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खींवसर उपचुनाव : सोशल मीडिया पर प्रत्याशी का समर्थन करना पड़ा भारी, परिचालक निलंबित, तीन शिक्षक भी जांच के घेरे में

नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रंग परवान चढ़ने लगा है. प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के साथ ही आम जनता पर भी चुनाव का रंग चढ़ रहा है, लेकिन कुछ सरकारी कर्मचारियों पर यह चुनावी रण भारी भी पड़ रहा है.

The candidate had to be heavily supported on social media, nagaur news, नागौर न्यूज
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Published : Oct 16, 2019, 7:02 PM IST

खींवसर (नागौर). चुनाव के कारण प्रदेशभर की निगाहें इन दिनों जिले के खींवसर पर है. निर्वाचन विभाग भी अपनी नजर खींवसर सहित पूरे नागौर जिले पर लगाए हुए है. वहीं उपचुनाव में खुलकर प्रत्याशियों का समर्थन करना सरकारी कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है.

सोशल मीडिया पर प्रत्याशी का समर्थन करना पड़ा भारी

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक प्रत्याशी के समर्थन में पोस्ट अपलोड करना रोडवेज के एक परिचालक पर तब भारी पड़ गया, जब उसके खिलाफ शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी और बाद में मुख्य चुनाव अधिकारी तक पहुंच गई. मुख्य चुनाव अधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए हुए रोडवेज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रोडवेज ने सहदेव भाकल नाम के परिचालक को निलंबित करने के आदेश जारी किए. इधर, सरकारी स्कूलों के तीन शिक्षकों के खिलाफ भी शिकायत मिलने पर प्रारंभिक रूप से उनका मुख्यालय बदलकर जांच शुरू की गई है. जांच में शिकायत सही पाई जाने पर शिक्षक मेघनाथ सिद्ध, दुर्गराम डांगा और श्रीराम पर भी गंभीर कार्रवाई हो सकती है.

पढ़ेंः नागौर में किसानों ने करोड़ों रुपए के गबन का लगाया आरोप

जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव का कहना है कि अभी तक 10 से 15 शिकायतें सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं. जांच में कुछ शिकायतें फर्जी भी निकली हैं, जो शिकायतें सही पाई गई हैं उन पर ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से अपील भी की है कि आदर्श आचार संहिता की पालना में सहयोग करें.

खींवसर (नागौर). चुनाव के कारण प्रदेशभर की निगाहें इन दिनों जिले के खींवसर पर है. निर्वाचन विभाग भी अपनी नजर खींवसर सहित पूरे नागौर जिले पर लगाए हुए है. वहीं उपचुनाव में खुलकर प्रत्याशियों का समर्थन करना सरकारी कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है.

सोशल मीडिया पर प्रत्याशी का समर्थन करना पड़ा भारी

बता दें कि सोशल मीडिया पर एक प्रत्याशी के समर्थन में पोस्ट अपलोड करना रोडवेज के एक परिचालक पर तब भारी पड़ गया, जब उसके खिलाफ शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी और बाद में मुख्य चुनाव अधिकारी तक पहुंच गई. मुख्य चुनाव अधिकारी ने इसे गंभीरता से लेते हुए हुए रोडवेज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसके बाद रोडवेज ने सहदेव भाकल नाम के परिचालक को निलंबित करने के आदेश जारी किए. इधर, सरकारी स्कूलों के तीन शिक्षकों के खिलाफ भी शिकायत मिलने पर प्रारंभिक रूप से उनका मुख्यालय बदलकर जांच शुरू की गई है. जांच में शिकायत सही पाई जाने पर शिक्षक मेघनाथ सिद्ध, दुर्गराम डांगा और श्रीराम पर भी गंभीर कार्रवाई हो सकती है.

पढ़ेंः नागौर में किसानों ने करोड़ों रुपए के गबन का लगाया आरोप

जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव का कहना है कि अभी तक 10 से 15 शिकायतें सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं. जांच में कुछ शिकायतें फर्जी भी निकली हैं, जो शिकायतें सही पाई गई हैं उन पर ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है. साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से अपील भी की है कि आदर्श आचार संहिता की पालना में सहयोग करें.

Intro:नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का रंग परवान चढ़ने लगा है। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के साथ ही आम जनता पर भी चुनाव का रंग चढ़ रहा है। लेकिन कुछ सरकारी कर्मचारियों पर यह चुनावी रण भारी भी पड़ रहा है। सोशल मीडिया पर एक प्रत्याशी का समर्थन करना रोडवेज के कंडक्टर को भारी पड़ गया। जबकि तीन शिक्षकों का मुख्यालय बदलकर उनके खिलाफ भी जांच की जा रही है। इन शिक्षकों के खिलाफ अपने काम की अनदेखी कर चुनावी गतिविधियों में भाग लेने की शिकायत है।


Body:नागौर. चुनाव के कारण प्रदेशभर की निगाह इन दिनों नागौर जिले के खींवसर पर है। निर्वाचन विभाग भी अपनी नजर खींवसर सहित पूरे नागौर जिले पर लगाए हुए है। उपचुनाव में खुलकर प्रत्याशियों का समर्थन करना सरकारी कर्मचारियों पर भारी पड़ रहा है।
सोशल मीडिया पर एक प्रत्याशी के समर्थन में पोस्ट अपलोड करना रोडवेज के एक परिचालक पर तब भारी पड़ गया जब उसके खिलाफ शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी और बाद में मुख्य चुनाव अधिकारी तक पहुंच गई। मुख्य चुनाव अधिकारी ने इसे गंभीर मानते हुए रोडवेज को कार्रवाई करने के निर्देश दिए और रोडवेज ने सहदेव भाकल नाम के इस परिचालक को निलम्बित करने के आदेश जारी किए हैं। इधर, सरकारी स्कूलों के तीन शिक्षकों के खिलाफ भी शिकायत मिलने पर प्रारंभिक रूप से उनका मुख्यालय बदलकर जांच शूरू की गई है। जांच में शिकायत सही पाई जाने पर शिक्षक मेघनाथ सिद्ध, दुर्गराम डांगा और श्रीराम पर भी गंभीर कार्रवाई हो सकती है।


Conclusion:जिला निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार यादव का कहना है कि अभी तक 10 से 15 शिकायतें सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ मिली हैं। जांच में कुछ शिकायतें फर्जी भी निकली हैं। जो शिकायतें सही पाई गई हैं। उन पर ही अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है। साथ ही उन्होंने सरकारी कर्मचारियों से अपील भी की है कि आदर्श आचार संहिता की पालना में सहयोग करें।
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बाईट - दिनेश कुमार यादव, जिला निर्वाचन अधिकारी।
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