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नागौर सीट पर कांग्रेस में घमासान तेज, दावेदारों में जमकर हो रही रस्साकशी - राजस्थान

नागौर सीट पर सबसे ज्यादा पेचिदा स्थिति हो रही है क्योंकि पार्टी के सर्वे में नागौर सबसे मजबूत स्थिति में बताई जा रही है. लेकिन अब टिकट गुटबाजी के पेच में फंस कर रह गई है.

नागौर सीट
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Published : Mar 24, 2019, 6:00 PM IST

नागौर. लोकसभा चुनाव के लिए नागौर संसदीय सीट को लेकर कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में जमकर रस्साकशी देखने को मिल रही है. संभावित प्रबल मजूबत प्रत्याशियों का विरोध करने के लिए विरोधी खेमे दिल्ली तक अपनी नाराजगी जता चुके हैं.

नागौर सीट पर सबसे ज्यादा पेचिदा स्थिति हो रही है क्योंकि पार्टी के सर्वे में नागौर सबसे मजबूत स्थिति में बताई जा रही है. लेकिन अब टिकट गुटबाजी के पेच में फस कर रह गई. बीते 2 दिनों में 10 जनपथ पर भी नागौर के कांग्रेसी नेताओं द्वारा पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा को टिकट नहीं दिए जाने को लेकर अपना विरोध जताया जा चुका है. कांग्रेस की सीवीसी में टिकट वितरण को लेकर तैयारियां चल रही है.

दावेदारों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा, जिला प्रमुख सुनीता चौधरी, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, हरेन्द्र मिर्धा और जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन का भी नाम चल रहा है. दिल्ली में डेरा जमा चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी की गतिविधियों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा पिछले कई सालों से नदारद रही थी. ऐन वक्त विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने सक्रिय होकर अपनी दावेदारी पेश की. इसलिए पार्टी को उनको टिकट देने से नुकसान हो सकता है.

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दूसरी और कांग्रेस के संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नागौर जिले में मजबूत स्थिति में है. साथ ही आम जनता केन्द्र में नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व में भाजपा के पिछले 5 साल के कार्यकाल से ऊब चुकी है. कांग्रेस की और अब जनता देखने लगी. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सभी अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे और दावेदारी जताने का हक सबको है.

केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक नागौर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को फोन करके संभावित प्रबल और जिताऊ उम्मीदवार के नाम पर राय मांग रहे है. पूरे मामले को लेकर मचे घमासान में नागौर जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मोती लाल चंदेल का कहना है कि टिकट की दौड़ में कई नेता शामिल होते हैं लेकिन पार्टी टिकट एक को ही देती है. पार्टी के जो फैसला होगा पूरे नागौर जिले में मिर्धा परिवार का वर्चस्व कायम है.

वरिष्ठ कांग्रेसी साबिर हुसैन का कहना है कि मौजूदा कांग्रेस प्रदेश के सर्वे में सबसे मजबूत सीट कोई है वो नागौर सीट हैं गुटबाजी को नकारते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राय मशवरा करके फीडबैक सभी कार्यकत्ताओं से लिया जा रहा है. आने वाले वक्त में सही निर्णय सभी को देखने को मिलेगा. नागौर लोकसभा का चुनाव इस बार काफी रोचक होने की संभावना है पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा के बाद अब मेरे मिर्धा परिवार के कद्दावर नेता हरेंद्र मिर्धा ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का मानस बना लिया है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से हनुमान बेनीवाल ने भी नागौर लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में अभी पत्ते नहीं खोले.

नागौर. लोकसभा चुनाव के लिए नागौर संसदीय सीट को लेकर कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में जमकर रस्साकशी देखने को मिल रही है. संभावित प्रबल मजूबत प्रत्याशियों का विरोध करने के लिए विरोधी खेमे दिल्ली तक अपनी नाराजगी जता चुके हैं.

नागौर सीट पर सबसे ज्यादा पेचिदा स्थिति हो रही है क्योंकि पार्टी के सर्वे में नागौर सबसे मजबूत स्थिति में बताई जा रही है. लेकिन अब टिकट गुटबाजी के पेच में फस कर रह गई. बीते 2 दिनों में 10 जनपथ पर भी नागौर के कांग्रेसी नेताओं द्वारा पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा को टिकट नहीं दिए जाने को लेकर अपना विरोध जताया जा चुका है. कांग्रेस की सीवीसी में टिकट वितरण को लेकर तैयारियां चल रही है.

