नागौर. सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा भले ही मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में कर दी थी, लेकिन इसके लिए जरूरी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अभी भी लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. ऐसे में अब नागौर जिला प्रशासन की पहल ऐसे लोगों को बड़ी राहत दे सकती है. इसके तहत 1 अक्टूबर को नागौर पंचायत समिति में शिविर लगाकर पात्र लोगों के ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे.
नागौर एसडीएम दीपांशु सांगवान की ओर से जारी एक आदेश के अनुसार नागौर उपखंड की ग्राम पंचायतों के लोगों के लिए एक विशेष शिविर 1 अक्टूबर को सुबह 9 बजे से लगाया जाएगा. इस शिविर में उन्हीं लोगों के प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे जो 27 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन करेंगे. उन्होंने आदेश में साफ किया है कि भविष्य में भी समय-समय पर ऐसे शिविर लगाए जाएंगे.
आवेदन के लिए यह दस्तावेज हैं जरूरी
- आवेदन फॉर्म, आय प्रमाण पत्र, मूल निवास प्रमाण पत्र
- पते की पहचान के लिए आधार, राशन, वोटर आईडी, किरायानामा, गैस कनेक्शन डायरी, बिजली या पानी का बिल
- खुद या पिता की जाति के साक्ष्य का प्रमाण पत्र
- राजकीय कार्मिकों को कार्यालयाध्यक्ष की ओर से जारी वेतन संबंधी फॉर्म- 16
- राजकीय उपक्रम/प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को नियोक्ता की ओर से जारी वार्षिक वेतन विवरण या फॉर्म-16
- आवेदक की ओर से 50 रुपए के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए केंद्र सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया था. लेकिन इसके लिए जरूरी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने में लोगों को काफी परेशानी आ रही थी. वहीं अब शिविर लगने से लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.