नागौर. पानी से भरे गड्ढे में डूबने से 4 बच्चों की मौत (4 children drowning in water) के मामले में परिजनों ने रविवार को नगर परिषद के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है. परिजनों ने नगर परिषद आयुक्त को हटाने की मांग है. साथ ही मामले में उच्च स्तरीय जांच की भी मांग की जा रही है.
परिजनों की ओर से नगर परिषद आयुक्त श्रवण राम चौधरी को सस्पेंड करने की मांग की जा रही है. साथ ही पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग परिजनों ने की है. परिजनों का कहना है कि जिन-जिन अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है उनके खिलाफ तुरन्त मुकदमा दर्ज हो. मृतक बच्चों के परिजनों के पास रहने के लिए जगह नहीं है. ऐसे में उन्हें रहने के लिए जमीन दी जाए और पूरे मामले में नगर परिषद आयुक्त श्रवण राम चौधरी को सस्पेंड किया जाए.
वहीं, इस विरोध प्रदर्शन में रालोपा के पदाधिकारी मृतक बच्चों के परिजन सहित साटिया समाज के लोग के साथ धरने पर बैठे हैं. बता दें कि रालोपा पार्टी ने मृतक का परिजनों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता दी है. साथ ही नगर परिषद ईओ को तत्काल सस्पेंड करने की मांग कर दी है.
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गौरतलब है कि नागौर शहर के पॉवर हाउस के सामने खाली पड़ी जमीन पर नगर परिषद ने गड्ढे खोद रखे हैं और इन गड्ढों में शहर का कचरा डाला जाता है. 2 दिन पूर्व हुई मूसलाधार बारिश के चलते यह गड्ढे पानी से भर चुके थे और कल पैर फिसलने से इन गड्ढों में गिरने से चार बच्चों की मौत हो गयी थी. पूरे मामले को लेकर अब नगर परिषद आयुक्त श्रवण कुमार चौधरी के खिलाफ परिजनों ने मोर्चा खोला गया है. परिजनों का आरोप है कि नगर परिषद आयुक्त और नगर परिषद के अन्य अधिकारियों की लापरवाही से यह हादसा हुआ है.