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नागौर रेलवे स्टेशन पर 43 दिन बाद चहल-पहल, झारखंड के 900 मजदूरों की स्पेशल ट्रेन से 'घर वापसी'

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Published : May 3, 2020, 7:22 PM IST

नागौर के मूंडवा स्थित निजी सीमेंट के निर्माणाधीन प्लांट में काम करने वाले झारखंड के 900 से ज्यादा मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रविवार रात को विशेष ट्रेन रवाना होगी. मूंडवा से रोडवेज बसों से इन मजदूरों को नागौर रेलवे स्टेशन पहुंचाया जा रहा है.

मूंडवा से रांची के लिए मजदूरों की ट्रेन,  Workers train from Mundwa to Ranchi
श्रमिकों के लिए नागौर से झारखंड रवाना होगी स्पेशल ट्रेन

नागौर. जिले में रविवार को करीब 43 दिन के लंबे इंतजार के बाद चहल-पहल दिखाई दी. लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेल सेवाएं बंद हैं. लेकिन नागौर के मूंडवा में फंसे 900 से ज्यादा मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रविवार रात को स्पेशल ट्रेन रवाना होगी.

मजदूरों को कड़े सुरक्षा इंतजाम और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ नागौर रेलवे स्टेशन पर विशेष रेल में बैठाया जा रहा है. यह विशेष रेल रविवार रात को झारखंड के रांची स्टेशन के लिए रवाना होगी. मारवाड़ मूंडवा स्थित निजी सीमेंट कंपनी के निर्माणाधीन प्लांट में काम करने वाले मजदूर लॉकडाउन के कारण यहां फंस गए थे. ये मजदूर पिछले कई दिनों से उन्हें अपने घर भेजने की गुहार लगा रहे थे.

नागौर रेलवे स्टेशन जाते श्रमिक, Workers going to Nagaur railway station
नागौर रेलवे स्टेशन जाते श्रमिक

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना के खिलाफ जंग में अब और मजबूती से लड़ेगा राजस्थान, 3 निजी लैबों को भी मिली जांच की मंजूरी

जिसके बाद अब राजस्थान और झारखंड सरकार के बीच सहमति बनने के बाद इन मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. इससे पहले गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग माध्यम से उनके घर भेजा जा चुका है. हालांकि, यह ट्रेन रविवार को रात 8 बजे के बाद रवाना होगी.

श्रमिकों के लिए नागौर से झारखंड रवाना होगी स्पेशल ट्रेन

लेकिन मजदूरों की मेडिकल जांच और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में लगने वाले समय के कारण शाम से ही इन मजदूरों को मूंडवा से नागौर रेलवे स्टेशन लाया जा रहा है. मूंडवा से नागौर रेलवे स्टेशन तक इन मजदूरों को रोडवेज की विशेष बसों से लाया जा रहा है. लॉकडाउन के बीच अपने घर लौटने की खुशी इन मजदूरों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है.

पढ़ें- भारतीय वायुसेना ने किया 'कोरोना वॉरियर्स' का सम्मान, SMS हॉस्पिटल और विधानसभा पर की पुष्प वर्षा

नागौर एडीएम मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड के इन प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन तक लाने से लेकर ट्रैन में बैठाने तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. ट्रेन में भी इसी तरह व्यवस्था की गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो. रास्ते में इन मजदूरों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं हो. इसलिए इन्हें पानी की बोतल और खाने के पैकेट्स भी दिए गए हैं.

नागौर. जिले में रविवार को करीब 43 दिन के लंबे इंतजार के बाद चहल-पहल दिखाई दी. लॉकडाउन शुरू होने के बाद से रेल सेवाएं बंद हैं. लेकिन नागौर के मूंडवा में फंसे 900 से ज्यादा मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए रविवार रात को स्पेशल ट्रेन रवाना होगी.

मजदूरों को कड़े सुरक्षा इंतजाम और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के साथ नागौर रेलवे स्टेशन पर विशेष रेल में बैठाया जा रहा है. यह विशेष रेल रविवार रात को झारखंड के रांची स्टेशन के लिए रवाना होगी. मारवाड़ मूंडवा स्थित निजी सीमेंट कंपनी के निर्माणाधीन प्लांट में काम करने वाले मजदूर लॉकडाउन के कारण यहां फंस गए थे. ये मजदूर पिछले कई दिनों से उन्हें अपने घर भेजने की गुहार लगा रहे थे.

नागौर रेलवे स्टेशन जाते श्रमिक, Workers going to Nagaur railway station
नागौर रेलवे स्टेशन जाते श्रमिक

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जिसके बाद अब राजस्थान और झारखंड सरकार के बीच सहमति बनने के बाद इन मजदूरों को उनके घर भेजा जा रहा है. इससे पहले गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को अलग-अलग माध्यम से उनके घर भेजा जा चुका है. हालांकि, यह ट्रेन रविवार को रात 8 बजे के बाद रवाना होगी.

श्रमिकों के लिए नागौर से झारखंड रवाना होगी स्पेशल ट्रेन

लेकिन मजदूरों की मेडिकल जांच और अन्य प्रक्रिया पूरी करने में लगने वाले समय के कारण शाम से ही इन मजदूरों को मूंडवा से नागौर रेलवे स्टेशन लाया जा रहा है. मूंडवा से नागौर रेलवे स्टेशन तक इन मजदूरों को रोडवेज की विशेष बसों से लाया जा रहा है. लॉकडाउन के बीच अपने घर लौटने की खुशी इन मजदूरों के चेहरे पर साफ दिखाई दे रही है.

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नागौर एडीएम मनोज कुमार ने बताया कि झारखंड के इन प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन तक लाने से लेकर ट्रैन में बैठाने तक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है. ट्रेन में भी इसी तरह व्यवस्था की गई है कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना हो. रास्ते में इन मजदूरों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं हो. इसलिए इन्हें पानी की बोतल और खाने के पैकेट्स भी दिए गए हैं.

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