नागौर. जिले की जायल पंचायत समिति के करीब 47 गांवों के लोगों की मांग है कि डेह को नई पंचायत समिति और तहसील का दर्जा मिले. इसके पीछे उनका तर्क ये है कि उनके गांव से जायल का सीधा जुड़ाव नहीं है. तहसील या पंचायत समिति में किसी काम से जाने पर पूरा दिन लग जाता है. इससे उनका समय खराब होता है. जबकि डेह को पंचायत समिति और तहसील का दर्जा मिलने के बाद किसी भी काम के लिए उनके समय और धन की बचत होगी.
प्रदेश में ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और पंचायत समितियों के पुनर्सीमांकन के बीच अब इन ग्रामीणों ने फिर से अपनी मांग तेज कर दी है.डेह तहसील निर्माण के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के संयोजक बीरबल कमेडिया का कहना है कि डेह में फिलहाल उप तहसील कार्यालय है. जहां 47 गांवों का राजस्व संबंधी काम हो रहा है.
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इसके अलावा सभी विभागों के कार्यालय भी हैं. उनका कहना है कि पंचायत समिति या तहसील संबंधी किसी भी काम के लिए जायल जाना पड़ता है, जबकि सीमावर्ती गांवों से जायल आने-जाने में पूरा दिन लग जाता है.वहीं ग्रामीणों का कहना है कि वे पिछले सात साल से डेह को पंचायत समिति और तहसील के दर्जा दिलवाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. ऐसे में उनकी मांग पर सरकार गौर करे तो 47 गांवों के लोगों का भला हो सकता है.