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नागौर में मनरेगा के तहत 1.18 लाख श्रमिकों को मिल रहा रोजगार - MGNREGA work in rajasthan

मॉडिफाइड लॉकडाउन के बाद से शुरू हुए मनरेगा कार्यों से नागौर के ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. मनरेगा के कार्यों को मंजूरी मिलने के बाद 467 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 18 हजार श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है.

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नागौर में मनरेगा से जुड़े 1 लाख 18 हजार श्रमिक
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Published : May 12, 2020, 11:29 AM IST

नागौर. कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में काम धंधे तक ठप हो चुके हैं. जिसको देखते हुए गहलोत सरकार बाहरी राज्यों से आए स्थानीय लोगों को मनरेगा कार्यों से जोड़कर रोजगार देने के संसाधन उपलब्ध करवा रही है. ऐसे में जिले के ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. जिले में अब तक 467 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 18 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है.

कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि, सरकार के आदेशों के तहत जिले के मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया कराने के लिए मनरेगा के 4 हजार 507 कार्य शुरू कर दिए गए हैं. जिसमें काम करने वाले 467 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 18 हजार मजदूरों के नाम की सूची भी जारी कर दी गई है. अब जिले में 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. साथ ही जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गरीब तबके और जरूरतमंदों को 39 हजार राहत सामग्री के पैकेट के भी वितरित किए जा चुके हैं.

पढ़ेंः Exclusive Interview: मजदूर भी देश के नागरिक हैं, यूपी पुलिस को उन्हें नहीं रोकना चाहिए: श्रम सचिव नीरज के पवन

कोरोना से बचाव के भी किए जा रहे है इंतजाम..

दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर श्रमिकों को कोरोना से बचाने के लिए 4,507 कार्य स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, लोगों से इसका पालन करवाने के लिए ग्राम सेवक को पाबंद किया गया है. साथ ही पांचवें वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि से नागरिकों, कर्मचारियों और वार्ड में रह रहे लोगों को मास्क, सैनिटाइजर, हाथों के लिए साबुन और गलव्ज मुहैया कराने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को बजट स्वीकृत कर दिया गया है. इसके अलावा गांव, छोटे कस्बों और शहरों में भी सैनिटाइजेशन किया गया है और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

नागौर. कोरोना वायरस की महामारी के बाद से ही देश और प्रदेश में काम धंधे तक ठप हो चुके हैं. जिसको देखते हुए गहलोत सरकार बाहरी राज्यों से आए स्थानीय लोगों को मनरेगा कार्यों से जोड़कर रोजगार देने के संसाधन उपलब्ध करवा रही है. ऐसे में जिले के ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को बड़ी राहत मिली है. जिले में अब तक 467 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 18 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है.

कलेक्टर दिनेश कुमार यादव ने बताया कि, सरकार के आदेशों के तहत जिले के मजदूर वर्ग को जरूरत के अनुसार काम मुहैया कराने के लिए मनरेगा के 4 हजार 507 कार्य शुरू कर दिए गए हैं. जिसमें काम करने वाले 467 ग्राम पंचायतों के 1 लाख 18 हजार मजदूरों के नाम की सूची भी जारी कर दी गई है. अब जिले में 1 लाख 50 हजार श्रमिकों को नियोजित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिससे अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा से जोड़ा जा सके. साथ ही जिले की सभी ग्राम पंचायतों में गरीब तबके और जरूरतमंदों को 39 हजार राहत सामग्री के पैकेट के भी वितरित किए जा चुके हैं.

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कोरोना से बचाव के भी किए जा रहे है इंतजाम..

दिनेश कुमार यादव ने बताया कि मनरेगा कार्य स्थलों पर श्रमिकों को कोरोना से बचाने के लिए 4,507 कार्य स्थलों पर सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, लोगों से इसका पालन करवाने के लिए ग्राम सेवक को पाबंद किया गया है. साथ ही पांचवें वित्त आयोग से मिली अनुदान राशि से नागरिकों, कर्मचारियों और वार्ड में रह रहे लोगों को मास्क, सैनिटाइजर, हाथों के लिए साबुन और गलव्ज मुहैया कराने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को बजट स्वीकृत कर दिया गया है. इसके अलावा गांव, छोटे कस्बों और शहरों में भी सैनिटाइजेशन किया गया है और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

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