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कांग्रेस प्रत्याशी समरिन बनीं सबसे युवा सभापति, मकराना नगर परिषद से चुनी गईं निर्विरोध - nagore news

नागौर की मकराना नगर परिषद में समरिन ने सबसे युवा सभापति के रूप में शपथ ली है. समरिन की उम्र करीब 25 वर्ष है और वह स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रखी है. उन्होंने निकाय चुनाव के दौरान शानदार तरीके से मतदाताओं के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान का आग्रह किया और 578 मत प्राप्त करते हुए 275 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की थी. बता दें कि समरिन को निर्विरोध सभापति निर्वाचित किया गया है.

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Published : Nov 23, 2019, 5:25 PM IST

मकराना (नागौर). मकराना नगर परिषद के सभापति पद को लेकर नामाकंन प्रस्तुत करने वाली 3 महिला उम्मीदवारों ने शनिवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है. जिसकी वजह से कांग्रेस की प्रत्याशी समरिन निर्विरोध सभापति के पद पर निर्वाचित घोषित की गई है.

बता दें कि नगर परिषद के वार्ड संख्या 37 से चुनाव लडकर पार्षद बनी परवीन बेगम ने सभापति पद के चुनाव को लेकर अपना नामांकन प्रस्तुत किया था. और उन्होंने ही सबसे पहले अपना नामाकंन वापिस ले लिया है. उल्लेखनीय है कि परवीन बेगम नगर परिषद के उपसभापति अब्दुल समद सिसोदिया की धर्मपत्नी है.

मकराना नगर परिषद की सभापति बनी समरिन

इसी प्रकार समाज सेवी मोहम्मद अशफाक रान्दड़ की पत्नी सईदा बेगम ने भी अपना नामांकन वापिस ले लिया है. इसके साथ ही दोपहर करीब 2:40 बजे पर रुखसाना ने भी अपना नामाकंन वापिस ले लिया, जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है. निर्वाचन अधिकारी मकराना सैय्यद सीराज अली जैदी ने नव निर्वाचित सभापति समरिन को शपथ दिलाई है.

पढे़ं: फणनवीस के राजतिलक पर गहलोत का बयान, बोले- इस तरह छिपकर शपथ दिलाना कौन सी नैतिकता

गौरतलब है कि रुखसाना नगर परिषद मकराना के सभापति शौकत अली गौड़ के बडे भाई हाजी मुख्त्यार अहमद गौड़ की पुत्रवधू है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी समरिन मकराना के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत की पुत्री है, जो नगर परिषद के पूर्व सभापति पार्षद अब्दुल सलाम भाटी के छोटे भाई मुजीबुर्रहमान भाटी की पुत्रवधू है.

गौरतलब है कि सभापति शौकत अली गौड़ की पुत्री जेबा कोसर जो इन चुनावों में जीतकर पार्षद बनी है, वह नगर परिषद के पूर्व सभापति अब्दुल सलमा भाटी के बडे बेटे हाजी मोहम्मद हयात की धर्मपत्नी है. इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन एवं इनकी प्रतिद्वंदी रही निर्दलीय प्रत्याशी रुखसाना भी आपस में रिश्तेदार है.

पढ़ें: गजब! दहेज में न मांगा पैसा...न सोना-चांदी, दूल्हा हुआ एक बछिया पर राजी

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सभापति के पद को लेकर जो उठापठक रिश्तेदारों के माध्य चल रही थी, आखिरकार शनिवार को उसपर विराम लग गया है और समरिन को निर्विरोध सभापति घोषित किया गया है. समरिन के सभापति बनने के साथ ही इनके समर्थको की ओर से भव्य जुलूस निकाला गया तथा लोगों ने भी समरिन का अनेक स्थानों पर स्वागत किया.

बता दें कि चुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी नहीं उतारा है, जबकि भाजपा के 3 उम्मीदवार चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं. समरिन भाटी ने निर्विरोध सभापति बनने के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि शहर के विकास में सभी भागीदार होगें और सब को साथ लेकर विकास के कार्य करवाये जायेंगे. वहीं नव निर्वाचित सभापति समरिन शपथ लेने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रति भी आभार ज्ञापित किया है.

