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जैन समाज का पर्यूषण पर्व शनिवार से, 8 दिनों तक होंगे जाप और तप के कार्यक्रम

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Published : Aug 14, 2020, 3:57 PM IST

जैन धर्म का सबसे बड़ा पर्व पर्यूषण शनिवार से शुरू होगा, जो 22 अगस्त तक चलेगा. इन 8 दिनों में जप, त्याग और तप से संबंधित कई धार्मिक आयोजन होंगे. कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए, इस संबंध में सरकार के दिशा निर्देशों की इस दौरान पालन की जाएगी और अतिरिक्त इंतजाम किए जाएंगे.

Nagaur Jain Samaj News
जैन समाज का पर्युषण पर्व शनिवार से

नागौर. जैन धर्म का सबसे बड़ा और उत्तम पर्व पर्यूषण 15 अगस्त से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा. इन 8 दिनों में पर्यूषण की आराधना की जाएगी. श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयमल जैन पौषधशाला में विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे. इस दौरान 19 अगस्त को आचार्य शुभचंद्र महाराज का दूसरा स्मृति दिवस तप, त्याग, जप और जीव दया के आयोजनों के साथ मनाया जाएगा. जबकि 22 अगस्त को संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा.

पर्यूषण पर्व के तहत जयमल जैन पौषधशाला में 15 से 22 अगस्त तक रोज सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक दसा सूत्र का वाचन किया जाएगा. मान्यता है कि, इस सूत्र के वाचन से जीव को लोक कल्याण की प्रेरणा मिलती है. इस दौरान रोजाना सूर्यास्त के बाद प्रतिक्रमण किया जाएगा. संघ के मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि पुरुष वर्ग का प्रतिक्रमण जयमल जैन पौषधशाला में होगा. जबकि, महिला वर्ग का प्रतिक्रमण घोड़ावतों की पोल स्थित रावत स्मृति भवन में होगा.

पढ़ें- नागौर: जीवनबेरा की सरकारी स्कूल में 10 लाख रुपए से संत बनवाएंगे 2 क्लास रूम

आयोजन समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि, महामारी कोविड-19 और कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए, इन आयोजनों में सरकारी दिशा निर्देशों की पालना की जाएगी. इस दौरान शारीरिक दूरी संबंधी नियमों का पालन किया जाएगा और मास्क पहनने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था की जाएगी.

नागौर. जैन धर्म का सबसे बड़ा और उत्तम पर्व पर्यूषण 15 अगस्त से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा. इन 8 दिनों में पर्यूषण की आराधना की जाएगी. श्वेतांबर स्थानकवासी जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में जयमल जैन पौषधशाला में विभिन्न धार्मिक आयोजन होंगे. इस दौरान 19 अगस्त को आचार्य शुभचंद्र महाराज का दूसरा स्मृति दिवस तप, त्याग, जप और जीव दया के आयोजनों के साथ मनाया जाएगा. जबकि 22 अगस्त को संवत्सरी महापर्व मनाया जाएगा.

पर्यूषण पर्व के तहत जयमल जैन पौषधशाला में 15 से 22 अगस्त तक रोज सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक दसा सूत्र का वाचन किया जाएगा. मान्यता है कि, इस सूत्र के वाचन से जीव को लोक कल्याण की प्रेरणा मिलती है. इस दौरान रोजाना सूर्यास्त के बाद प्रतिक्रमण किया जाएगा. संघ के मंत्री हरकचंद ललवानी ने बताया कि पुरुष वर्ग का प्रतिक्रमण जयमल जैन पौषधशाला में होगा. जबकि, महिला वर्ग का प्रतिक्रमण घोड़ावतों की पोल स्थित रावत स्मृति भवन में होगा.

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आयोजन समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि, महामारी कोविड-19 और कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए, इन आयोजनों में सरकारी दिशा निर्देशों की पालना की जाएगी. इस दौरान शारीरिक दूरी संबंधी नियमों का पालन किया जाएगा और मास्क पहनने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा. इसके साथ ही सैनिटाइजेशन की भी व्यवस्था की जाएगी.

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