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नागौर की पूर्व महिला जज ने CJI को लिखी चिट्ठी, वकीलों और पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप - पूर्व महिला जज ने सीजेआई को चिट्ठी लिखी

नागौर जिले में तैनात पूर्व महिला जज ने CJI को चिट्ठी लिखकर वकीलों से लेकर पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं, दूसरे पक्ष ने भी पूर्व जज को लेकर कई खुलासे करते हुए आरोप लगाए हैं.

Ex Female Judge Posted in Nagaur Court Wrote To CJI
Ex Female Judge Posted in Nagaur Court Wrote To CJI
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 19, 2023, 6:16 PM IST

नागौर. राजस्थान की नागौर कोर्ट में पोस्टेड एक पूर्व महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चिट्ठी लिखकर वकीलों से लेकर पुलिस और न्यायिक अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए हैं. पूर्व महिला जज का आरोप लगाया कि उन्हें धमकाया गया और वकीलों ने गालियां दीं. वहीं, दूसरे पक्ष के वकीलों का आरोप है कि महिला जज का आचरण सही नहीं था. कई बार सीनियर जजों ने पूर्व महिला जज को समझाया, लेकिन फिर भी आए दिन वो वकीलों से उलझती थीं. ऐसे में वकीलों को मजबूरी में शिकायत करनी पड़ी. इस बीच महिला जज ने एक पोस्ट भी किया, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई. तब हाईकोर्ट ने सरकार को अनुशंषा की, इसके बाद इस महिला जज को सर्विस टू डिस्चार्ज किया गया. अब इस पूर्व महिला जज ने सीजेआई को शिकायत की है.

ये है आरोप : 15 दिसंबर को पूर्व महिला जज ने सीजेआई को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया कि 16 सितंबर 2023 को अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, नागौर में तैनात थी, इस दौरान दो वकीलों ने उनके साथ मारपीट की और अपशब्द कहे. साथ ही धमकी भी दी. घटना के बाद उन्होंने नागौर कोतवाली थाने के एसएचओ को घटना की जानकारी दी और मौखिक शिकायत लेने के निर्देश दिए. इसके बाद सभी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. वापस थाने गई और लिखित में शिकायत दी, फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. 18 सितंबर को वकीलों ने उन्हें एपीओ करवा दिया. उनका आरोप है कि देर रात्रि में सीनियर जज के चैंबर में बुलाया गया और परेशान कर चार्ज ले लिया. इसके बाद 19 सितंबर 2023 को नई पोस्टिंग देने के बहाने जोधपुर जिला न्यायालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. 6 अक्टूबर 2023 को जब वहां गई तो उन्होंने सेवा से मुक्ति का आदेश सौंप दिया.

पढ़ें. यूपी की महिला जज का कोर्ट में यौन शोषण; चीफ जस्टिस से मांगी मरने की इजाजत, लेटर वायरल

वकीलों ने ये कहा : नागौर कोर्ट के पांच वकीलों पर पूर्व महिला जज ने आरोप लगाया उनमें से दो वकीलों का आरोप है कि पूर्व महिला जज का व्यवहार सही नहीं था. जूनियर वकील से लेकर सीनियर वकीलों तक के साथ कई बार बुरा बर्ताव किया गया. कई बार पूर्व महिला जज ने पुलिस को बुला लिया. वो खुद ही शिकायतकर्ता बनीं और कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई कर दी. इतना ही नहीं पूर्व जज ने खुद ही आदेश दे दिया, जबकि वो ऐसा नहीं कर सकतीं थीं. इसके बाद एडीजे ने उस आदेश को स्टे किया.

नागौर. राजस्थान की नागौर कोर्ट में पोस्टेड एक पूर्व महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चिट्ठी लिखकर वकीलों से लेकर पुलिस और न्यायिक अधिकारियों पर संगीन आरोप लगाए हैं. पूर्व महिला जज का आरोप लगाया कि उन्हें धमकाया गया और वकीलों ने गालियां दीं. वहीं, दूसरे पक्ष के वकीलों का आरोप है कि महिला जज का आचरण सही नहीं था. कई बार सीनियर जजों ने पूर्व महिला जज को समझाया, लेकिन फिर भी आए दिन वो वकीलों से उलझती थीं. ऐसे में वकीलों को मजबूरी में शिकायत करनी पड़ी. इस बीच महिला जज ने एक पोस्ट भी किया, जिसके आधार पर हाईकोर्ट ने जांच की तो शिकायत सही पाई गई. तब हाईकोर्ट ने सरकार को अनुशंषा की, इसके बाद इस महिला जज को सर्विस टू डिस्चार्ज किया गया. अब इस पूर्व महिला जज ने सीजेआई को शिकायत की है.

ये है आरोप : 15 दिसंबर को पूर्व महिला जज ने सीजेआई को लिखी चिट्ठी में आरोप लगाया कि 16 सितंबर 2023 को अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, नागौर में तैनात थी, इस दौरान दो वकीलों ने उनके साथ मारपीट की और अपशब्द कहे. साथ ही धमकी भी दी. घटना के बाद उन्होंने नागौर कोतवाली थाने के एसएचओ को घटना की जानकारी दी और मौखिक शिकायत लेने के निर्देश दिए. इसके बाद सभी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. वापस थाने गई और लिखित में शिकायत दी, फिर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. 18 सितंबर को वकीलों ने उन्हें एपीओ करवा दिया. उनका आरोप है कि देर रात्रि में सीनियर जज के चैंबर में बुलाया गया और परेशान कर चार्ज ले लिया. इसके बाद 19 सितंबर 2023 को नई पोस्टिंग देने के बहाने जोधपुर जिला न्यायालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया. 6 अक्टूबर 2023 को जब वहां गई तो उन्होंने सेवा से मुक्ति का आदेश सौंप दिया.

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वकीलों ने ये कहा : नागौर कोर्ट के पांच वकीलों पर पूर्व महिला जज ने आरोप लगाया उनमें से दो वकीलों का आरोप है कि पूर्व महिला जज का व्यवहार सही नहीं था. जूनियर वकील से लेकर सीनियर वकीलों तक के साथ कई बार बुरा बर्ताव किया गया. कई बार पूर्व महिला जज ने पुलिस को बुला लिया. वो खुद ही शिकायतकर्ता बनीं और कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट की कार्रवाई कर दी. इतना ही नहीं पूर्व जज ने खुद ही आदेश दे दिया, जबकि वो ऐसा नहीं कर सकतीं थीं. इसके बाद एडीजे ने उस आदेश को स्टे किया.

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