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नागौरः रामदेव पशुमेले में शुरू के 3 दिन में आए महज 922 पशु, 2 फरवरी से होगी रवानगी

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Published : Jan 27, 2020, 1:56 PM IST

नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए देशभर में प्रसिद्ध श्री रामदेव पशु मेले में इस बार शुरुआती तीन दिन में पशुओं की आवक काफी कम रही है. अभी तक यहां 922 पशु लेकर ही पशुपालक पहुंचे हैं.

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पशुमेले में शुरू के 3 दिन में आए महज 922 पशु

नागौर. देशभर में नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाला श्रीरामदेव पशु मेला अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है. शुरुआती तीन दिन में यहां पहुंचने वाले पशुओं की संख्या एक हजार भी पूरी नहीं हो पाई है. शुरू के तीन दिन में यहां महज 922 पशु ही पहुंचे हैं.

पशुमेले में शुरू के 3 दिन में आए महज 922 पशु

नागौर के श्रीरामदेव पशु मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ हुआ था, लेकिन पशुओं की आवक इससे एक दिन पहले ही शुरू हो गई थी. ऐसे में 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक मेले में 922 पशु पहुंचे हैं. पशुपालन विभाग के डॉ. रामजीवन भाटी ने बताया, कि अबतक गोवंश के 455, भैंस वंश के 33, ऊंट वंश के 399 और अश्व वंश के 35 पशु मेले में पहुंचे हैं.

पढ़ेंः भोपालगढ़ः काला-गोरा भैरूजी मेला में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पूरी होती है संतान सुख की कामना

उनका कहना है, कि फिलहाल पशुपालकों और व्यापारियों के बीच खरीद-फरोख्त और मोलभाव की प्रक्रिया चल रही है. मेले में होने वाली पशुओं की बिक्री के बारे में जानकारी रवानगी शुरू होने के बाद ही सामने आएगी. बता दें, कि पिछले कुछ साल में मेले के प्रति पशुपालकों और पशु व्यापारियों का रुझान कम हुआ है. इसके साथ ही यहां आने वाले पशुओं की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

पढ़ेंः ग्राउंड रिपोर्ट: नागौर के पशु मेले में प्यासे बैल, एक ड्रम पानी के देने पड़ रहे 100 रुपए

पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों की सुविधाओं के लिए बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. मेला 9 फरवरी तक चलेगा. इस बीच 29-30 जनवरी, 1 और 4 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जबकि 30-31 जनवरी और 1 फरवरी को विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं होंगी. विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी.

नागौर. देशभर में नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाला श्रीरामदेव पशु मेला अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है. शुरुआती तीन दिन में यहां पहुंचने वाले पशुओं की संख्या एक हजार भी पूरी नहीं हो पाई है. शुरू के तीन दिन में यहां महज 922 पशु ही पहुंचे हैं.

पशुमेले में शुरू के 3 दिन में आए महज 922 पशु

नागौर के श्रीरामदेव पशु मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ हुआ था, लेकिन पशुओं की आवक इससे एक दिन पहले ही शुरू हो गई थी. ऐसे में 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक मेले में 922 पशु पहुंचे हैं. पशुपालन विभाग के डॉ. रामजीवन भाटी ने बताया, कि अबतक गोवंश के 455, भैंस वंश के 33, ऊंट वंश के 399 और अश्व वंश के 35 पशु मेले में पहुंचे हैं.

पढ़ेंः भोपालगढ़ः काला-गोरा भैरूजी मेला में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पूरी होती है संतान सुख की कामना

उनका कहना है, कि फिलहाल पशुपालकों और व्यापारियों के बीच खरीद-फरोख्त और मोलभाव की प्रक्रिया चल रही है. मेले में होने वाली पशुओं की बिक्री के बारे में जानकारी रवानगी शुरू होने के बाद ही सामने आएगी. बता दें, कि पिछले कुछ साल में मेले के प्रति पशुपालकों और पशु व्यापारियों का रुझान कम हुआ है. इसके साथ ही यहां आने वाले पशुओं की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.

पढ़ेंः ग्राउंड रिपोर्ट: नागौर के पशु मेले में प्यासे बैल, एक ड्रम पानी के देने पड़ रहे 100 रुपए

पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों की सुविधाओं के लिए बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. मेला 9 फरवरी तक चलेगा. इस बीच 29-30 जनवरी, 1 और 4 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जबकि 30-31 जनवरी और 1 फरवरी को विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं होंगी. विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी.

Intro:नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए देशभर में प्रसिद्ध श्री रामदेव पशु मेले में इस बार शुरुवाती तीन दिन में पशुओं की आवक काफी कम रही है। अभी तक यहां 922 पशु लेकर ही पशुपालक पहुंचे हैं।


Body:नागौर. देशभर में नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाला श्रीरामदेव पशु मेला अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है। शुरुवाती तीन दिन में यहां पहुंचने वाले पशुओं की संख्या एक हजार भी पूरी नहीं हो पाई है। शुरू के तीन दिन में यहां महज 922 पशु ही पहुंचे हैं।
नागौर के श्रीरामदेव पशु मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ हुआ था। लेकिन पशुओं की आवक पहले इससे एक दिन पहले ही शुरू हो गई थी। ऐसे में 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक मेले में 922 पशु पहुंचे हैं। पशुपालन विभाग के डॉ. रामजीवन भाटी ने बताया कि अभी तक गोवंश के 455, भैंस वंश के 33, ऊंट वंश के 399 और अश्व वंश के 35 पशु मेले में पहुंचे हैं। उनका कहना है कि फिलहाल पशुपालकों और व्यापारियों के बीच खरीद-फरोख्त और मोलभाव की प्रक्रिया चल रही है। मेले में होने वाली पशुओं की बिक्री के बारे में जानकारी रवानगी शुरू होने के बाद ही सामने आएगी। आपको बता दें कि पिछले कुछ साल में मेले के प्रति पशुपालकों और पशु व्यापारियों का रुझान कम हुआ है। इसके साथ ही यहां आने वाले पशुओं की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है।


Conclusion:उनका कहना है कि विभाग की ओर से पशुपालकों की सुविधाओं के लिए बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है। मेला 9 फरवरी तक चलेगा। इस बीच 29-30 जनवरी और 1 व 4 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। जबकि 30-31 जनवरी और 1 फरवरी को विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं होंगी। विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा। इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी।
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बाईट- रामजीवन भाटी, कार्यालय प्रभारी, पशुपालन विभाग, नागौर।
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