दावेदारों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा, जिला प्रमुख सुनीता चौधरी, डीडवाना विधायक चेतन डूडी, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, हरेन्द्र मिर्धा और जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन का भी नाम चल रहा है. दिल्ली में डेरा जमा चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी की गतिविधियों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा पिछले कई सालों से नदारद रही थी. ऐन वक्त विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने सक्रिय होकर अपनी दावेदारी पेश की. इसलिए पार्टी को उनको टिकट देने से नुकसान हो सकता है.

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दूसरी और कांग्रेस के संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नागौर जिले में मजबूत स्थिति में है. साथ ही आम जनता केन्द्र में नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व में भाजपा के पिछले 5 साल के कार्यकाल से ऊब चुकी है. कांग्रेस की और अब जनता देखने लगी. वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सभी अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे और दावेदारी जताने का हक सबको है.

केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक नागौर के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को फोन करके संभावित प्रबल और जिताऊ उम्मीदवार के नाम पर राय मांग रहे है. पूरे मामले को लेकर मचे घमासान में नागौर जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मोती लाल चंदेल का कहना है कि टिकट की दौड़ में कई नेता शामिल होते हैं लेकिन पार्टी टिकट एक को ही देती है. पार्टी के जो फैसला होगा पूरे नागौर जिले में मिर्धा परिवार का वर्चस्व कायम है.

वरिष्ठ कांग्रेसी साबिर हुसैन का कहना है कि मौजूदा कांग्रेस प्रदेश के सर्वे में सबसे मजबूत सीट कोई है वो नागौर सीट हैं गुटबाजी को नकारते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी राय मशवरा करके फीडबैक सभी कार्यकत्ताओं से लिया जा रहा है. आने वाले वक्त में सही निर्णय सभी को देखने को मिलेगा. नागौर लोकसभा का चुनाव इस बार काफी रोचक होने की संभावना है पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा के बाद अब मेरे मिर्धा परिवार के कद्दावर नेता हरेंद्र मिर्धा ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का मानस बना लिया है. राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से हनुमान बेनीवाल ने भी नागौर लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में अभी पत्ते नहीं खोले.

Intro:Slug..Nagaur Congress Lok Sabha Ticket ..नागौर लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में घमासान तेज...Day Plan की खबर वॉइस ऑवर के साथ

लोकसभा चुनाव के लिए नागौर संसदीय सीट को लेकर कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में जमकर रस्साकशी देखने को मिल रही है.. संभावित प्रबल मजूबत प्रत्याशियों का विरोध करने के लिए विरोधी खेमे दिल्ली तक अपनी नाराजगी जता चुके हैं सबसे ज्यादा पेचिदा स्थिति नागौर लोकसभा सीट के लिए हो रही है क्योंकि पार्टी के सर्वे में नागौर सबसे मजबूत स्थिति में बताई जा रही है... लेकिन अब टिकट गुटबाजी के पेच में फस कर रह गई..


