नागौर. चार साल पहले पोषाहार घोटाले के कारण चर्चा में आए नागौर के महिला और बाल अधिकारिता विभाग पर एक बार फिर एसीबी की जांच का साया मंडरा रहा है. नागौर के डेगाना सीडीपीओ कार्यालय के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण में गड़बड़ियों की शिकायत की जांच करने मंगलवार को टोंक से एसीबी की टीम डेगाना पहुंची.
इस टीम ने यहां डेगाना सीडीपीओ कार्यालय में दस्तावेज खंगाले और लैपटॉप और कम्प्यूटर में दर्ज आंकड़ों की भी जांच की. इसके साथ ही इस टीम ने कई आंगनबाड़ी केंद्रों की सहायिकाओं और कार्यकर्ताओं के बयान भी दर्ज किए. जांच टीम का नेतृत्व कर रहे एसीबी के एएसपी विजय सिंह ने बताया कि एसीबी को एक शिकायत मिली है. इसमें आरोप है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार का वितरण करने वाले स्वयं सहायता समूह ने पोषाहार वितरण के नाम पर घोटाला किया है. आरोप यह भी हैं कि बिना पोषाहार का वितरण किए ही लाखों रुपए के बिल का भुगतान उठाया गया है. इसी शिकायत की जांच के सिलसिले में आज टोंक से एसीबी की एक टीम नागौर के डेगाना सीडीपीओ कार्यालय पहुंची है.
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जांच अधिकारी विजय सिंह ने बताया है कि दिसंबर 2019 से मार्च 2020 की अवधि में वितरित किए जाने वाले पोषाहार में गड़बड़ी करने का आरोप इस शिकायत में लगाया गया है. इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने पूर्व सरपंच चेनाराम पर इस संबंध में आरोप लगाए हैं. इसमें विभागीय अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप हैं. टोंक एसीबी के एएसपी विजय सिंह के साथ ही एएसआई वीरेंद्र सिंह, मनोज कुमार और गजेंद्र ने डेगाना सीडीपीओ कार्यालय में रिकॉर्ड खंगाला और दस्तावेजों की जांच की है. कार्यालय के कंप्यूटर और लैपटॉप में दर्ज आंकड़ों की भी जांच की गई। एएसपी विजय सिंह का कहना है कि जांच के बाद जरूरत पड़ने पर दस्तावेज जब्त किए जाएंगे और आगे नियमानुसार कार्रवाई होगी.