नागौर. किसानों को फसल बीमा का लाभ जल्द से जल्द मिले इसके लिए कलेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने निर्देश जारी किए हैं. किसानों की परेशानी को समझते हुए कलेक्टर फसल बीमा से जुड़े मामलों की समीक्षा करते हुए सख्त नजर आए. उन्होंने फसल बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों की प्रगति रिपोर्ट पर हिदायत देते हुए कहा कि किसानों की ओर से बीमित फसल का खराब होने और इसकी सूचना निर्धारित अवधि में दिए जाने के बाद उन्हें मुआवजा देने की कार्रवाई में ढील न बरती जाए.
कलेक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने कृषि विभाग के उप निदेशक शंकरराम बेड़ा को निर्देश दिए कि वे सभी फसल बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों से निरंतर अपडेट रिपोर्ट लें और माॅनिटरिंग करते हुए वंचित पात्र किसानों को फसल खराबे की मुआवजा राशि जारी करवाई जाए. किसानों के हित से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. कलेक्टर ने कहा कि किसान की फसल बीमा क्लेम से जुड़ी हर शिकायत का तत्थात्मक जांच करते हुए निवारण किया जाए.
उन्होंने उप निदेशक कृषि विस्तार को निर्देश दिए कि जिन किसानों को बीमित फसल बीमा क्लेम का भुगतान मिल चुका है, उसकी भौतिक सत्यापन रिपोर्ट कृषि पर्यवेक्षक से तैयार करवाई जाए. जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि फसल बीमा क्लेम राशि के लिए जिन किसानों ने ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन किया है, संबंधित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि इसका आगामी सात दिन में सर्वे करवाएं और फसल खराबे की मुआवजा राशि तय करते हुए उन्हें लाभान्वित किया जाए.
डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को निर्देश दिए कि जिले में प्याज की फसल का बीमा करवाने वाले किसानों की फसल खराबे की सूचना मिलने पर सर्वे करवाया जाए. इसके लिए संबंधित बीमा कंपनी अपने टोल फ्री नं. का प्रचार-प्रसार करें ताकि नागौर जिले में प्याज की फसल का बीमा करवाने वाले 2 हजार 29 फसल खराबा होने की स्थिति में निर्धारित अवधि में सूचना दे सकें.
ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश, यानी प्राकृतिक आपदा से खराब हुई बीमित रबी फसलों को लेकर किसान 72 घंटे में शिकायत दर्ज करवा सकता है. कृषि उप निदेशक शंकर राम बेड़ा ने बताया कि रबी 2020-21 मौसम में जिले में फसल बीमा अधिसूचित फसलें जौ, जीरा, चना, ईसबगोल, मैथी, सरसों, तारामीरा और गेहूं फसलों में प्राकृतिक आपदाओं जहां कहीं नुकसान हुआ है. कलेक्टर ने बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि जो जिला स्तर एवं तहसील स्तर पर कार्यरत है उनको निर्देश दिया कि जिन कृषकों की फसलों का नुकसान हुआ है, उन कृषकों से सम्पर्क करें. किसान जिला स्तर पर बीमा प्रतिनिधि अभिलाष सिंह या बीमा कम्पनी के तहसीलवार प्रतिनिधि के पास शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.