मकराना (नागौर). मकराना नगर परिषद के सभापति पद को लेकर नामाकंन प्रस्तुत करने वाली 3 महिला उम्मीदवारों ने शनिवार को अपना नामांकन वापस ले लिया है. जिसकी वजह से कांग्रेस की प्रत्याशी समरिन निर्विरोध सभापति के पद पर निर्वाचित घोषित की गई है.

बता दें कि नगर परिषद के वार्ड संख्या 37 से चुनाव लडकर पार्षद बनी परवीन बेगम ने सभापति पद के चुनाव को लेकर अपना नामांकन प्रस्तुत किया था. और उन्होंने ही सबसे पहले अपना नामाकंन वापिस ले लिया है. उल्लेखनीय है कि परवीन बेगम नगर परिषद के उपसभापति अब्दुल समद सिसोदिया की धर्मपत्नी है.

मकराना नगर परिषद की सभापति बनी समरिन

इसी प्रकार समाज सेवी मोहम्मद अशफाक रान्दड़ की पत्नी सईदा बेगम ने भी अपना नामांकन वापिस ले लिया है. इसके साथ ही दोपहर करीब 2:40 बजे पर रुखसाना ने भी अपना नामाकंन वापिस ले लिया, जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है. निर्वाचन अधिकारी मकराना सैय्यद सीराज अली जैदी ने नव निर्वाचित सभापति समरिन को शपथ दिलाई है.

पढे़ं: फणनवीस के राजतिलक पर गहलोत का बयान, बोले- इस तरह छिपकर शपथ दिलाना कौन सी नैतिकता

गौरतलब है कि रुखसाना नगर परिषद मकराना के सभापति शौकत अली गौड़ के बडे भाई हाजी मुख्त्यार अहमद गौड़ की पुत्रवधू है. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी समरिन मकराना के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत की पुत्री है, जो नगर परिषद के पूर्व सभापति पार्षद अब्दुल सलाम भाटी के छोटे भाई मुजीबुर्रहमान भाटी की पुत्रवधू है.

गौरतलब है कि सभापति शौकत अली गौड़ की पुत्री जेबा कोसर जो इन चुनावों में जीतकर पार्षद बनी है, वह नगर परिषद के पूर्व सभापति अब्दुल सलमा भाटी के बडे बेटे हाजी मोहम्मद हयात की धर्मपत्नी है. इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन एवं इनकी प्रतिद्वंदी रही निर्दलीय प्रत्याशी रुखसाना भी आपस में रिश्तेदार है.

पढ़ें: गजब! दहेज में न मांगा पैसा...न सोना-चांदी, दूल्हा हुआ एक बछिया पर राजी

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि सभापति के पद को लेकर जो उठापठक रिश्तेदारों के माध्य चल रही थी, आखिरकार शनिवार को उसपर विराम लग गया है और समरिन को निर्विरोध सभापति घोषित किया गया है. समरिन के सभापति बनने के साथ ही इनके समर्थको की ओर से भव्य जुलूस निकाला गया तथा लोगों ने भी समरिन का अनेक स्थानों पर स्वागत किया.

बता दें कि चुनाव में भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी नहीं उतारा है, जबकि भाजपा के 3 उम्मीदवार चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं. समरिन भाटी ने निर्विरोध सभापति बनने के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि शहर के विकास में सभी भागीदार होगें और सब को साथ लेकर विकास के कार्य करवाये जायेंगे. वहीं नव निर्वाचित सभापति समरिन शपथ लेने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रति भी आभार ज्ञापित किया है.

