नागौर. कोरोना संक्रमण का खतरा एक बार फिर आमजन और प्रशासन को चिंतित कर रहा है. जिसका प्रभाव नागौर में भी देखने को मिल रहा है. साथ ही कोविड-19 के बढ़ते मामले के चलते धार्मिक स्थलों पर होने वाले वार्षिक आयोजन भी इस साल रद्द करने पड़ रहे हैं.
वहीं, लकवा से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए देशभर में अपनी अलग पहचान रखने वाले बुटाटी के संत चतुरदास महाराज के धाम पर कार्तिक में हर साल बरसी कार्यक्रम का आयोजन होता है. कार्तिक में शुक्ल पक्ष की दशमी, एकादशी और द्वादशी को यहां देशभर से श्रद्धालु आते हैं. इन तीन दिनों में यहां कई आयोजन होते हैं.
इस साल 24, 25 और 26 नवंबर को कार्तिक मेले का आयोजन होना था लेकिन कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वार्षिक मेले (बरसी) के कार्यक्रम इस साल नहीं होंगे. मंदिर विकास समिति बुटाटी धाम के अनुसार, इस साल 24, 25 और 26 नवंबर को धाम पर कार्तिक मेले का आयोजन होना था. जो कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते इस बार वार्षिक मेला स्थगित करने का निर्णय लिया गया है.
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बरसी के मौके पर देशभर के श्रद्धालु जुटते हैं और भारी भीड़ इकट्ठा होती है. ऐसे में संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा होता है. इसलिए बरसी पर होने वाले कार्यक्रम और मेले इस साल स्थगित रखा गया है. इसी तरह दादूपंथ के आश्रम पौ-धाम पर भी कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी को वार्षिकोत्सव और जागरण होता है. जिसमे जिले के साथ ही प्रदेशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं.