नागौर. लाडनूं के खेराज जाट की 2001 में आनंदपाल सिंह और उसकी गैंग के पांच अन्य बदमाशों ने आसोटपुर गांव के पास चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी. इस मामले में आनंदपाल और उसके भाई मंजीत सिंह सहित छह आरोपी थे. जिनमें से आनंदपाल और दो अन्य की मौत हो चुकी है बाकी बचे तीन आरोपियों आनंदपाल के भाई मंजीत, उसके साथी अनिल माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्या को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.
जानकारों का कहना है कि खेराज हत्याकांड आनंदपाल गिरोह के गुनाहों की शुरुआत थी. इस हत्याकांड से ही आंनदपाल गैंग चर्चा में आई और उसके बाद इस गैंग ने एक के बाद एक कई वारदातों को अंजाम दिया. जिसके बाद प्रदेश में आनंदपाल गैंग अपराध का पर्याय और आंनदपाल सिंह प्रदेश का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर बन गया था. वहीं हत्या, अपहरण, लूट और फिरौती जैसे कई मामलों में इस गैंग ने न केवल राजस्थान बल्कि हरियाणा, यूपी और एमपी तक अपने गुनाहों का साम्राज्य बना लिया था.
जेल में रहते हुए आनंदपाल ने अपने ऊपर लगे मामलों के गवाहों को धमकाना शुरू किया. खेराज मामले में भी आनंदपाल ने मुख्य गवाह महीप मास्टर को गैंगस्टर अनुराधा के जरिए अगुआ करवा लिया और इस मामले में बयान भी बदलवा दिए थे. लेकिन कोर्ट ने दुबारा दिए उसके बयानों को रिकॉर्ड में नहीं लेते हुए पहले दिए बयानों के आधार पर ही आज सजा सुनाई है.
बता दें कि यह मामला 18 साल तक डीडवाना कोर्ट में चला. इस दौरान तीन आरोपियों की मौत भी हो गई.जिनमें सबसे अहम था खुद आनंदपाल जिसकी 2017 में पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. इससे पहले मनीष हरिजन की भी गैंगवार में मौत हो गई थी. वहीं, सुरपत सुराणा की भी मौत हो गई थी. साथ ही बचे हुए तीन आरोपी जिनमें आंनदपाल का भाई मंजीत सिंह, उसका साथी अनील माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्य को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही कोर्ट ने तीनों आरोपियों पर 25 -25 हजार का अर्थदंड भी लगाया है. मंजित पाल अभी अजमेर जेल में है. अनील माली और सुरेंद्र उर्फ सूर्या जमानत पर थे जिन्हें आज गिरफ्तार करके डीडवाना सब जेल में रखा गया है. इन दोनों को बाद में सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया जाएगा.