जैसलमेर: नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने के बाद जैसलमेर में पहली बार 927 पाकिस्तानी विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई. यह कार्यक्रम कलेक्ट्रेट स्थित डीआरडीओ भवन में आयोजित किया गया. इसमें जिला प्रशासन और जनगणना विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति रही. इस मौके पर पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापितों को नागरिकता प्रमाण पत्र दिए गए.
सीएए कानून के तहत भारत में पाकिस्तान से 2014 से पहले धार्मिक उत्पीड़न के कारण आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है. इस कानून के लागू होने से पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापितों के लिए नागरिकता प्राप्त करना आसान हो गया है. पहले, इन विस्थापितों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए कई औपचारिकताएं पूरी करनी पड़ती थीं, जिनमें 12 वर्षों तक भारत में निवास का शर्त भी शामिल थी. अब सीएए के तहत इस प्रक्रिया को सरल किया गया है और ऑनलाइन आवेदन करने की व्यवस्था से यह अधिक सुगम हो गई है.
सीएए लागू होने के बाद जैसलमेर में यह पहला अवसर है, जब इतनी बड़ी संख्या में विस्थापित हिंदुओं को नागरिकता दी गई. इस कार्यक्रम में शामिल हुए विस्थापितों ने खुशी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को धन्यवाद किया. उन्होंने बताया कि यह कदम उनके लिए किसी सपने के सच होने जैसा है, क्योंकि भारतीय नागरिकता मिलने से उन्हें न केवल कानूनी सुरक्षा मिली है, बल्कि उनके बच्चों को भी भविष्य में शिक्षा और रोजगार के मौके मिलेंगे.
इस दौरान सीमांत लोक संगठन के हिन्दू सिंह सोढ़ा, जिला कलक्टर प्रताप सिंह और जनगणना विभाग के निदेशक विष्णु चरण मल्लिक ने विस्थापितों को नागरिकता देने के इस ऐतिहासिक क्षण को महत्वपूर्ण बताया. इन विस्थापितों ने पाकिस्तान से अपने पासपोर्ट भी जमा किए. सोढ़ा ने कहा कि पाकिस्तान से आए लोग अब भारत में सुरक्षित हैं और उनकी सामाजिक और कानूनी स्थिति अब एक नई दिशा में अग्रसर हो रही है. इन विस्थापितों का कहना था कि नागरिकता मिलने के बाद वे अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर सकेंगे. उन्हें अब अपने परिवारों के लिए स्थिरता मिलेगी.
पश्चिमी राजस्थान में रह रहे हजारों विस्थापित: बता दें कि जोधपुर, जैसलमेर और आसपास के क्षेत्रों में हजारों पाकिस्तानी विस्थापित हिंदू रह रहे हैं. उन्हें नागरिकता की आवश्यकता है. सीएए लागू होने के बाद इन विस्थापितों को नागरिकता प्रक्रिया में काफी सरलता महसूस हो रही है. पहले जहां नागरिकता प्राप्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया और दस्तावेजों की जरूरत होती थी, वहीं अब सीएए ने इसे बेहद सरल बना दिया है.