुई है.

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