डीडवाना (नागौर). पहले मैं किसान हूं उसके बाद राज्यपाल. किसान आंदोलन को समर्थन देने वाला ये बयान है मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का. जो कि अपने दो दिवसीय दौरे पर नागौर जिले के डीडवाना पहुंचे हैं.
मीडिया से रूबरू हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर किसानों के साथ खड़े नजर आए. उन्होंने खुलकर कहा कि वे पहले किसान हैं और उसके बाद राज्यपाल हैं. उन्होंने एक बार फिर किसानों की एमएसपी से जुड़ी मांग की पैरवी करते हुए कहा कि अगर इसको मान लिया जाता है तो आधा मसला अपने आप सुलझ जाएगा. उन्होंने कहा किसी अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि सरकार किसानों के रुख के नजदीक आए और किसान सरकार के रुख के नजदीक आए.
पिछले दिनों किसान आंदोलन का समर्थन कर चर्चा में आए मेघालय के राज्यपाल सतपाल मलिक दो दिवसीय दौरे पर नागौर जिले के डीडवाना पहुंचे. इस दौरान उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया. तय समय से तकरीबन 5 घंटे देरी से पहुंचे राज्यपाल मलिक का नागौर जिला कलेक्टर डॉ जितेंद्र सोनी और एसपी श्वेता धनखड़ ने डीडवाना के डाक बंगले में स्वागत किया.
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इसके बाद पुलिस जवानों की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. राज्यपाल सतपाल मालिक ने ढाई हजार साल पुराने काली माता मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की. गौरतलब है कि डीडवाना में राज्यपाल सत्यपाल मलिक अपनी आराध्य देवी काली माता मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करने के मकसद से ही डीडवाना आए है. जिन्हें मंदिर में प्रधान अर्चक सोहननाथ योगी ने काली माता की विशेष पूजा करवाई.
इससे पहले जयपुर से सड़क मार्ग से डीडवाना आ रहे राज्यपाल मलिक ने डीडवाना उपखण्ड के खारिया गांव में एक निजी कार्यक्रम में पहुंचे और इसके बाद मोलासर में भी विवाह समारोह में शिरकत की.