नागौर. देशभर में नागौरी नस्ल के बैलों की खरीदारी के लिए अपनी अलग पहचान रखने वाला श्रीरामदेव पशु मेला अभी तक जोर नहीं पकड़ पाया है. शुरुआती तीन दिन में यहां पहुंचने वाले पशुओं की संख्या एक हजार भी पूरी नहीं हो पाई है. शुरू के तीन दिन में यहां महज 922 पशु ही पहुंचे हैं.
नागौर के श्रीरामदेव पशु मेले का विधिवत आगाज 25 जनवरी को झंडारोहण के साथ हुआ था, लेकिन पशुओं की आवक इससे एक दिन पहले ही शुरू हो गई थी. ऐसे में 24 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक मेले में 922 पशु पहुंचे हैं. पशुपालन विभाग के डॉ. रामजीवन भाटी ने बताया, कि अबतक गोवंश के 455, भैंस वंश के 33, ऊंट वंश के 399 और अश्व वंश के 35 पशु मेले में पहुंचे हैं.
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उनका कहना है, कि फिलहाल पशुपालकों और व्यापारियों के बीच खरीद-फरोख्त और मोलभाव की प्रक्रिया चल रही है. मेले में होने वाली पशुओं की बिक्री के बारे में जानकारी रवानगी शुरू होने के बाद ही सामने आएगी. बता दें, कि पिछले कुछ साल में मेले के प्रति पशुपालकों और पशु व्यापारियों का रुझान कम हुआ है. इसके साथ ही यहां आने वाले पशुओं की संख्या में भी गिरावट दर्ज की गई है.
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पशुपालन विभाग की ओर से पशुपालकों की सुविधाओं के लिए बिजली, पानी और सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. मेला 9 फरवरी तक चलेगा. इस बीच 29-30 जनवरी, 1 और 4 फरवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. जबकि 30-31 जनवरी और 1 फरवरी को विभिन्न पशु प्रतियोगिताएं होंगी. विजेता पशुओं के मालिकों को 2 फरवरी को होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह में पुरस्कृत किया जाएगा. इसके बाद पशुओं की रवानगी शुरू हो जाएगी.