मकराना (नागौर). जिले में पिछले 2 महीनों से टिड्डी दल आतंक मचा रही है. अब यह टिड्डियां मकराना के शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीणों इलाकों में उत्पाद मचा रही हैं. ग्रामीण इलाकों में प्रवेश करते ही टिड्डियों ने खेतों में बोई गई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है.
टिड्डियों ने शहर और ग्रामीण इलाकों में भारी मात्रा में अपशिष्ट भी फैलाया है. जिससे शहरवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं. घरों की छतों पर टिड्डियों के अपशिष्ट की मात्रा काफी अधिक होने से ग्राहिणियों को छतों की सफाई करने में काफी दिक्कतें भी हुई.
मकराना में टिड्डियों के पहुंचने की सूचना किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों को पहले ही दे दी थी. इसके बावजूद कृषि विभाग हरकत में नहीं आया.
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ग्रामीणों ने बताया कि विभाग की ओर से टिड्डियों के हमले की रोकथाम को लेकर अब तक किसी भी प्रकार से कार्रवाई नहीं की गई. जिसकी वजह से टिड्डी दल के द्वारा लगातार मकराना के ग्रामीण क्षेत्रों के खलियानो में फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. आज जिस प्रकार से टिड्डी दल ने गांवों में प्रवेश किया. उसे देखकर यहां के किसानों के हाथ पांव फुल गए. ग्रामीणों ने इन टिड्डियों को भगाने के लिए अपने स्तर पर कई प्रकार के जतन किए.
किसान बताते हैं कि जैसे ही टिड्डियां खेतों में पहुंचती हैं. वे अपने खेतों में रखे लोहे के ड्रम, थाली, खाली पीपे और सीटियां बजाने लगते हैं. ताकि टिड्डियों को भगाया जा सके. कई स्थानों पर टिड्डियों के दल को भगाने में किसान कामयाब भी रहे हैं.
गांव के खेतों से होकर टिड्डियों ने जब खनन क्षेत्र की ओर रूख किया, तो लाखों की संख्या में टिड्डिया खानों में समा गईं. इन टिड्डियों के का दल करीब दो किलो मीटर लंबा बताया जा रहा है.
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राजस्थान के इन जिलों में टिड्डियां मचा रही तबाही
- भरतपुर के बयाना, डीग और भुसावर कस्बे में टिड्डियां अपना कहर ठा रही हैं. यहां के किसानों को टिड्डियों ने पूरी तरह से चट कर दिया है.
- टिड्डियों के आंतक से जयपुर भी अछूता नहीं है. टिड्डी दल ने किसानों के रातों की नींद तक उड़ा दी है.
- बाड़मेर के लगातार टिड्डियों का हमला जारी है. जिसके चलते किसान दुविधा में हैं कि वे इस बार खेतों में बुवाई करें या ना करें.
- धौलपुर जिले में 5 अलग-अलग आकार के टिड्डी दलों ने जून के महीने में धावा बोला है.
- सीकर जिले में भी टिड्डी दलों ने किसानों की चिताएं बढ़ा दी हैं.
- राजस्थान के करीब 20 जिलों में टिड्डियों का प्रकोप बना हुआ है.