नागौर. जिले में डीजे के धूम-धड़ाके की वजह से पशुओं के गर्भपात मामले को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और पूरे जिले में डीजे बजाने पर पाबंदी लगा दी है. जिला पुलिस अधीक्षक विकास पाठक ने जिले के सभी थानाधिकारी और CO को इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं.
नागौर जिला परिवहन अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं, कि जिन वाहनों पर डीजे साउंड सिस्टम लगा हो या जो वाहन ध्वनि प्रदूषण करते हों, उन्हें जब्त किया जाए और उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के साथ ही ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए. बिना अनुमति वाहनों में परिवर्तन कराने पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 191 का उल्लंघन और दण्डनीय अपराध मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.
नागौर में डीजे पर पाबंदी के बाद अब भविष्य में डीजे बजाने के लिए पुलिस से पहले अनुमति लेनी होगी. आदेश का पालन नहीं करने पर सीआरपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी. बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय एवं औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि नियंत्रण के लिए आदेश दे रखे हैं. आमजन को ध्वनि प्रदूषण से होने वाले परेशानियों, असुविधा, हानि और जोखिम से बचाने के लिए ये निर्णय किया गया है.