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नागौर: मकराना में इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन

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Published : Feb 9, 2020, 11:35 PM IST

नागौर के मकराना में इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. जिसमें उलेमाओं ने कहा कि हम जिस दौर में चल रहे है, वह इल्म का दौर है. इंसान अगर इल्म हासिल नहीं करता है तो उसकी कोई कदर नहीं होती है.

नागौर इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस,  Nagaur news
मकराना में इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में फैजाने सहाबा कमेटी के तत्वावधान में रविवार को इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस का आगाज कुराने पाक की तिलावत के साथ हुआ. जिसमें पाली से आए नात ख्वा कारी मोहम्मद शरीफ ने अपनी दिलकश आवाज में एक से बढ़कर एक नात कलाम पेश किए.

मकराना में इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन

मालेगांव महाराष्ट्र से आए सय्यद अमीनुल कादरी ने तकरीर करते हुए कहा कि अपने आखिरत को सवारने के लिये नेक कार्य करने चाहिए. जहन्नम के अजाब का आलम हम सहन नहीं कर पाएंगें. वहीं इस दौरान अन्य उलेमाओं ने कहा कि हम जिस दौर में चल रहे है वह तालीम का दौर है. इंसान अगर तलीम हासिल नहीं करता तो उसकी कोई कदर नहीं होती है. तालीम के मामले में बच्चों में फर्क न करें. चाहे लड़का हो या लड़की तालीम हासिल करना सबका हक हैं.

पढ़ेंः नागौर: माली समाज का सामूहिक विवाह सम्मेलन, 94 जोड़े बने हमसफर

इस दौर में दुनियावी तालीम के साथ दीन की तालीम भी जरूरी है. हमें इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए.हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए. हमे गरीबों का ख्याल रखना चाहिए. हमेशा अपने अलीम की इज्जत करनी चाहिए और उनसे ज्यादा से ज्यादा तालीम हासिल करते रहना चाहिए. उलेमाओं ने कहा कि नबी के जमाने में भी इल्म की कमी के कारण कई जहालत भरे काम हुआ करते थे, लेकिन जब नबी आए तो जहालियत के दौर को खत्म करने का काम किया.

मकराना (नागौर). जिले के मकराना में फैजाने सहाबा कमेटी के तत्वावधान में रविवार को इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया. इस कॉन्फ्रेंस का आगाज कुराने पाक की तिलावत के साथ हुआ. जिसमें पाली से आए नात ख्वा कारी मोहम्मद शरीफ ने अपनी दिलकश आवाज में एक से बढ़कर एक नात कलाम पेश किए.

मकराना में इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन

मालेगांव महाराष्ट्र से आए सय्यद अमीनुल कादरी ने तकरीर करते हुए कहा कि अपने आखिरत को सवारने के लिये नेक कार्य करने चाहिए. जहन्नम के अजाब का आलम हम सहन नहीं कर पाएंगें. वहीं इस दौरान अन्य उलेमाओं ने कहा कि हम जिस दौर में चल रहे है वह तालीम का दौर है. इंसान अगर तलीम हासिल नहीं करता तो उसकी कोई कदर नहीं होती है. तालीम के मामले में बच्चों में फर्क न करें. चाहे लड़का हो या लड़की तालीम हासिल करना सबका हक हैं.

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इस दौर में दुनियावी तालीम के साथ दीन की तालीम भी जरूरी है. हमें इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए.हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए. हमे गरीबों का ख्याल रखना चाहिए. हमेशा अपने अलीम की इज्जत करनी चाहिए और उनसे ज्यादा से ज्यादा तालीम हासिल करते रहना चाहिए. उलेमाओं ने कहा कि नबी के जमाने में भी इल्म की कमी के कारण कई जहालत भरे काम हुआ करते थे, लेकिन जब नबी आए तो जहालियत के दौर को खत्म करने का काम किया.

Intro:मुआशरा कॉन्फ्रेन्स के तहत तकरीर का आयोजन हुआ
फैजाने सहाबा कमेटी मकराना के तत्वावधान में शहर के अब्दुल सराय क्षेत्र स्थित मोहम्मदिया मस्जिद के पास इस्लाहे मुआशरा कॉन्फ्रेन्स का आयोजन किया गया। कॉन्फ्रेन्स का आगाज कुराने पाक की तिलावत से हुआ। इसके बाद पाली से आये नात ख्वा कारी मोहम्मद शरीफ ने अपनी दिलकश आवाज में एक से बढकर एक नातिया कलाम पेश किये। व
बाईट:- 1, सय्यद अमीनुल कादरी उलेमा मालेगांव

Body:ही मालेगांव महाराष्ट्र से आये सय्यद अमीनुल कादरी ने कॉन्फ्रेन्स के दौरान तकरीर करते हुए कहा कि अपने आखिरत को सवारने के लिये नेक कार्य करने चाहिए। जहन्नम के अजाब का आलम हम सहन नहीं कर पायेगें। वही इस दौरान अन्य उलेमाओं ने कहा कि हम जिस दौर में चल रहे है वह इल्म का दौर है। इंसान अगर इल्म हासिल नही करता तो उसकी कोई कदर नहीं होती। उसे कोई नही पूछता। सभी अपने बच्चों को उची से ऊंची शिक्षा दिलाए। इल्म के मामले में बच्चों में फर्क न करें। चाहे लडका हो या लडकी इल्म हासिल करना सबका हक हैं। इल्म के इस दौर में दुनियावी तालीम के साथ दीन की तालीम भी जरूरी है। हमे इस्लाम के बताए रास्ते पर चलना चाहिए। हमेशा दूसरों की मदद करनी चाहिए। हमे गरीबो का ख्याल रखना चाहिए। मुसलमान का फर्ज है कि उसकी वजह से दुसरो को तकलीफ न हो। हमेशा अपने अलीम की इज्जत करनी चाहिए और उनसे ज्यादा से ज्यादा इल्म हासिल करते रहना चाहिए। इस्लाम हमेशा अमन ओर शांति का संदेश देता हैं। कई लोग इस्लाम के बारे में गलत फहमी फैला रहे है। Conclusion:उलेमाओं ने कहा कि नबी के जमाने में भी इल्म की कमी के कारण कई जहालत भरे काम हुआ करते थे लेकिन जब नबी आये तो जहालियत का दौर को खत्म करने का काम किया गया। उस दौर में इंसानो को गुलाम बनाया जाता था। ऐसे में अल्लाह ने तमाम इन्सानित के लिए नबी को जमीन पर उतारा। नबी ने कहा है हमे अपने पडोसी का भी ख्याल रहना चाहिए जितना हम अपने परिवार वालो का ख्याल रखते है। इस मौके पर अनेक उलेमाओं ने भी तकरीर एवं नातो मनकबत पेश किये।
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