Intro:मकराना नगर परिषद की सभापति बनी समरिन
मकराना नगर परिषद के सभापति पद को लेकर नामाकंन प्रस्तुत करने वाली तीनों महिला उम्मीदवारों ने शनिवार को अपनी अभ्यर्थिता वापिस ले ली है। जिसकी वजह से कांग्रेस की प्रत्याशी समरिन निर्विरोध सभापति के पद पर निर्वाचित घोषित की गई है।

बाईट:- 1, 2 समरिन निवनिर्वाचत सभापति नगर परिषद मकराना
Body:मकराना नगर परिषद के वार्ड संख्या 37 से चुनाव लडकर पार्षद बनी परवीन बेगम ने सभापति पद के चुनाव को लेकर अपना नामांकन प्रस्तुत किया था और इन्होने ही सबसे पहले अपना नामाकंन वापिस लिया। उल्लेखनीय है कि परवीन बेगम नगर परिषद के उपसभापति अब्दुल समद सिसोदिया की धर्मपत्नी है। इसी प्रकार समाज सेवी मोहम्मद अशफाक रान्दड़ की पत्नी शईदा बेगम ने भी अपना नामांकन वापिस ले लिया है। वही एन वक्त दोपहर करीब 2:40 बजे पर रूखशाना ने भी अपना नामाकंन वापिस ले लिया। जिसकी वजह से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया है। नगर परिषद कार्यालय में निर्वाचन अधिकारी मकराना सैय्यद शीराज अली जैदी ने नव निर्वाचित सभापति समरिन को शपथ दिलाई। मालूम होवें कि रूखशान नगर परिषद मकराना के सभापति शौकत अली गौड के बडे भाई हाजी मुख्त्यार अहमद गौड की पुत्रवधू है। वही कांग्रेस प्रत्याशी समरिन मकराना के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष जाकिर हुसैन गैसावत की पुत्री है जो नगर परिषद के पूर्व सभापति पार्षद अब्दुल सलाम भाटी के छोटे भाई मुजीबुर्रहमान भाटी की पुत्रवधू है। गौरतलब है कि सभापति शौकत अली गौड की पुत्री जेबा कोसर जो इन चुनावों में जीतकर पार्षद बनी है वह नगर परिषद के पूर्व सभापति अब्दुल सलमा भाटी के बडे बेटे हाजी मोहम्मद हयात की धर्मपत्नी है। इस लिहाज से कांग्रेस प्रत्याशी समरिन एवं इनकी प्रतिद्विंदि रही निर्दलीय प्रत्याशी रूखशान भी आपस में रिश्तेदार है। कुल मिलकर सभापति के पद को लेकर जो उठापठक रिश्तेदारों के माध्य चली आखिरकार शनिवार को विराम लग गया और समरिन को निर्विरोध सभापति घोषित किया गया। समरिन के सभापति बनने के साथ ही इनके समर्थकों की ओर से भव्य जुलूस निकाला गया तथा लोगों ने भी समरिन का अनेक स्थानों पर स्वागत किया गया। समरिन के सभापति बनने पर अनेक स्थानों पर लोगों में पटाखे फोडकर अपनी खुशी का इजहार भी किया। ज्ञात रहे कि इन चुनावों में भाजपा ने अपना उम्मीदवार भी नहीं उतारा है जबकि भाजपा के तीन उम्मीदवार चुनाव जीतकर पार्षद बने है। समरिन भाटी ने निर्विरोध सभापति बनने के बाद मीडिया कर्मियों से मुखातिब होते हुए कहा कि शहर के विकास में सभी भागीदार होगें और सब को साथ लेकर विकास के कार्य करवाये जायेगें। साथ ही समरिन ने एक मंझे हुए राजनेता की तरह ही प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के प्रति भी आभार ज्ञापित किया है।
Conclusion:मकराना नगर परिषद के इतिहास में सबसे युवा सभापति बनने का गौरव प्राप्त करने वाली समरिन ने एक अलग ही मुकाम प्राप्त किया है। इन्होने निकाय चुनाव के दौरान शानदार तरीके से मतदाताओं के बीच जाकर अपने पक्ष में मतदान का आग्रह किया और इन्होने 578 मत प्राप्त करते हुए 275 मतों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। इसके साथ ही इनके सभापति बनने की अटकले शुरू हुई और कांग्रेस पार्टी ने इन्हे सभापति पद हेतु उम्मीदवार घोषित किया। इस के साथ ही इनके पक्ष में तीन निर्दलीय प्रत्याशियों द्वारा शनिवार को नाम वापिस लिये जाने से इन्होने सबसे युवा सभापति बनने का गौरव भी प्राप्त किया है। समरिन उम्र करीब 25 वर्ष है और स्नातक स्तर की शिक्षा प्राप्त कर रखी है।
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