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UPSC CSE Result: नागौर के सगे डॉक्टर भाई बने IAS, सोमणा गांव के पवन ने हासिल की 551 वीं रैंक

यूपीएससी में एक साथ सफलता पाकर दो भाइयों ने पूरे नागौर जिले का नाम राजस्थान में (UPSC CSE Result) रौशन किया है. सोमवार को यूपीएससी 2021 का रिजल्ट जारी किया गया. जिसमें डॉक्टर कृष्ण कांत कनवाड़िया ने 386 वीं रैंक और डॉक्टर राहुल कनवाड़िया ने 536 वीं रैंक हासिल की है.

UPSC CSE Result
नागौर के सगे डॉक्टर भाई बने IAS
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Published : May 30, 2022, 6:58 PM IST

Updated : May 30, 2022, 9:45 PM IST

नागौर. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सोमवार को सिविल सेवा परीक्षा-2021 के परिणाम घोषित किए. इस परीक्षा में राजस्थान के (Nagaur Doctor brothers became IAS ) नागौर जिले के कुचामन सिटी क्षेत्र निवासी डॉक्टर भाइयों ने एक साथ यूपीएससी परीक्षा पास करके कामयाबी का परचम लहराया है. नागौर जिले के कुचामन सिटी क्षेत्र के गांव भांवता निवासी सगे भाई डॉ कृष्णकांत व डॉ राहुल ने यूपीएससी परीक्षा में 382वीं व 536वीं रैंक हासिल की है. नागौर जिले के ही जायल उपखण्ड के सोमणा गांव के रहने वाले पवन खटोड़ ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल करते हुए 551 वीं रैंक हासिल की है.

दोनों भाइयों की इस कामयाबी का पता लगता ही उनके घर बाधाई देने वालों का तांता लग गया. पूरे गांव में खुशी का माहौल छा गया. इस उपलब्धि पर परिवार ही नही पूरे गांव में जश्न जैसा माहौल बना हुआ है. इनके पिता हीरालाल सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य हैं. ग्रामीण परिवेश से आने वाले युवकों की इस कामयाबी पर हर कोई गौरवांवित महसूस कर रहा है.

नागौर के सगे डॉक्टर भाई बने IAS

पढ़ें. UPSC Civil Service Result 2021 : श्रुति शर्मा ने मारी बाजी, पहले चार स्थानों पर महिलाओं का कब्जा, पीएम ने दी बधाई

पिता बोले सरकारी स्कूल से पढ़ें हैं दोनों भाईः राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल इंदोखा में कार्यरत प्रधानाचार्य हीरालाल कनवाड़िया ने बताया कि दोनों बेटों की प्राथमिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र में ही हुई है. दोनों बेटों ने सरकारी स्कूल में ही अपनी शिक्षा पूरी की थी. उसके बाद सरकारी कॉलेज में ही इन्होंने पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि जब दोनों बच्चों को आस पास के लोग कहते थे कि प्राइवेट ट्यूशन क्यों नहीं करते हो तो दोनों अक्सर मुस्कुराकर कहने लगते थे कि इसकी कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी. क्योंकि हम जैसे और भी तो होंगे जो सरकारी स्कूल से पढ़कर आगे बढ़े हैं तो फिर हम क्यों नहीं? पीता हीरालाल का कहना है कि कृष्णकांत ने यह सफलता अपने चौथे प्रयास में हासिल की है. वहीं राहुल ने दूसरी बार में सफलता प्राप्त की है. दोनो भाई एमबीबीएस हैं.

मां बोली मैं खुद नहीं पढ़ी, पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ीः माता पार्वती देवी ने बताया कि 'मैंने तो पढ़ाई नहीं की, लेकिन मैंने मेरे तीनों बच्चों को पढ़ाई कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं खुद नहीं पढ़ पाई, लेकिन मेरे बच्चों को मैंने पढ़ाया. जिसका मुझे आज फल मिला है. उन्होंने कहा कि मैं तो यही भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मेरे दोनों बेटे आईएएस बनकर हर एक व्यक्ति की सेवा करें और ईमानदारी से कार्य करें.

नागौर. संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सोमवार को सिविल सेवा परीक्षा-2021 के परिणाम घोषित किए. इस परीक्षा में राजस्थान के (Nagaur Doctor brothers became IAS ) नागौर जिले के कुचामन सिटी क्षेत्र निवासी डॉक्टर भाइयों ने एक साथ यूपीएससी परीक्षा पास करके कामयाबी का परचम लहराया है. नागौर जिले के कुचामन सिटी क्षेत्र के गांव भांवता निवासी सगे भाई डॉ कृष्णकांत व डॉ राहुल ने यूपीएससी परीक्षा में 382वीं व 536वीं रैंक हासिल की है. नागौर जिले के ही जायल उपखण्ड के सोमणा गांव के रहने वाले पवन खटोड़ ने भी यूपीएससी में सफलता हासिल करते हुए 551 वीं रैंक हासिल की है.

दोनों भाइयों की इस कामयाबी का पता लगता ही उनके घर बाधाई देने वालों का तांता लग गया. पूरे गांव में खुशी का माहौल छा गया. इस उपलब्धि पर परिवार ही नही पूरे गांव में जश्न जैसा माहौल बना हुआ है. इनके पिता हीरालाल सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य हैं. ग्रामीण परिवेश से आने वाले युवकों की इस कामयाबी पर हर कोई गौरवांवित महसूस कर रहा है.

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पिता बोले सरकारी स्कूल से पढ़ें हैं दोनों भाईः राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल इंदोखा में कार्यरत प्रधानाचार्य हीरालाल कनवाड़िया ने बताया कि दोनों बेटों की प्राथमिक शिक्षा ग्रामीण क्षेत्र में ही हुई है. दोनों बेटों ने सरकारी स्कूल में ही अपनी शिक्षा पूरी की थी. उसके बाद सरकारी कॉलेज में ही इन्होंने पढ़ाई की. उन्होंने बताया कि जब दोनों बच्चों को आस पास के लोग कहते थे कि प्राइवेट ट्यूशन क्यों नहीं करते हो तो दोनों अक्सर मुस्कुराकर कहने लगते थे कि इसकी कभी जरूरत ही नहीं पड़ेगी. क्योंकि हम जैसे और भी तो होंगे जो सरकारी स्कूल से पढ़कर आगे बढ़े हैं तो फिर हम क्यों नहीं? पीता हीरालाल का कहना है कि कृष्णकांत ने यह सफलता अपने चौथे प्रयास में हासिल की है. वहीं राहुल ने दूसरी बार में सफलता प्राप्त की है. दोनो भाई एमबीबीएस हैं.

मां बोली मैं खुद नहीं पढ़ी, पढ़ाने में कसर नहीं छोड़ीः माता पार्वती देवी ने बताया कि 'मैंने तो पढ़ाई नहीं की, लेकिन मैंने मेरे तीनों बच्चों को पढ़ाई कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी और आज मुझे बहुत खुशी है कि मैं खुद नहीं पढ़ पाई, लेकिन मेरे बच्चों को मैंने पढ़ाया. जिसका मुझे आज फल मिला है. उन्होंने कहा कि मैं तो यही भगवान से प्रार्थना करती हूं कि मेरे दोनों बेटे आईएएस बनकर हर एक व्यक्ति की सेवा करें और ईमानदारी से कार्य करें.

Last Updated : May 30, 2022, 9:45 PM IST
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