नागौर. लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सभी दल इस बार पूरी ताकत से चुनावी रण में उतर चुके हैं. कांग्रेस में राहुल गांधी के दौरे को लेकर काफी उत्साह के साथ मिशन 25 को लेकर दिखाई दे रही है. कई विधायक और नेताओं की आने वाले समय मे कांग्रेस में शामिल होने की खबरें भी सामने आ रही है. घनश्याम तिवाड़ी कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ बीते दिनों सीएम अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से हुई मुलाकात के बाद आरएलपी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी इस समय चर्चाओ मे हैं.
हनुमान बेनीवाल अपने नागौर दौरे के दौरान पत्रकारों से बातचीत में संकेत भी दिए कि वो कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकते हैं, जिसमें उन्होनें कहा कि उनकी पार्टी आरएलपी एक-दो दिन में कोर कमेटी की बैठक के बाद इसका निर्णय लिया जाएगा. जाहर है कि बैठक में गठबंधन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है. बैठक के बाद ही यह तय हो पाएगा कि आरएलपी किसके साथ गठबंधन करने जा रही है. बता दे कि हनुमान बेनीवाल खींवसर विधानसभी सीट से विधायक हैं.
भाजपा पर साधा निशाना
पत्रकारों से वार्ता के दौरान भाजपा की टिकट सूची को लेकर गंभीर आरोप लगाते हुए बेनीवाल ने भाजपा पर टिकट बेचने के भी आरोप लगाये. उन्होने वसुंधरा राजे और अन्य भाजपा के नेताओं पर टिकटों का खरीद फरोख्त का गंभीर आरोप लगाया. बेनीवाल ने कहा कि भाजपा नेताओं ने एक-एक सीट को 20 से 30 करोड़ में बेचा हैं. आगे उन्होनें यह भी कहा कि भाजपा ने उन प्रत्याशियों को भी मैदान में उतारा जिनके प्रति जनता में भारी आक्रोश बना हुआ है.
इस दौरान हनुमान बेनीवाल ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी वर्षों के बाद इस मुकाम पर पहुंची है. युवाओ और किसानों के लिए आवाज उठाई है. उन्होनें कहा कि वो जनता का विश्वास नहीं जाने देंगे. गौर करने वाली बात है कि बेनीवाल ने इस बार कांग्रेस पर कोई बड़ा आरोप नहीं लगाया हैं. तो कहीं ना कहीं इस बात का जरूर अंदाजा है कि बेनीवाल के नजदीकिया इस बार कांग्रेस की तरफ हो रही है और संभव है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. बेनीवाल ने यह भी कहा कि जल्द ही साफ हो जायेगा कि कांग्रेस में कौन-कौन विधायक और कौन-कौन बड़े नेता शामिल हो रहे हैं.
गौरतलब हे कि राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में पूरी रणनीति के साथ में मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. संभव है कि साथ में गठबंधन भी हो सकता है और इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता. अब देखने वाली बात यह होगी कि बेनीवाल की पार्टी के साथ कही विधानसभा वाली स्थिति ना बन जाए. आखिरी समय में गठबंधन ना होने पर अकेले ही मैदान में उतरना पड़े.