नागौर. गृह मंत्रालय ने अभियोजन विभाग जयपुर को अनुशंसा पत्र भेजने के बाद नागौर सीजेएम न्यायालय में अभियोजन अधिकारी ने न्यायालय के समक्ष प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है. अभियोजन निदेशालय ने मुकदमा वापस लेने आदेश और सरकारी वकील ने मुकदमा वापस लेने की अनुमित के लिए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत दायर अर्जी पर अब 26 फरवरी को CJM न्यायालय में पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई होगी.
आपको बता दें कि मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी और भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग की ओर से नागौर सीजेएम कोर्ट और ADJ कोर्ट एवं हाईकोर्ट में अग्रीम जमानत अर्जी का प्रार्थना पत्र लगाने के बाद खारिज हो चुकी थी. वहीं, 2 नवंबर 2020 को सुप्रीमकोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली थी, लेकिन प्रदेश की गहलोत सरकार ने बड़ा राजनैतिक फैसला लेते हुए मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग पर दर्ज मुकदमें को वापस लेने का फैसला लिया गया है.
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वहीं, मामले में जांच के दौरान सीआईडी-सीबी ने नागौर जिले के मेड़ता विधायक इंदिरा बावरी, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और जोधपुर जिले के भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग सहित 24 जनों के खिलाफ जुर्म प्रमाणित माना था और न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की थी. विधायकों पर धारा 109, 111, 112, 114, 117, 143, 147, 149, 152, 332, 353 आईपीसी और 3 पीडीपीसी के आरोप थे. इस मामले में 22 जनों ने न्यायालय के समक्ष पेश होने के बाद न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के बाद अब जमानत पर हैं. वहीं, दोनों विधायकों के खिलाफ वांरट जारी हो चुके थे. उन्होंने अग्रिम जमानत का प्रार्थना पत्र दाखिल करने के बाद भी राहत नहीं मिलने से अब गहलोत सरकार ने उन्हें राजनैतिक तौर पर राहत जरूर दी है, लेकिन 26 फरवरी को CJM कोर्ट मुकदमा वापस लेने की अनुमित के लिए सीआरपीसी की धारा 321 के तहत दायर अर्जी पर फैसला करेगा.