Body:नागौर जिले में कांग्रेस में टिकटों को लेकर घमासान जारी है ...बीते 2 दिनों में 10 जनपथ पर भी नागौर के कांग्रेसी नेताओं द्वारा पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा को टिकट नहीं दिए जाने को लेकर अपना विरोध जता चुके हैं ..काग्रेस पार्टी के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालयों से लेकर जिला स्तर पर सरगर्मियां देखने को मिल रही है कांग्रेस की सीवीसी में टिकट वितरण को लेकर तैयारियां चल रही है दावेदारों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा व जिला प्रमुख सुनीता चौधरी और डीडवाना विधायक चेतन डूडी ..पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा के साथ हरेन्द्र मिर्धा जिला अध्यक्ष जाकिर हुसैन का भी नाम चल रहा है..
दिल्ली में डेरा जमा चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी की गतिविधियों में पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा पिछले कई सालों से नदारद रही थी ऐन वक्त विधानसभा चुनावो से ठीक पहले पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने सक्रिय होकर अपनी दावेदारी पेश किए इसलिए पार्टी को उनको टिकट देने से नुकसान हो सकता है.. दूसरी और कांग्रेस के संगठन से जुड़े नेताओं का कहना है कि कांग्रेस नागौर जिले में मजबूत स्थिति में साथ ही आम जनता केन्द्र में नरेन्द्रमोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के पिछले 5 साल के कार्यकाल से ऊब चुकी है कांग्रेस की और अब जनता देखने लगी ऐसे में कांग्रेस के नेताओं में जोश दिखाई दे रहा है और साथ में जीत भी यह साबित हो ऱहा है सभी अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे दावेदारी जताने का हक सबको है ऐसे में देखना यह होगा कि पार्टी किसको टिकट देती है और खींचतान और गूटबाजी टिकट के समय तो में देखने को मिलती है लेकिन टिकट का नाम फाइनल होने के बाद कांग्रेसी एकजुटता से चुनाव लड़ेगी.. केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक नागौर के वरिष्ठ कांग्रेसियों फोन करके संभावित प्रबल और जिताऊ उम्मीदवार का नाम राय़ मांग रहे है... नागौर लोकसभा की टिकट को लेकर मचे घमासान में नागौर जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री मोती लाल चंदेल का कहना की टिकट की दौड़ में कई नेता शामिल होते हैं लेकिन पार्टी टिकट एक को ही देती है पार्टी के जो फैसला होगा पूरे नागौर जिले में मिर्धा परिवार का वर्चस्व कायम है वही शक्ति प्रोजेक्ट में प्रदेश मे अत्वल रहे और वरिष्ठ कांग्रेसी साबिर हुसैन का कहना है कि मौजूदा कांग्रेस प्रदेश के सर्वे में सबसे मजबूत सीट कोई है वो नागौर सीट हैं गुटबाजी को नकारते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी राय मशवरा करके फीडबैक सभी कार्यकत्ताओं से लिया जा रहा है आने वाले वक्त में सही निर्णय सभी को देखने को मिलेगा...
नागौर लोकसभा का चुनाव इस बार काफी रोचक होने की संभावना है पूर्व सांसद डॉ ज्योति मिर्धा के बाद अब मेरे मिर्धा परिवार के कद्दावर नेता हरेंद्र मिर्धा ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने का मानस बना लिया है वह कांग्रेस में प्रबल दावेदार है रोचक बात यह है कि दोनों नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की मंशा पार्टी आलाकमान के सामने रख चुके हैं ऐसे में भारतीय जनता पार्टी से सांसद सी आर चौधरी के नाम पर पेंच फ़स गया है तो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से हनुमान बेनीवाल ने भी नागौर लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में अभी पत्ते नहीं खोले.पूर्व मंत्री. हरेंद्र मिर्धा की अगर बात करें तो किसान केसरी बलदेव राम मिर्धा के पौत्र है पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व रामनिवास मिर्धा के पुत्र है मारवाड़ इलाके में कांग्रेस को मजबूती दिलाने में अहम भूमिका निभाई गई थी वहीं दूसरी ओर डॉ ज्योति मिर्धा जो कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी माना जाता है और वह नागौर से 15 वी लोकसभा मे पहली बार सांसद बनी थी नागौर से उनके दादा नाथूराम मिर्धा 5 बार सांसद रहे राजस्थान की राजनीति में बड़े जाट नेता के तौर पर थे..स्व नाथूराम मिर्धा को नागौर की जनता बाबा के नाम से कहती थी...वर्तमान में हरियाणा के पूर्व मंत्री कृष्णा गहलोत के बेटे नरेंद्र गहलोत की बहू है डॉ ज्योति मिर्धा इंडियाबुल्स की मार्केटिंग मैनेजर भी है...


Conclusion:2004 में भारतीय जनता पार्टी के भंवर सिंह डांगावास यहां से सांसद बने थे 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सी आर चौधरी चुनाव जीते थे .. मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण किया था ..वही 2009 में कांग्रेस की डॉक्टर ज्योति मिर्धा ने भारतीय जनता पार्टी की बिंदु चौधरी को चुनाव में हराकर लोकसभा पहुंची थी एक बार फिर बिंदु चौधरी कांग्रेस खेमे में तो वही मिर्धा परिवार की अंदरूनी लड़ाई एक बार फिर दिल्ली तक पहुंच चुकी
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